राजकुमार मल
Amari flowers अमारी के फूलों से बनेगा शरबत, जैम, जेली और चटनी भी…
Amari flowers भाटापारा- छत्तीसगढ़ की अमारी भाजी गुजरात, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में धूम मचा रही है। इसका हर हिस्सा उपयोग में लाया जा सकता है। इस खुलासे के बाद रकबा तेजी से बढ़ रहा है क्योंकि उत्पादक किसानों को कीमत जोरदार मिल रही है।
Amari flowers 200 रुपए किलो। खट्टा भाजी यानी अमारी भाजी की यह कीमत उपभोक्ताओं को हैरत में डालती है। मांग और आपूर्ति के बीच असंतुलन, तेजी की एक वजह तो है ही, साथ ही दूसरी वजह, इसमें मिले मेडिशनल प्रॉपर्टीज भी बताई जा रही है। हर हिस्से का उपयोगी होना, तेजी की तीसरी वजह बन चुकी है। यही तीन वजहें, इसकी व्यावसायिक खेती को बढ़ावा दे रहीं हैं।
हर हिस्सा उपयोगी
Amari flowers पत्तियों का खट्टा होना, सब्जी बनाने के लिए महत्वपूर्ण है। फूलों से जहां चटनी बनाई जाती है, तो जैम और जेली बनाने में भी उपयोग किया जा रहा है। और तो और, अब शरबत बनाने वाली कंपनियों का रुझान इसकी खरीदी को लेकर बढ़ रहा है। बीज से तेल निकाला जाना संभव हो चुका है, तो घरेलू जरूरतें पूरी करने के लिए आदिवासी क्षेत्रों में आटा भी बनाया जा रहा है। तना से निकलने वाले रेशे से रस्सी बनाने का काम काफी पहले से होता आया है।
मिले यह तत्व
Amari flowers अनुसंधान में अमारी भाजी में आयरन की प्रचुर मात्रा का खुलासा हुआ है। फाइबर और फोलिक एसिड की भी उपलब्धता की जानकारी मिली है। इसके अलावा कैल्शियम, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम और विटामिन सी के तत्व भी हैं। बताते चलें कि 90 दिन की उम्र वाली खट्टा भाजी का सेवन मानसून के दिनों में भी किया जा सकता है।
बेहद अहम
अमारी भाजी में मिले 7 मेडिशनल प्रॉपर्टीज इसे अहम बनाते हैं। इन्हीं गुणों की वजह से जैम, जेली, चटनी और शरबत निर्माण इकाइयां अमारी की खरीदी को प्राथमिकता दे रहीं हैं।
– डॉ गागेंद्र सिंह राजपूत, कृषि वैज्ञानिक, उद्यानिकी महाविद्यालय, पाटन