:दिलीप गुप्ता:
सरायपाली :- नगर में 41 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे गौरव पथ योजना में व्याप्त भ्रष्टाचार, लापरवाही और तकनीकी अनियमितताओं के संबंध में सचिव नगरीय प्रशासन , निर्देशक लोक निर्माण विभाग , संयुक्त निर्देशक व मुख्य अभियंता को भेजे गए शिकायत पत्र में गौरवपथ नगर के विकास और नागरिक सुविधाओं के लिए प्रतीक के रूप में शुरू की गई थी, आज यह ठेकेदार की मनमानी, प्रशासनिक उदासीनता और इंजीनियरों की निष्क्रियता के कारण अव्यवस्था और भ्रष्टाचार का पर्याय बन चुकी है।

नगर के वरिष्ठ समाजसेवी व नेता कमल अग्रवाल द्वारा उच्च अधिकारियों को भेजे गए पत्र में घटिया निर्माण सामग्री और तकनीकी मानकों की अनदेखी इस योजना में उपयोग की गई, सामग्री गुणवता मानको के अनुरूप नहीं है। सड़क और नालियों का निर्माण घटिया सामग्री से किया गया है, जिसके कारण सड़कें और नालियां बारिश में क्षतिग्रस्त हो रही हैं। तकनीकी बारीकियों, जैसे सड़क की ढलान, ड्रेनेज सिस्टम की डिजाइन और क्रैश बैरियर की अनुपस्थिति में गंभीर खामियां हैं, जो परियोजना के प्रकलान और डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) के उल्लंघन को दर्शाती हैं। नगर के मार्ग सहित कई स्थानों पर नालियां अधूरी हैं, जिसके कारण बारिश का पानी सड़कों पर जमा होकर तालाब जैसी स्थिति पैदा करता है।

ठेकेदार द्वारा कार्य समयसीमा का पालन नहीं किया गया है। योजना के कई हिस्से अधूरे पड़े है । सूत्रों के अनुसार, ठेकेदारों और अधिकारियों के बीच कमीशनखोरी का खेल चल रहा है, जिसके चलते निर्माण की गुणवत्ता और समयसीमा की बलि दी जा रही है।
प्रशासनिक और इंजीनियरिंग निगरानी की कमी: विभागीय इंजीनियरों द्वारा निर्माण कार्यों की निगरानी न के बराबर की गई है। यह संदेह पैदा करता है कि इंजीनियर या तो दबाव में हैं या भ्रष्टाचार में संलिप्त हैं। परियोजना के प्रकलान में उल्लिखित तकनीकी मानकों, जैसे सड़क की चौड़ाई, ड्रेनेज की गहराई और सामग्री की गुणवता, की कोई जांच नहीं की गई।
नागरिकों को हो रही असुविधा और खतरा: अधूरी सड़कों और टूटी-फूटी नालियों के कारण मुख्य चौक सहित कई स्थानों पर दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है। नालियों से गंदा पानी घरों में घुस रहा है, जिससे स्वच्छता संकट और बीमारियों का खतरा उत्पन्न हो रहा है। स्थानीय नागरिकों को दैनिक जीवन में असुविधा और असुरक्षा का सामना करना पड़ रहा है, जिसके लिए प्रशासन की उदासीनता जिम्मेदार तकनीकी बारीकियों की समीक्षा सड़क निर्माण, ड्रेनेज सिस्टम, और अन्य तकनीकी पहलुओं का विशेषज्ञों द्वारा मूल्यांकन किया जाए ताकि मानकों के उल्लंघन का पता लगाया जा सकें।

जिम्मेदारी का निर्धारण दोषी ठेकेदार, इंजीनियरों और अधिकारियों की पहचान कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। योजना का पुनरारंभः निर्माण कार्य को तय मानकों और समयसीमा के अनुसार पुनः शुरू करवाया जाए ताकि नागरिकों को सुविधा और सुरक्षा मिल सके।
शिकायतकर्ता कमल अग्रवाल ने शिकायतों का समाधान तत्काल सुधारात्मक कदम उठाए जाएं। आशा करते हैं कि आप इस गंभीर मामले को प्राथमिकता देंगे और गौरव पथ परियोजना को भ्रष्टाचार और लापरवाही से मुक्त कर इसे वास्तविक रूप से नगर के गौरव का प्रतीक बनाएं जाने में सहयोग प्रदान करें ।