Tab Water Meter : मकानों के नलों में वाटर मीटर लगाने की योजना फेल
– अमृत मिशन योजना के तहत नगर निगम को लगाना है नल वाटर मीटर
– पहले चरण में 25 हजार 457 मकानों में वाटर मीटर लगाने का प्लान
– दूसरे चरण में एक लाख आठ हजार मकानों में लगाने का प्लान
विशेष संवाद्दाता
Tab Water Meter : रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में केंद्र सरकार की अमृत मिशन योजना का कबाड़ा निकल गया है। कॉलोनियों के मकानों में नलों के कनेक्शन प्वॉइंट पर वाटर मीटर लगाने की योजना फेल हो गई है।
नगर निगम और स्मार्ट सिटी की लापरवाही से वाटर मीटर लगाना तो दूर अधिकांश मकानों का सर्वे ही नहीं हो सका है। यही नहीं, कुछ कॉलोनियों के जिन मकानों में वाटर मीटर लगाया गया है, वहां इंस्टालेशन ही नहीं किया गया है।
दरअसल, पांच साल पहले वाटर मीटर लगाने की योजना की शुरुआत की गई। उद्देश्य था कि वाटर मीटर लगने पर जितना पानी की खपत होगी, उसी के हिसाब जल कर लिया जाएगा,
लेकिन पांच साल बाद 20 फीसदी मकानों के नलों में वाटर मीटर नहीं लगाया जा सका। अगर वाटर मीटर लगाने की रफ्तार ऐसी ही रही तो दशकभर में एक लाख २५ हजार मकानों में वाटर मीटर नहीं लग पाएगा।
इतने मकानों में लगने हैं वाटर मीटर
जानकारी के मुताबिक अमृत मिशन योजना के तहत शहरी कॉलोनियों में दो चरणों में एक लाख 25 हजार मकानों में वाटर मीटर लगाने की योजना है। पहले चरण में 25 हजार मकानों में मीटर लगाने थे।
इसके लिए स्मार्ट सिटी ने एरिया बेस्ड डेवपलमेंट (एबीडी) क्षेत्र में 24 घंटे पानी की आपूर्ति के लिए 44 करोड़ रुपए की लागत खर्च होनी थी। यह काम भी पूरा नहीं हो सका। इससे वाटर मीटर लगाने की योजना में शासन ने तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।
24 महीने में एक लाख से अधिक लगने थे वाटर मीटर
जानकारी के मुताबिक मकानों के नलों में वाटर मीटर लगाने दूसरे चरण में एक लाख आठ हजार का प्लान बनाया गया था। इसे पूरा करने में 24 महीने का समय निर्धारित किया गया था
Also read : जाने Aaj Ka Rashifal : आज चंद्रमा का संचार दिन रात मिथुन राशि में होगा
, लेकिन पहले चरण का काम ही नहीं पूरा हो सका तो दूसरे चरण का काम कब तक पूरा हो गया, यह कह पाना कठिन है।
इन इलाकों का हो चुका है सर्वे
जानकारी के मुताबिक वाटर मीटर लगाने करीब दर्जनभर से अधिक सर्वे किया गया। इनमें न्यू राजेंद्र नगर, तेलीबांधा, पचपेड़ीनाका, शंकर नगर, अनुपम नगर समेत अन्य कॉलोनियां शामिल थीं,
लेकिन अधिकांश कॉलोनियों के एक भी मकान में वाटर मीटर नहीं लग सका। यही नहीं, जिन मकानों में वाटर मीटर लगा है, वहां मीटर स्टार्ट नहीं हो सका। ऐसी हालत में पानी की चोरी रोकना असंभव है।
ये काम भी अधूरे
शहर की कॉलोनियों में पंप इंस्टालेशन, पाइप लाइन, फिल्टर प्लांट आधुनिकीकरण, स्मार्ट मीटर, मेंटेनेंस करना है, जिस पर करीब 150 करोड़ रुपये खर्च होना निर्धारित किया गया है। यह काम भी पूरा नहीं हो सका है।
कुछ कॉलोनियों में वॉटर मीटर लगाने का काम शुरु हुआ है। एक-एक कर सभी कॉलोनियों में नल वाटर मीटर लगाए जाएंगे।
सतनाम सिंह पनाग, एमआईसी सदस्य, नगर निगम