Saraipali news – सड़क में फेंके जा रहे अस्पताल से निकले अपशिष्ट

 

अस्पताल के पीछे कचरों के ढेरों से आ रही बदबू

दिलीप गुप्ता
सरायपाली। नगर में अनेक शासकीय व निजी अस्पताल संचालित हैं । कई तो झोलाछाप डॉक्टर भी ग्रामीण व नगरीय क्षेत्रों में निजी प्रैक्टिस कर रहे हैं । कइयों के पास चिकित्सकीय उपचार किए जाने का वैध लायसेंस भी नही हैकिंतु विभागीय अधिकारियों से सेटिंग कर अवैध कार्यो को सफलतापूर्वक संचालित किया जा रहा है । ग्रामीण क्षेत्रो में बीएएमएस, आयुर्वेदिक व अन्य स्वास्थ्य डिग्री व बगैर डिग्रीधारी कथित चिकित्सक बेखौफ होकर डिस्पेंसरी व अस्पतालों का संचालन कर रहे हैं।
शासन व विभाग द्वारा अस्पताल में निकलने वाले अपशिष्टों को नष्ट किये जाने का साधन भी नही होगा। कुछेक अस्पताल इसके अभाव में खुले रूप से इन अपशिष्टि को जलाकर या खुले रूप में फेंककर अपना पल्ला झाड़ ले रहे हैं । इसी तरह घंटेश्वरी मंदिर के आगे राजमार्ग के किनारे अस्पताल से निकले सिरिंज , पट्टियां , व दवाइयों के खुले पैकेट पड़े मिले । तो वहीं अस्पताल के थोड़ी दूर में खुले में इन अपशिष्टों को जलाए जाने की जगह भी देखे गये। घंटेश्वरी मंदिर जे आगे राजमार्ग किनारे स्थित एक निजी अस्पताल संचालित है । सुबह-सुबह अनेक लोग इस मार्ग पर घूमने पैदल वाक करते हैं।

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इस दौरान अस्पताल के सामने राजमार्ग के किनारे काफी संख्या में अस्पताल से निकलने वाले वेस्ट समान सड़क किनारे व झाडिय़ों में पड़ा दिखाई दिया। इसका वीडियो बनाकर इस संवाददाता को दिया गया। मामले की तहकीकात किए जाने इस संवाददाता ने सुबह सुबह उक्त स्थल का निरीक्षण किया तो काफी संख्या में उक्त अपशिष्ट को हटा दिया गया था। कुछ मात्रा में जरूर था। अस्पताल के ठीक पीछे अस्पताल से निकलने वाले अपशिष्टों को 40- 50 बोरो में भरा हुआ दिखाई दिया। इन बोरों को देखने से ऐसा लग रहा था कि यह काफी दिनों से रखा हुआ है। वहीं पीछे तरफ इतनी बदबू आ रही थी कि वहां खड़ा होना भी संभव नहीं था। अस्पताल के 100 फीट लगभग आगे सड़क के नीचे हल्का गड्ढा खोदकर अस्पताल से निकलने वाले अपशिष्टि को जलाया जा रहा है।
इस संबंध में संबंधित अस्पताल के एक कर्मचारी से पूछने पर उसने बताया कि प्रत्येक 2 दिनों के बाद रायपुर से एक बन्द गाड़ी आती है और इन अपशिष्टों को भरकर ले जाती हैं जो बोर में समान दिख रहा है वह 2-3 दिनों का है। अस्पताल में इन्हें नष्ट किये जाने की कोई मशीन अथवा साधन नही है क्या पूछने पर उसने इस तरह की कोई सुविधा होने से इनकार किया । नगर में अनेक बड़े व छोटे अस्पताल हैं। शासन व विभाग को चाहिए कि वह इन अस्पतालों में शासन द्वारा दिये गए गाइडलाइन का पालन कर रहे हैं या नही ? अस्पताल से निकलने वाले अपशिष्टों को नष्ट किये जाने की व्यवस्था है या नहीं? मरीजो व मरीजो के परिजनों के लिए निर्धारित सुविधाएं है या नहीं? इज़के साथ ही सभी अस्पतालों व डिस्पेंसरी के पास अस्पताल संचालन के लिए वैध दस्तावेज हैं या नही इन सभी की जांच होनी चाहिए।

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