14 माह तक नहीं हुई कोई कार्यवाही
31 मई को हो गए रिटायर
संजय सोनी
भानुप्रतापपुर। पूर्व वनमंडल अंतर्गत अंतागढ़ रेंजर सालिक राम यादव ने विगत वर्ष 2024 के मार्च महीने में भारमुक्त होने के बावजूद लगभग 50 लाख रुपये की राशि आहरण की। उनका तबादला अंतागढ़ परिक्षेत्र से दहीकोंगा (सा.) परिक्षेत्र वनमण्डल कोण्डागांव में हो गया था। स्थानांतरण आदेश मिलने के बाद वनमंडल अधिकारी ने दिनांक 16/03/2024 को उन्हें भार मुक्त भी कर दिया। भारमुक्त होने के बाद गुपचुप तरीके से विभाग के चालू बैंक खाते से अलग-अलग तिथियों में लगभग 50 लाख रुपये की राशि आहरण कर गबन कर लिया। राशि आहरण के लिए ना तो विभाग के अधिकारियों की सहमति ली गई और ना ही किसी को जानकारी दी गई। बैंक स्टेटमेंट सामने आने के बाद वनमंडल अधिकारी ने रेंजर सालिक राम यादव को शोकाज नाटिस जारी कर 3 दिवस के भीतर जवाब मांगा गया, लेकिन 14 माह तक इस मामले को दबाए रखा गया ताकि मई माह में रेंजर के सेवानिर्वृत्त होने तक और भी काली कमाई की जा सके।
वनमंडल अधिकारी द्वारा जारी नोटिस के अनुसार वित्तीय वर्ष 2023-24 के माह मार्च 2024 में परिक्षेत्र अधिकारी अन्तागढ़ के पदिय हैसियत से उपरोक्त विवरणानुसार राशि आहरित व भुगतान कर मासिक लेखा आपके स्वंय के उत्तर दायित्व पर वनमण्डल लेखा मे सामायोजित किया गया है। नोटिस में लिखा है कि पदस्थापना शाखा से भारमुक्ति पश्चात् शासकीय राशि का आहरण करना तथा उसका भुगतान कर वन वित्तीय नियमों एवं सिविल सेवा आचरण संहिता दोनो का उल्लघंन किया गया है। छत्तीसगढ़ शासन वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग मंत्रालय नवा रायपुर के 15 मार्च 2024 के आदेश के माध्यम से सालिक राम का स्थानान्तरण परिक्षेत्र अधिकारी अन्तागढ़ से दहीकोंगा (सा.) परिक्षेत्र वनमण्डल कोण्डागांव स्थानांतरण कर दिया गया था। स्थानांतरण आदेश के बाद 16 मार्च 2024 को उसे एकतरफा भारमुक्त करते हुए नवीन पदस्थापना उपस्थिति हेतु निर्देशित किया गया था। रेंजर सालिक राम द्वारा प्रस्तुत मासिक लेखा माह मार्च 2024 के वनमण्डल में प्राप्ति 16 अप्रैल 2024 जांच में पाया गया की उसके द्वारा परिक्षेत्र अधिकारी अन्तागढ़ के हैसियत से भारमुक्ति तिथि 16 मार्च 2024 के पश्चात् वनमण्डल कार्यालय द्वारा धनादेश जारी कर परिक्षेत्र अधिकारी अन्तागढ़ के चालू खाता में जमा राशि का उसके द्वारा धनादेश जारी करते हुए आहरण एवं संवितरण किया गया है।
इन तिथियों में रेंजर ने निकाली राशि, सबको दिया हिस्सा
रेंजर के द्वारा 16 मार्च 2024 को 19 लाख 76 हजार 001 रुपये, 17 मार्च 2024 को 19 लाख 97 हजार 717 रुपये, 18 मार्च 2024 को 7 लाख 11 हजार 494 रुपये व 21 मार्च 2024 को 3 लाख 13 हजार 010 रुपये इस तरह से कुल 49 लाख 98 हजार 222 रुपये की राशि आहरण की गई है। भार मुक्त होने के बाद रेंजर ने यह राशि सीधे-सीधे गबन के उद्देश्य से निकाली होगी क्योकि नोटिस का जवाब उनके द्वारा अब तक नहीं दिया गया और ना ही उसके आगे वन मंडल या उच्च अधिकारियों ने कोई कार्यवाही की। इससे साफ़ है की सबने अपना-अपना हिस्सा लिया और मामले को दबा दिया गया।
डीएफओ ने दो बार नोटिस जारी कर मांगा स्पष्टीकरण
वित्तीय वर्ष 2023-24 के माह मार्च 2024 मे लेखा समायोजन को लेकर वनमंडल अधिकारी द्वारा रेंजर को दुबारा नोटिस जारी की जिसमे कहा गया कि पदस्थापना से भारमुक्ति के बाद प्रशासकीय राशि का आहरण करना तथा उसका भुगतान कर वन वित्तीय नियमों एवं सिविल सेवा आचरण संहिता दोनों का उल्लघंन है, क्यों ना इस कृत्य के लिये आपको संवितरण के अधिकार से मुक्त रखा जाए। डीएफओ ने तीन दिनों के भीतर स्पष्टीकरण मांगा था। जारी नोटिस में यह भी चेतावनी दी गई थी कि तय समय सीमा में जवाब पेश ना करने पर शासन के निर्देशों की अवहेलना के लिये होने वाली कार्यवाही के लिए खुद को जिम्मेदार होंगे। वनक्षेत्रपाल वन परिक्षेत्र अधिकारी अंतागढ़ सालिक राम यादव के खिलाफ कार्रवाई करते हुए डीएफओ ने 15 मार्च 2024 को एक और आदेश जारी किया। जारी आदेश में छ.ग. शासन वन विभाग नवा रायपुर, अटल नगर द्वारा 15 मार्च 2024 को स्थानांतरण अंतागढ़ परिक्षेत्र से परिक्षेत्र अधिकारी दहीकोंगा (सा.) परिक्षेत्र वनमण्डल कोण्डागांव होने की जानकारी देते हुए 16. मार्च 2024 को भारमुक्त करते हुए पदस्थापना वाले वनमंडल में उपस्थिति देने का निर्देश दिया था।