supreem court चुनाव आयुक्तों के नियुक्ति संबंधी कानून पर रोक की याचिका खारिज

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supreem court चुनाव आयुक्तों के नियुक्ति संबंधी कानून पर रोक की याचिका खारिज

 

supreem court नई दिल्ली ! उच्चतम न्यायालय ने भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) और अन्य दो आयुक्तों (ईसी) की नियुक्ति संबंधी 2023 के (संशोधित) कानून को चुनौती देने वाली याचिकाएं गुरुवार को खारिज कर दी।

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा, “ हम अब कानून पर रोक नहीं लगा सकते हैं। रोक लगाने से केवल अराजकता और अनिश्चितता पैदा होगी।”

पीठ ने हालांकि, कहा कि चयन समिति के सदस्यों को विचार-विमर्श के लिए अधिक समय दिया जा सकता था।

supreem court  सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू को 14 मार्च को चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया था। इससे ठीक एक दिन पहले शीर्ष अदालत में इससे संबंधित मामले की सुनवाई होनी थी।

पीठ ने आगाह करते हुए कहा, “ ऐसी संवैधानिक नियुक्तियों से सावधान रहना होगा। विपक्ष के नेता को बैठक से पहले उम्मीदवारों पर विचार करने के लिए कोई समय नहीं दिया गया। ऐसा लगता है कि कुछ ही घंटों में 200 नामों पर विचार किया गया।”

पीठ ने कहा कि जब मामला अदालत में विचाराधीन है तो सरकार चयन संबंधी बैठक को एक या दो दिन के लिए टाल सकती थी।

शीर्ष अदालत ने कहा, “ न्याय न केवल किया जाना चाहिए, बल्कि होते हुए दिखना भी चाहिए। हम जन प्रतिनिधित्व अधिनियम से निपट रहे हैं जो मेरे अनुसार संविधान के बाद सर्वोच्च है।”

पीठ ने केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा, “ आपको चयन समिति के सदस्यों को उनके सामने आने वाले नामों पर अपना दिमाग लगाने के लिए समय देना चाहिए। संसद ने एक कानून बनाया और इसका मतलब है कि चयन समिति के सदस्यों को इस पर अपना दिमाग लगाना होगा।”

Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से – ये हादसा कहीं भी हो सकता है…

supreem court  शीर्ष अदालत के समक्ष एनजीओ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और अन्य ने याचिका दायर कर नए कानून में सीईसी और ईसी की नियुक्ति के लिए गठित समिति में मुख्य न्यायाधीश नहीं रखे जाने पर सवाल उठाया था।

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