बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कहा है कि केवल ‘I LOVE YOU’ कहना यौन उत्पीड़न नहीं माना जा सकता। इस परिप्रेक्ष्य में छेड़छाड़ या अश्लील हरकत के ठोस सबूत होना आवश्यक है। कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट द्वारा आरोपी को बरी किए जाने के फैसले को सही ठहराते हुए राज्य शासन की अपील खारिज कर दी। साथ ही पुलिस जांच पर भी सवाल उठाए।

मामला धमतरी का है, जहां 15 वर्षीय अनुसूचित जाति की छात्रा ने कुरुद थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। पीड़िता का आरोप था कि स्कूल से लौटते समय युवक ने उससे ‘I LOVE YOU’ कहा और परेशान किया। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी 354-D, 509, पॉक्सो और एट्रोसिटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। 27 मई 2022 को ट्रायल कोर्ट ने आरोपी को बरी कर दिया था, जिसके खिलाफ सरकार ने अपील की।

हाईकोर्ट ने कहा कि पीड़िता के बयान और गवाहियों में अश्लील हरकत का कोई प्रमाण नहीं है। पीड़िता की उम्र संबंधी दस्तावेज भी प्रमाणित नहीं पाए गए। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यौन उत्पीड़न सिद्ध करने के लिए यौन मंशा का प्रमाण आवश्यक है। इस टिप्पणी के साथ आरोपी को बरी करने का फैसला कायम रखा गया।