छह सूत्रीय मांग…राशन विक्रेताओं की पदयात्रा, रायपुर रवाना

राशन विक्रेता कल्याण संघ के प्रदेश अध्यक्ष रामदेव सिन्हा ने बताया कि लंबे समय से सरकार से समस्याओं के समाधान और कमीशन वृद्धि की मांग की जा रही है, लेकिन पहल नहीं होने पर यह कदम उठाना पड़ा है।


विक्रेताओं की प्रमुख मांगें

  1. कमीशन वृद्धि
    • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में मिलने वाले 90 रु./क्विंटल और
    • छत्तीसगढ़ खाद्य सुरक्षा योजना में मिलने वाले 30 रु./क्विंटल कमीशन को बढ़ाकर 300 रु./क्विंटल किया जाए।
  2. मानदेय व्यवस्था
    सेवा सहकारी समितियों के जरिए संचालित दुकानों के विक्रेताओं को 30,000 रुपये मासिक मानदेय दिया जाए।
  3. अन्य खाद्य सामग्रियों पर कमीशन
    मध्यान्ह भोजन, पूरक पोषण आहार, छात्रावास सामग्री, अमृत नमक, गुड़, चना, शक्कर आदि के वितरण पर भी 300 रु./क्विंटल कमीशन मिले।
  4. हैंडिंग लॉस प्रतिपूर्ति
    बार-बार तौलने के कारण खाद्यान्न की कमी की भरपाई के लिए 3% अतिरिक्त खाद्यान्न दिया जाए।
  5. स्टेम्पिंग शुल्क
    वेट मशीन की सालाना स्टेम्पिंग का शुल्क निःशुल्क किया जाए।
  6. लंबित भुगतान
    • प्रोत्साहन राशि (वित्तीय पोषण राशि) वर्ष 2023-24 और 2024-25 की तत्काल जारी की जाए।
    • POS मशीन से वितरण पर मिलने वाली 21 रु./क्विंटल मार्जिन राशि (अप्रैल 2022 से लंबित) दी जाए।
    • केंद्र सरकार द्वारा तय 90 रु./क्विंटल कमीशन में राज्यांश का बकाया 20 रु./क्विंटल (पिछले 2 वर्ष का) तत्काल भुगतान किया जाए।

सरकार पर लगाया उपेक्षा का आरोप

विक्रेताओं का कहना है कि वे वर्षों से मांग उठा रहे हैं, लेकिन सरकार ने ध्यान नहीं दिया। 1 अक्टूबर से दुकाने बंद होने के बावजूद किसी तरह की बातचीत या समाधान की पहल नहीं हुई। अब वे राजधानी रायपुर में मुख्यमंत्री निवास के सामने हल्ला बोल आंदोलन करेंगे।

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