Health News- ये 4 Yogasan से दूर होगी रीढ़ की हड्डी का दर्द, रुटीन में करें शामिल

Health News- ये 4 Yogasan

खराब लाइफस्टाइल के कारण आजकल कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ने लगा है। इसके अलावा आलस्य के चलते लोग फिजिकल एक्टिविटी भी कम करते हैं और सारा दिन बैठकर निकाल देते हैं लेकिन इसका स्वास्थ्य पर बुरा असर होता है। सारा दिन एक ही जगह बैठकर कंप्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल और कंप्यूटर पर काम करने के कारण कमर में दर्द जैसी परेशानी होने लगती है। इसके अलावा जो लोग गलत तरह से बैठते हैं उनका पोश्चर बिगड़ने के कारण रीढ़ की हड्डी में दर्द हो सकता है। रीढ़ की हड्डी में होने वाले दर्द से छुटकारा पाने के लिए आप कुछ योगासन कर सकते हैं। आज आपको कुछ ऐसे योगासन बताते हैं जो रीढ़ की हड्डी में होने वाले दर्द से छुटकारा दिलवाएंगे। आइए जानते हैं।

मकरासन

मकरासन करने के लिए पेट के बल लेट जाएं। फिर कुहनियों की सहारे सिर और कंधे को उठाएं और हथेलियों पर ठोड़ी को टिका दें। आंखों को बंद करते हुए पूरे शरीर को ढीला छोड़ दें। 5-10 मिनट इस आसन का अभ्यास करने के बाद वापिस इसी अवस्था में आ जाएं।

बलासन

यह आसन भी रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाने में मदद करता है। इसे करने के लिए सबसे पहले घुटनों के बल बैठ जाएं और फिर शरीर का सारा भार अपनी एड़ियों पर डालें। अब गहरी सांस लेते हुए आगे की ओर झुकें। इस दौरान ध्यान रखें कि आपका सीना जांघों को छूए और माथे से फर्श को छूने की कोशिश करें। कुछ सैकेंड तक इसी अवस्था में रहें और फिर वापिस आ जाएं।

भुजंगासन

रीढ़ की हड्डी के लिए भुजंगासन भी बहुत अच्छा माना जाता है। इसे करने के लिए सबसे पहले पेट के बल जमीन पर लेट जाएं। फिर दोनों पैर सीधे करके मिला लें। अब दोनों हाथों को चेहरे के सामने रख लें। दोनों हाथ की उंगलियों को पान का आकार दें। उसी आकार में अपनी ठोड़ी को रखें। फिर सांस भरते हुए धीरे-धीरे दोनों हाथों को सीधा कर लें। कुछ समय तक ऐसी ही स्थिति में रुकें और फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए अपनी स्थिति में आ जाएं।

ताड़ासन

इस आसन को करने के लिए सबसे पहले खड़े हो जाएं। फिर अपनी कमर और गर्दन सीधी रखें। फिर अपने हाथ को सिर के ऊपर ले जाएं और धीरे-धीरे सांस लेते हुए अपने शरीर को ऊपर की ओर खींचें। इस अवस्था में कुछ देर तक रहें और सांस खीचें। अब सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे अपने हाथ और शरीर को पहली वाली अवस्था में ले आएं। ऐसे ही कम से कम 3-4 बार करें।

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