शिक्षा विभाग में Setting का खेल…कुछ टीचर्स पर DEO मेहरबान…देते हैं मनचाही posting

:संजय सोनी:

भानुप्रतापपुर। सीजी पीएससी, रेलवे,व्यापम, शिक्षा, वन विभाग एवं पुलिस विभाग सहित अन्य प्रतियो परीक्षा के उद्देश्य से जिला प्रशासन कांकेर के द्वारा संस्थान मावा मोदोल भानुप्रतापपुर में संचालित है। छत्तीसगढ़ शासन सामान्य विभाग मंत्रलय रायपुर के संलग्नीकरण समाप्त करने के कड़े निर्देश के बावजूद मावा मोदोल में बेवजह एक प्राथमिक स्कूल के प्रधानपाठक एवं एक मीडिल स्कूल के शिक्षक को डीईओ कांकेर एवं बीईओ भानुप्रतापपुर के द्वारा अटैच किया गया है। जिसके चलते स्कूल की शिक्षा प्रभावित हो रही है।

 

शासन के नियम के बावजूद भी जिले के जवाबदार शिक्षा अधिकारी अपनी मनमानी करने से पीछे नही हट रहे है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार धर्मराज कोरेटी प्रधान पाठक जिसकी मूल पदस्थापना प्राथमिक शाला मुंगुर टोला ग्राम पंचायत तरंदुल में स्थित है। यहां पर एक प्रधानपाठक व एक शिक्षक पदस्थ है। लेकिन धर्मराज कोरेटी प्रधान पाठक शिक्षा विभाग के अधिकारियों से सेटिंग कर भानुप्रतापपुर मावा मोदोल में अटैच करवा लिया है।
प्रधानपाठक के अटैच होने के कारण प्राथमिक स्कूल में एक शिक्षक द्वारा पांच कक्षा के बच्चों को अध्यापन कार्य कर रहे है। प्राथमिक स्कूल के नए सेटअप देखे तो एक प्लस एक है, उसके बावजूद भी एक शिक्षक को अटैच कर शिक्षा अधिकारी स्वयं शासन के नियमो का कितना पालन कर रहे है?

वैसे ही एक और शिक्षक हेमलाल बेलसरिया है जिनकी मूल पदस्थापना पूर्व माध्यमिक शाला कुल्हाडकट्टा है लेकिन वह भी मावा मोदोल में अटैच है। मिली जानकारी के अनुसार पूर्व माध्यमिक शाला कुल्हाडकट्टा में बच्चों की दर्ज सँख्या 70 है वहां पर कुल 6 शिक्षक पदस्थ है उनमें एक अटैच है। जो इस प्रकार हैं बेलसरिया सर अतिरिक्त महेश यादव अटैच, दर्रो सर, मतलामी मेडम,गोमती पिस्दा, साहू सर है।


शासन के युक्तियुक्तकरण नियम के सेटअप को देखे तो मीडिल स्कूल में एक प्रधान पाठक एवं तीन शिक्षक का प्रावधान है। लेकिन यहां पर दो अतिरिक्त शिक्षक है जो अतिशेष के श्रेणी में आते है, लेकिन उनका नाम अधिकारी के द्वारा छुपाया गया।अतिशेष दोनो शिक्षक का वेतन
आहरण कहा से किया जाता है? बाकी कल के अंक में प्रकाशित की जाएगी।

आश्चर्य की बात कहे या फिर शिक्षा अधिकारी की मेहरबानी की प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूल के अटैच शिक्षक स्कूल में बच्चों को पढ़ाने छोड़कर मावा मोदोल संस्थान में प्रतियोगिता परीक्षा को पढ़ाने के नाम से वेतन ले रहे है।

भला आप ही बताये कि एक ओर प्रदेश भाजपा सरकार शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्थ करने युक्तियुक्तकरण नियम पर कार्य कर रही है वही शिक्षा अधिकारी नियमो की धज्जियां उड़ाने का काम कर रही है।