नपाध्यक्ष बताएं कि पूर्व सीएमओ व उपअभियंता के निलंबित होने का कारण
दिलीप गुप्ता
सरायपाली। कार्य में बदलाव नहीं केवल स्वरूप में परिवर्तन किया जा रहा है यह कथन नगर में बन रहे तथाकथित गौरवपथ में व्याप्त अनियमितताओं व भ्रष्टाचार के संबंध में नपाध्यक्ष सरायपाली द्वारा जारी कथित प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है।
नपाध्यक्ष के जवाब को सुनकर लोग हंसी उड़ा रहे हैं। वे शब्दों के जाल में उलझकर रह गई है। उन्हें यह पता नहीं है कि किसी भी कार्य के स्वरूप में परिवर्तन किया जाता है तो उसका बदलाव स्वमेव हो ही जाता है। नपाध्यक्ष को शायद यह भी नहीं मालूम कि इन्ही स्वरूप परिवर्तन व अन्य अनियमितताओं के कारण ही तत्कालीन सीएमओ व सब इंजीनियर सस्पेंड हो चुके हैं।
अखबारों व सोशल मीडिया में लगातार गौरवपथ निर्माण में व्याप्त भ्रष्टाचार, अनियमितता व बदलाव के कारण नगरवासियों को गौरवपथ का लाभ निर्धारित समय पर नही मिल पा रहा है। सोशल मीडिया में लोग अब अपनी भड़ास निकालने के साथ ही गौरवपथ के घटिया निर्माण को लेकर उंगली भी उठाने लगे हैं।
जनप्रतिनिधियों को अब प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से सफाई भी देनी पड़ रही है वह भी पति व पत्नी दोनों द्वारा। सोशल मीडिया में लोग प्रश्नों की बौछार कर नपाध्यक्ष व नगरपालिका से सवाल भी पूछ रहे हैं। अनेक सवालों की लिस्ट जारी करते हुवे जवाब भी मांग रहे हैं। नगरवासी के इन सवालों का नपाध्यक्ष द्वारा सभी का तथ्यविहीन व शब्दो के मायाजाल से भरा जवाब दे रहे हैं।
नपाध्यक्ष व उनके पति द्वारा कल जारी प्रेस विज्ञप्ति में गौरवपथ निर्माण पर अपनी सफाई तो दी और कई बातों का उन्होंने उल्लेेख ही नहीं किया जिसका जवाब जनता जानना चाहती है। गौरवपथ निर्माण से संबंधित दस्तावेज आम नागरिकों को सूचना के अधिकार के तहत मांगे जाने पर क्यों उपलब्ध नही कराया जा रहा है ? बैठक में गौरवपथ के प्राक्कलन को बैठक में रखने के निर्देश के बाद भी क्यों नही रखा गया? आम नागरिकों को ऐसा क्या कारण है कि प्राक्कलन नहीं दिया जा रहा है? गत 20 फरवरी को सभागृह में आयोजित बैठक में एसडीएम द्वारा अनपेक्षित रूप से बनाये गए क्रासिंग को बन्द किये जाने के 3 महीने बाद भी बन्द क्यों नही किया गया?
डिवाइडरों की ऊंचाई कम करने व ग्रिल लगाने के साथ ही अन्य परिवर्तनों की अनुमति की जानकारी सार्वजनिक क्यों नहीं की जा रही है? डिवाइडरों की प्रस्तावित ऊंचाई 90 सेमी के स्थान पर बगैर सक्षम व तकनीकी स्वीकृति के 30 सेमी कम कर 60 सेमी क्यों किया गया? नाली का निर्माण दोनों साइड पर 4000 मीटर प्रस्तावित था वह बाई तरह 2800 व दाईं तरफ 2150 मीटर क्यों बनाया गया? ठेकेदार को गौरवपथ व नाली निर्माण के पूर्व इस निर्माण कार्य के मध्य आने वाले चबूतरों अतिक्रमणों, पेड़ों को समय पूर्व क्यों नहीं हटाया गया? एसडीएम के बार बार आदेश निर्देश की अवहेलना क्यों की गई? जिसकी वजह से अनावश्यक रूप से गौरवपथ निर्माण में आज तक विलम्ब हो रहा है जिससे आम नागरिक व व्यापारी वर्ग परेशान हो रहा है।
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नाली निर्माण के लिए कुछ व्यापारियों से लिखित में आवेदन क्यों व किस नियम के तहत लिया जा रहा है? डिवाइडरों में पूर्व में ट्यूबलर पोल लगाया जाना था अब लगाया जायेगा आक्टोगोनल पोल निश्चित रूप से इसकी कीमत भी अधिक होगी तो इसकी भरपाई कैसे होगी? क्या इसकी स्वीकृति ली गई है ? नपाध्यक्ष का कहना है कि शहर कि सुन्दरता के लिए यह निर्णय लिया गया किंतु शहर की सुंदरता सिर्फ लाइट लगाने से ही ही जाएगी? अव्यवस्थित डिवाइडरों के निर्माण जगह जगह क्रासिंग छोड़े जाने से तो आपने पहले से ही गौरवपथ व शहर को बदरंग कर दिया है। इस तरह बनाये जा रहे व जगह जगह डिवाइडरों में क्रासिंग न छोड़े जाने की समझाइश नगर की सुंदरता व दुर्घटनाओं को आमंत्रित करने वाला निर्णय ठेकेदार ने अपने अनुभव के आधार पर आपको बताया था पर आसन्न नगर चुनाव को ध्यान में रखते हुए व लोगो को खुश करने व तुष्टिकरण की नीति को देखते हुए व चुनावी फायदे के लिए आपने नगर को बदरंग व असुरक्षित कर दिया।
नपाध्यक्ष ने बताया कि किसी भी निर्माण कार्य का प्राक्कलन आर्किटेक्ट के माध्यम से तैयार किया जाता है। उक्त प्राक्कलन को पीआईसी, परिषद बैठक की अनुशंसा उपरांत राज्य सरकार के उच्चाधिकारियों द्वारा स्वीकृति प्रदान की जाती है तो क्या इसे नपाध्यक्ष कार्य की पारदर्शिता के लिए नगरवासियो के लिए सार्वजनिक करेंगी।
नपाध्यक्ष ने कहा है कि गौरवपथ निर्माण कार्य में हो रहे व्यय की राशि भाजपा सरकार द्वारा की जा रही है। कांग्रेस सरकार में केवल कागज में ही स्वीकृति प्रदान की गई थी तो क्या जब पूर्व नपाध्यक्ष व ठेकेदार द्वारा जब कांग्रेस की नगर सरकार रहते हुवे गौरवपथ निर्माण का शिलान्यास किया गया था व कुछ महीनों तक कार्य भी किया गया था तो क्या यह कार्य बगैर राशि के आबंटन के प्रारम्भ कर दिया गया तो क्या पूर्व नपाध्यक्ष व ठेकेदार ने अपने जेब से पैसा लगाकर कार्य प्रारम्भ कराया था ? नगर में चर्चा है कि पति खुद जेब से पैसा लगाकर कार्य करवा रहे हैं? जब स्वीकृत राशि से ही कार्य कराया जा रहा है ऐसा दावा किया जा रहा है तो फिर जेब से पैसा क्यों लगाया जा रहा है ? क्या नपाध्यक्ष नगरवासियों को जानकारी देंगी कि गौरवपथ निर्माण के लिए कब कब कितनी कितनी राशि प्राप्त हुई ?
नपाध्यक्ष ने कहा कि सर्विस रोड बनेगा पर डामरीकरण के स्थान पर पेवर ब्लाक लगाकर। नगर की जनता जयस्तंभ चौक से शिवमंदिर तक सड़क के दोनों तरफ फुटपाथ के लिए लगाए गए पेवर ब्लाक लगाने के समय भ्रष्टाचार व उसकी दुर्दशा देख चुकी है। अब इसकी पुनरावृति सर्विस रोड में देखने को मिलेगा।
नगर में चर्चा है कि सर्विस रोड व अतिरिक्त नाली निर्माण के लिए जगह की कमी के चलते इसके निर्माण संभव नही है तो पेवर ब्लाक किस सर्विस रोड में लगाया जायेगा ? ऐसे अनेक प्रश्न है जिसका जवाब न नपाध्यक्ष के पास है और न ही नगरपालिका के पास। फिलहाल नगर को भागवान भरोसे अपने हाल पर छोड़ दिया गया है।