शक्ति नगर के गुरुद्वारा में गुरु ग्रंथ साहब का पूजा अर्चना कर मांगा प्रदेशवासियों के लिए खुशहाली का आशीर्वाद ,रीना गेवाडीन

सक्ती- नगर के गुरुद्वारा में धूमधाम से मनाई गई जयंती गुरु नानक देव जी के जन्मदिन को मनाने का एक धार्मिक त्योहार है, जिसे गुरु पर्व भी कहा जाता है। हर साल कार्तिक मास पूर्णिमा प्रकाश पर्व पर गुरु नानक जयंती मनाई जाती , श्रीमती मधु सलूजा ने बताया। गुरु नानक जी ने सिख धर्म की स्थापना की और मानवता, एकता, सेवा, और सच्चे प्रेम की बातें सिखाई। इस बड़ी संख्या में श्रद्धालु गुरुद्वारे जाकर पाठ, कीर्तन, और सेवा कार्यों में भाग लेते हैं। यह त्योहार सिख धर्म के प्रवर्तक, गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं और उनके योगदान को याद करने का एक अवसर प्रदान करता है। गुरु नानक जी ने समाज में सामंजस्य और एकता की बातें सिखाई “सिखों के पहले गुरु नानक देव जी का जन्म सन् 1469 पंजाब प्रांत के तलवंडी में हुआ था है। गुरु नानक देव जी ने दुनिया को सेवा, सहयोग व श्रद्धा की शिक्षा दी। गुरु नानक देव की जयंती पर सुबह प्रभात नगर में निकाली गई कार्तिक पूर्णिमा को प्रकाश पर्व के रूप में भी मनाया जाता है। गुरु नानक देव की जयंती के दिन मनाया जाने वाला प्रकाश पर्व सिख समुदाय का सबसे बड़ा पर्व है। हर साल दीपावाली के ठीक 15 दिन बाद पूरे उत्साह के साथ गुरु नानक देव जी की जयंती मनाई जाती है। गुरु नानक देव की जयंती का यह पर्व पूरे देश में एकता और प्यार का संदेश देता है और मानवता को एक सूत्र में बांधने का काम करता है””गुरु नानक देव जी के तीन मुख्य संदेश थे। पहला अपना काम पूरी मेहनत से करो। गुरु का नाम जपो और जो तुम कमाकर धन अर्जित कर रहे हो उसे लोगों के साथ बांट कर आगे बढ़ते रहो इसीलिए गुरु नानक जयंती के दिन जगह-जगह लंगर लगाए जाते हैं और भारी संख्या में लोग प्रसाद ग्रहण करते हैं।गुरु नानक देव जी नेअपनी शिक्षाओं को “नाम जपो, किरत करो और वंड छको” के मूल मंत्र के माध्यम से व्यक्त किया, जिसे “मूल मंत्र” भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है नाम जपें, मेहनत करें और बांट कर खाएं।
“गुरु नानक देव जी के तीन मुख्य संदेश थे। पहला अपना काम पूरी मेहनत से करो। गुरु का नाम जपो और जो तुम कमाकर धन अर्जित कर रहे हो उसे लोगों के साथ बांट कर आगे बढ़ते रहो इसीलिए गुरु नानक जयंती के दिन जगह-जगह लंगर लगाए जाते हैं और भारी संख्या में लोग प्रसाद ग्रहण करते हैं आज नगर के सभी वर्ग के समुदाय गुरुद्वारा पहुंचकर लंगर प्रसाद ग्रहण कर पुण्य का लाभ लिए इस अवसर पर नगर के सिख सिंधी समाज एवं वर्ग के महिला पुरुष बड़ी संख्या में उपस्थित थे-