:राजकुमार मल:
भाटापारा- गौठान क्या बंद हुए, प्लास्टिक के फेंसिंग नेट की डिमांड दोगुनी के करीब पहुंच गई। गनीमत यह रही कि कीमत फिलहाल क्रय शक्ति के भीतर ही है।
फसलों को मवेशियों से बचाना है इसलिए खूब खरीदे जा रहे हैं प्लास्टिक के फेंसिंग नेट लेकिन इस दफा किसानों को चौतरफा घेराबंदी करनी पड़ रही है क्योंकि गौठानों के बंद होने से घुमंतू मवेशी खेतों में पहुंच रहे हैं।

इसलिए डिमांड डबल
शहरी क्षेत्र में सड़क पर आ गए हैं स्ट्रीट एनिमल, जो व्यवस्थित आवाजाही में बाधा बने हुए हैं। परेशान ग्रामीण क्षेत्र इसलिए ज्यादा है क्योंकि खुले में घूम रहे मवेशी फसलों पर धावा बोल रहे हैं। यह स्थितियां इसलिए है क्योंकि गौठान बंद किये जा चुके हैं। इसलिए किसान पहली बार प्लास्टिक के फेंसिंग नेट की खरीदी बड़ी मात्रा में कर रहे हैं।
तीन किस्में, तीनों डबल
प्लास्टिक फेंसिंग नेट आरपी फिलहाल सबसे सस्ता नेट है। कीमत प्रति किलो 150 रुपए पर शांत है। इसलिए मांग में सबसे ऊपर है। दूसरी किस्म सेमी प्लास्टिक फेंसिंग नेट के नाम से जानी जाती है। बेहतर मांग इसमें भी निकली हुई है। कीमत 170 से 180 रुपए किलो पर बोली जा रही है। तीसरी किस्म मजबूती में बेमिसाल है इसलिए किसान इस नेट की खरीदी को प्राथमिकता दे रहे हैं। कीमत 190 रुपए किलो पर स्थिर है।

आसान रख-रखाव
आसान परिवहन। लगाने के लिए सीमेंट पोल की जरूरत नहीं पड़ती। फसल कटाई के बाद आसानी से निकाला जा सकता है। यह सुविधा बाढ़ बंदी के दूसरे अन्य साधनों में नहीं मिलती। डिमांड दोगुनी होने के पीछे यह सुविधा भी बड़ी वजह मानी जा रही है। इसलिए भी प्लास्टिक के फेंसिंग नेट की मांग बढ़ी हुई है। बाजार सूत्रों का मानना है कि यह स्थिति फसल कटाई तक बने रहने की पक्की धारणा है।