:संजय सोनी:
भानुप्रतापपुर। खनिज विभाग एवं वन विभाग के अधिकारियों के संरक्षण के चलते विगत कई वर्षों से मेसर्स गोदावरी पॉवर एण्ड इस्पात प्रा. लि.कच्चे, रायपुर कंपनी प्रबंधन के द्वारा नियमो अधिरोपित शर्तो को दर किनार करते हुए लौह अयस्क का खनन कर रही है ,प्रदेश महासचिव शिवसेना के चंद्रमौली मिश्रा ने इसका विरोध करते हुए 16 बिंदुओं पर आपत्ति दर्ज कराते हुए निष्पक्ष जांच व उचित कार्यवाही की मांग की है।
उन्होंने पत्रकारो को जानकारी देते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य के जिला उ.ब. कांकेर में ग्राम कच्चे आरी डोंगरी कक्ष क्रमांक 608 (पुराना 139) के रकबा 106.60 हे. एवं रकबा 32.360 हे. कुल रकबा 138.96 हे. क्षेत्र में मेसर्स गोदावरी पॉवर एण्ड इस्पात प्रा. लि. रायपुर को खनन हेतु दो भागों में माईंस हेतु स्वीकृति प्रदान की गई थी।

कम्पनी द्वारा नियमों एवं अधिरोपित शर्तों को पालन नहीं किया जा रहा है।
1, आरीडोंगरी माईंस (मेसर्स गोदावरी पॉवर एण्ड इस्पात प्रा. लि. रायपुर) को ग्राम कच्चे वन कक्ष क्र. 608 (पुराना कक्ष क्र. 139 ) के लिए लीज़ रकबा 32.360 हे. क्षेत्र में स्थित
वृक्षों का चिन्हांकन कर 11765 नग वृक्षों का विदोहन योजना तैयार कर स्वीकृति उपरांत वन परिक्षेत्र अधिकारी उत्पादन भानुप्रतापपुर द्वारा 6070 नग वृक्षों का विदोहन किया गया
था तथा कटाई हेतु शेष 5695 नग वृक्ष स्थान में विदोहन हेतु शेष था
लेकिन उपवनमण्डलाधिकारी भानुप्रतापपुर के जांच पत्र क्र./ उप/व.म.अ./ 721 दिनांक 02/06/2023 में शेष वृक्षों की जांच की गई जिसमें पाया गया की 4983 खड़े वृक्ष
आरीडोंगरी माईंस रकबा 32.360 हे. में मौजूद नहीं हैं।
कम्पनी के द्वारा बिना अनुमति के वृक्षों की अवैध कटाई कर नियम विरूद्ध खनन कार्य किया जा रहा है। जिसपर विभाग के द्वारा किसी भी प्रकार से कोई भी कार्यवाही नहीं की गई और दस्तावेजों में अभी भी वृक्ष होना बताया जा रहा है, जबकि स्थल पर एक भी वृक्ष मौजूद नहीं है।
दस्तावेज, स्थल पंचनामा की कॉपी एवं नक्शा की कॉपी संलग्न है।
2, कम्पनी के द्वारा 106.96 हे. एवं 32.360 हे खनन क्षेत्र को समायोजित किया जाना बताया जा रहा है, लेकिन कम्पनी के द्वारा दोनो क्षेत्रों को समायोजन कर माईनिंग प्लान
एक साथ नहीं बनाया गया है न ही किसी प्रकार से केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय से अनुमति ली गई है जिसकी जांच की जावे ।
3, संस्थान द्वारा बिना अनुमति के सेफ्टी जोन से छेडछाड एवं तोड़कर दूसरे जगह पर परिवर्तन किया गया हैं । 1,संस्थान के द्वारा लीज क्षेत्र के दक्षिण – पश्चिम दिशा के बाउण्ड्री पिल्हर J से I के मध्य पिल्हर क्र. I11 से I14 तक एवं I से H व G से F के मध्य पिल्हर क्र. H1 से H3, G1, F5 से F1 में सेफ्टीजोन वनक्षेत्र से लगा हुआ था
जिसे बिना अनुमति के बाद में राजस्व क्षेत्र में वर्ष 2023 में परिवर्तित किया गया है। लेकिन कम्पनी के द्वारा पूर्व में बनाये गये सेफ्टीजोन को हटाते हुए राजस्व एरिया में बिना अनुमति के स्थापित किया गया है।
2, संस्थान के द्वारा लीज क्षेत्र पूर्व दिशा के बाउण्ड्री Bto C के मध्य B1, एवं C से D,
व D से E, E से F के मध्य पिल्हरों में सेफटीजोन के क्षेत्र को परिवतित कर दूसरे
जगह पर सेफ्टी जोन स्थापित कर पौधा लगाया गया है, जिसकी अनुमति विभाग से
नहीं लिया गया हैं ।
3, सेफ्टी जोन में वर्ष 2010 से पौधारोपण बताया गया है जो माईनिंग संस्थान के अभिलेखों में पूर्ण पौधा जीवित है तथा वर्तमान 10 वर्ष व्यतीत होने पश्चात् उनकी स्थिति बहुत अच्छी होनी चाहिए थी ।
किन्तु आज मौके पर निम्न स्थिति में पौधा होना पाया गया। सेफटी जोन का पौधा प्रतिवर्ष माईनिंग संस्थान द्वारा रोपा जाता है और प्रति वर्ष मृत हो जाता है।
4, मेसर्स गोदावरी पॉवर एवं इस्पात लिमिटेड को कक्ष क्र. 608 प्रथम स्वीकृति 106.96 हे. में जो खनन हेतु लीज़ प्राप्त हुआ था जिसपर पिल्हर क्र. K से L के बीच 09 पिल्हर एवं L
A के बीच 05 पिल्हर तक तथा A से B के बीच 02 पिल्हर तक के सेफ्टीजोन को हटा दिया गया है जिसकी अनुमति कम्पनी के द्वारा नहीं ली गई, सेफटीजोन के अंदर
लगाये गये वृक्षों के साथ बनाये गये सेफ्टीजोन को पूर्णरूप से हटा दिया गया है,जिसपर संबंधित विभाग के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। नक्शा का फोटो संलग्न
है।
5, मेसर्स गोदावरी पॉवर एवं इस्पात लिमिटेड को कक्ष क्र. 608 द्वितीय स्वीकृति 32.36 हे. में जो खनन हेतु लीज़ प्राप्त हुआ था जिसपर पिल्हर क्र. D से A के बीच 10 पिल्हर एवं A
से B के बीच 05 पिल्हर तक के सेफ्टीजोन को हटा दिया गया जिसकी भी अनुमति कम्पनी के द्वारा नहीं ली गई, सेफटीजोन के अंदर लगाये गये वृक्षों के साथ बनाये गये
सेफ्टीजोन को पूर्णरूप से हटा दिया गया है, जिसपर संबंधित विभाग के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई।
6, मेसर्स गोदावरी पॉवर एवं इस्पात लिमिटेड द्वारा अपने क्षेत्र से अलग-अलग मार्गों से खनन लौह अयस्क निकाला जा रहा है जबकि उन मार्गों का अनुमति नहीं लिया गया है
और ना ही माईनिंग संस्थान द्वारा अपने प्रस्तावित मार्गों पर डी.जी.पी.एस. सर्वे कर अक्षांश देशांश इंगित किया गया है। जिससे कंपनी को कौन सा मार्ग निकासी के लिए
प्रस्तावित किया गया है यह स्पष्ट नहीं है ।
7, कंपनी के द्वारा खनन ( डिपोजिट) क्षेत्र के चारों ओर डी.जी.पी.एस. कॉर्डिनेट इंगित कर उत्खनन क्षेत्र के चारों ओर फेंसिंग पोल किया जाना है। लेकिन कंपनी के द्वारा नहीं
किया गया है।
8,कंपनी के उत्खनन क्षेत्र में बेंच निर्माण पद्धति से खनन किया जाना स्वीकृत है लेकिन कंपनी के द्वारा इस नियम का पालन नहीं किया जा रहा है। जो मौके पर देखा जा सकता है।
9,कंपनी के द्वारा खनन क्षेत्र में वेस्ट मटेरियल के ऊपर गैरेज निर्माण की गई है जो कि
नियम के विरूद्ध है । जो मौके पर देखा जा सकता है ।
10, कंपनी के द्वारा वनमार्ग को परिवर्तित कर 1 कि.मी. फोरलेन मार्ग निर्माण की गई है एवं
राजस्व क्षेत्र में 1 से 1.5 कि.मी. फोरलेन सड़क कांक्रीटीकरण का निर्माण किया गया है।
जो कि पूर्णतः नियम के विरूद्ध है ।
11, उत्खनन क्षेत्र में 12 मासी नाला विद्यमान था जो पर्रेकोड़ो से होते हुए डौण्डी क्षेत्र में
नदी के रूप में प्रवाहित होता था। आज कि स्थिति में नाला पूर्ण रूप से विलुप्त हो
चुका है। जो कि मौके पर देखा जा सकता है। फोटो संलग्न है ।
12,कंपनी के द्वारा जो सरफेश प्लान बनाया गया है उसका पालन नहीं करते हुए सरफेस
प्लान से हटकर कार्य किया जा रहा है, जो कि सरफेश प्लान के नक्शे से मिला कर
देखा जा सकता हैं ।
13, कंपनी के द्वारा बनाए गए 2023 2024 एवं 2025 के माईनिंग प्लान की जांच की जाए । जिस पर कंपनी के द्वारा वर्तमान में बनाए जा रहे 50 फीट कांक्रीट दीवार का निर्माण
किया जा रहा है। जिसमें उनके उपर पर्यावरण विभाग से अधिरोपित शर्तों का पालन करते हुए बनाए जाने के लिए जिला कलेक्टर कांकेर के द्वारा परमिशन दिया गया है।
जो कि माईनिंग प्लान में अंकित नहीं है ।
14, कंपनी के द्वारा माईंस क्षेत्र के पीछे ग्राम पर्रेकोड़ो साईड में वेस्ट मटेरियल ढ़ह जाने के कारण पिल्हर क्रमांक J से I के मध्य 112 से 12 तक वृक्षों को नुकसान हुई थी। जिससे
कंपनी के द्वारा वेस्ट मटेरियल को हटाते समय वहां के खड़े वृक्षों को भी हटा दिया गया। जो कि राजस्व के खसरा नंबर 100 में अंकित है एवं कुछ एरिया रिज़र्व फॉरेस्ट
के कक्ष क्रमांक 606 में भी समाहित है। जिसपर विभाग के द्वारा अभी तक कोई कार्यवाही नही की गई है। इस क्षेत्र में जो वृक्ष स्थित थे उन वृक्षों की वन विभाग द्वारा
गणना भी किया गया था। जो कि अभी वर्तमान स्थिति में मौजूद नहीं है जिसे कम्पनी के द्वारा जमा किये गये नक्शों में देखा जा सकता है। नक्शा संलग्न हैं ।
15, कम्पनी द्वारा लगातार 24 घंटे उत्खनन के साथ साथ परिवहन कार्य किया जो रहा है, तथा परिवहन अनुज्ञा पत्र स्वंय जारी किया जा रहा है, जबकि भारतीय वन अधिनियम
1927 एवं छ.ग. अभिवहन नियम 2001 में स्पष्ट उल्लेख है कि वनोपज का परिवहन सुर्योदय के पूर्व एवं सूर्यास्त के पश्चात् किसी भी प्रकार की टी पी जारी नहीं किया
जावेगा। इस प्रकार कम्पनी द्वारा स्वयं को फायदा पहुंचाने के लिए अधिनियमों का उल्लंघन कर रात्रि में टी पी जारी किया जा रहा है, जो कि नियमों व निर्देशों का स्पष्ट
उल्लंघन हैं।
16, कम्पनी द्वारा अनिल लूनिया प्रकरण में जप्त लौह अयस्क जिसे माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आदेश पारित कर नीलाम किया गया था उक्त लौह अयस्क को माईन्स
क्षेत्र परिवहन हेतु पहुंच मार्ग के निर्माण हेतु दबा दिया गया है, जिसकी पुष्टि स्थानीय ग्रामीणों द्वारा की जा सकती है, व जांच किये जाने पर स्पष्ट हो जाएगा ।