जीना सिखाता है रामायण और ईश्वर का ज्ञान भागवत: पं.भूपत नारायण

यात्रा के दौरान ‘राधे-राधे’, ‘जय श्री राम’ और ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ जैसे जयकारे गूंजते हैं, साथ ही भजन-कीर्तन और डीजे की धुन पर भक्त नाचते-गाते दिखाई दिए ।

भक्तिमय माहौल: कथा का महत्व: भागवत कथा के पहले दिन कथावाचक भूपत नारायण शुक्ला कथा के महत्व, उसके सार और जीवन जीने की कला के बारे में बताते हैं, जिससे भक्तों को ज्ञान, भक्ति और मोक्ष का मार्ग मिलता है।

विष्णु पाठक समर्पण सेवा उठ त्याग से आज हम सब बड़े भाग्यशाली हुए किस्मत वाले क्योंकि महल में बैठना सहज स्वाभाविक है मंत्री नेताओं को सभा में बैठना सहज स्वाभाविक है लेकिन भगवान की श्री चरणों में बैठना बहुत बड़ी भाग्य किस्मत की बात ईश्वर की सानिध्य में निकट में चरण में आसीन होता है भाग्यशाली किस्मत वाले होते हैं l

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