भाव का भूखा है भगवन , भाव ही इक सार है , जो भाव से भजता है उनको , तो भव से बेड़ा पार है
गरियाबंद। भाव का भूखा है भगवन , भाव ही इक सार है , जो भाव से भजता है उनको , तो भव से बेड़ा पार है जीवन में सत्संग तभी प्रवेश करता है जब मन में अटूट श्रद्धा और भक्ति भगवान के चर...