:रमेश गुप्ता:
रायपुर। IPS अधिकारी रतनलाल डांगी पर लगे यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोपों की जांच शुरू कर दी गई है। इस मामले की जांच के लिए विभाग ने 2001 बैच के आईपीएस डॉ. आनंद छाबड़ा और आईपीएस मिलना कुर्रे को नियुक्त किया है। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद विभाग आगे की कार्रवाई तय करेगा।
जानकारी के अनुसार, एक सब इंस्पेक्टर की पत्नी ने 2003 बैच के आईपीएस रतनलाल डांगी पर पिछले सात सालों से उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कई डिजिटल साक्ष्य उच्च अधिकारियों को सौंपे हैं। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए पुलिस मुख्यालय ने औपचारिक जांच प्रक्रिया शुरू की है।

सूत्रों के मुताबिक, पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया है कि वर्ष 2017 में कोरबा एसपी रहते हुए उनकी पहचान रतनलाल डांगी से हुई थी। शुरुआत सोशल मीडिया पर बातचीत से हुई, जो समय के साथ निजी संपर्क में बदल गई। दंतेवाड़ा में डांगी की तैनाती के दौरान वह उन्हें वीडियो कॉल पर योग सिखाती थीं। बाद में राजनांदगांव और फिर सरगुजा पदस्थ होने के दौरान भी संपर्क जारी रहा।
पीड़िता का आरोप है कि सरगुजा आईजी बनने के बाद डांगी ने उसे बार-बार बुलाना और परेशान करना शुरू किया। बिलासपुर आईजी बनने के बाद यह उत्पीड़न और बढ़ गया। यहां तक कि चंदखुरी प्रशिक्षण अकादमी में पदस्थापना के बाद भी वह वीडियो कॉल के जरिए लगातार संपर्क का दबाव बनाते रहे।
IPS डांगी ने DGP को दी सफाई
वहीं, दूसरी ओर आईपीएस रतनलाल डांगी ने डीजीपी अरुण देव गौतम को पत्र लिखकर आरोपों को पूरी तरह से खारिज किया है। उन्होंने 14 बिंदुओं में विस्तृत जवाब देते हुए उक्त महिला और अन्य अज्ञात व्यक्तियों पर ब्लैकमेलिंग, मानसिक प्रताड़ना और आपराधिक धमकी जैसे आरोप लगाए हैं।
विभागीय जांच अधिकारियों की टीम जल्द ही दोनों पक्षों के बयान दर्ज करेगी। रिपोर्ट आने के बाद पुलिस मुख्यालय इस मामले में आगे की कार्यवाही करेगा।