Raipur International Film Festival : 5वें रायपुर अंतराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल का शानदार आगाज,देखिये VIdeo

Raipur International Film Festival :

Raipur International Film Festival दंतेवाड़ा में शहीद हुए जवानों को दी गई श्रद्धांजलि

दिग्गज फिल्म की हुई ‘मास्टर क्लास’

आज से फिल्मी सितारों, निर्देशकों और लेखकों का लगेगा जमवाड़ा

राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त फिल्मों का हो रहा प्रदर्शन

आज तनिष्का चटर्जी दर्शकों से हुईं रूबरू

स्क्रिप्टिंग से लेकर किरदारों के चयन है अहम

Raipur International Film Festival रायपुर। छत्तीसगढ़ में पांचवां रायपुर अंतराष्ट्रीय फिल्म समारोह का का आगाज शुक्रवार को न्यू सर्किट हाउस के कन्वेंसन हाल में हुआ। छत्तीसगढ़ फिल्म एंड विजुअल आर्ट सोसाइटी रायपुर की ओर से आयोजित यह फिल्म समारोह 30 अप्रैल तक चलेगा।

 सिनेमा में स्त्री और स्त्री का सिनेमा विषय पर केन्द्रित फिल्म समारोह का शुभारंभ सुबह शॉर्ट फिल्मों के प्रदर्शन के साथ हुआ। वहीं मास्टर क्लास का भी आयोजन किया गया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ फिल्म एंड विजुअल आर्ट सोसाइटी, रायपुर के अध्यक्ष सुभाष मिश्र ने दंतेवाड़ा में शहीद हुए जवानों के प्रति संवेदना जताते हुए सभी शहीदों को श्रद्धांजलि दी।

साथ ही इस अवसर पर 2 मिनट के लिए मोन रखकर उन शहीदों को नमन किया गया। सुभाष मिश्रा ने 3 दिनों तक चलने वाले इस फिल्म फेस्टिवल के रूपरेखा को बताया। उन्होंने बताया की कोरोना काल के बाद यह फेस्टिवल को आयोजित किया गया।

इस फेस्टिवल से रायपुर के कला प्रेमियों को बहुत कुछ सीखने और समझने का मौका मिलेगा। उन्होंने यह भी बताया कि यह फिल्म समारोह नई पीढ़ी के कलाकारों, फिल्मकारों, निर्माताओं को ध्यान में रखकर किया जाता है। इसमें जो दिग्गज अभिनेता या अभिनेत्रियां, लेखक, बुलाए जाते हैं उनसे नई पीढ़ी को बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।

इस अवसर पर मास्टर क्लास का आयोजन किया गया। मास्टर क्लास में धर्मेंद्र ओझा ने सिनेमा, टेलीविजन और ओटीटी प्लेटफार्म के लिए आइडिया, कहानी, पटकथा कैसे लिखें इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी।

उन्होंने कहा किसी भी फिल्म, टेलीविजन और ओटीटी के लिए पटकथा या स्टोरी लिखने के लिए नयापन और यूनिक होना आवश्यक है।

उन्होंने कहा की एक सिनेमा लेखक को अपनी आडिया रोचकता के साथ प्रस्तुत करना चाहिए।

उन्होंने शोले का उदाहरण देते हुए बताया की इस फिल्म बनने से पहले इसके स्क्रिप्ट लेखक ने बिना किसी स्क्रिप्ट के इस आडिया को निर्देशक और प्रोड्यूशर को सुनाया तो उन्हे पसंद आया जिसके बाद इस पर फिल्म बनी।

उन्होंने इस अवसर पर बताया कि एक फिल्म को बनाने के लिए किस तरह से कहानी, संवाद और पात्र चयन होना चाहिए….

 

पहले सत्र में 8 से अधिक शार्ट फिल्मों का हुआ प्रदर्शन

पहली फिल्म ‘प्रस्थान’ को प्रदर्शित की गई। जिसके निर्देशक डॉ अजय मोहन सहाय है।

वहीं दूसरी फिल्म अभिषेक मोहंती द्वारा रचित और निर्देशित बिंदी, शशि मोहन सिंह निर्देशित गोमती, हीरा मानिकपुरी की फिल्म मृदुला का प्रदर्शन किया गया। इस फिल्म समारोह में कई सत्र हुए जिनमे देश भर के नामी और दिग्गज कलाकर, निर्देशक, प्रोड्यूसर एवं लेखक लोगों से रुबरु हुए।

साथ ही उन्होंने मास्टर क्लास में कला और एक्टिंग की बारीकियां बताई। पहली मास्टर क्लास धर्मेंद्र नाथ ओझा ने ली। उन्होंने सिनेमा, टेलीविजन और ओटीटी के लिए स्क्रिप्ट कैसे लिखे आदि की बारीकियां बताई। वहीं फिल्म ‘रफ बुक’ का प्रदर्शन भी किया गया। साथ ही इस फिल्म पर तनिष्का चटर्जी का संवाद हुआ।

प्रदर्शित शॉर्ट फिल्म अलग अलग विषय पर केंद्रित थी। सभी फिल्मों ने कई संदेश दिए। प्रदर्शित फिल्म ‘गोमती’ गांव के परिवेश को दर्शाता है जहां एक महिला को इस बिना पर प्रताडि़त और यातना दी जाती है कि वह डायन है। उन्हें गांव वालों से तिरस्कार मिलता। हर पल जादू टोना करने के नाम पर प्रताडि़त किया जाता है। इसमें 2 नए कपल इस बुजुर्ग महिला को बचाते हैं और उन्हें न्याय दिलाते हैं।

 

 मास्टर क्लास में धर्मेंद्र ओझा ने स्क्रिप्ट राइटिंग की बताई बारीकियां

 

फ़ेमस स्क्रिप्ट राइटर धर्मेंद्र नाथ ओझा ने 5वें अंतराष्ट्रीय फि़ल्म समारोह में मास्टर क्लास ली। जिसका विषय था- सिनेमा, टेलीविजऩ और ओटीटी के लिए लिखना। आइडिया, कहानी, पटकथा और संवाद। धर्मेंद्र नाथ ओझा ने कई बॉलीवुड फिल्में, शार्ट फिल्मों के लिए स्क्रिप्ट लिख चुके हैं जिसे अंतराष्ट्रीय स्तर पर भी कई अवार्ड्स मिले हैं।

मास्टर क्लास की शुरुआत में उन्होंने ‘आर्ट ऑफ स्टोरी टेलिंग’ के बारे में बताया। इस अवसर पर उन्होंने यह भी बताया कि कैसे किसी स्क्रिप्ट लिखने के पहले उस बारे में विचार किया जाता है, इसके अलावा रमेश सिप्पी डायरेक्टेड फेमस फि़ल्म ‘शोले’ का कॉन्सेप्ट कैसे तैयार किया गया था, यह कुल 6 कैरेक्टर के इर्द-गिर्द लिखी कहानी साधारण थी, लेकिन उसे स्क्रीन में परोसा जाना इसे खास बनाता है।

मास्टर क्लास में धर्मेन्द्र नाथ ओझा ने बताया कि स्क्रिप्टिंग का पहला पड़ाव कैरेक्टर/ किरदार होता है। स्टोरी गढ़ते हुये लेखक स्वयं को किरदार की तरह देखने लग जाता है।

मुन्नाभाई एमबीबीएस, लगान, विक्की डोनर जैसे फिल्मों का उदाहरण देते हुए किरदारों के रोल सलेक्शन पर ज़ोर देने की बात कही। उन्होंने फिल्मों के शार्ट दिखाकर स्क्रिप्ट और पत्र रोल के बारे में बताया।

उन्होंने ‘लगान’ का उदहारण देते हुए बताया की किस प्रकार से इस फिल्म में राजा को लगान माफी के लिए जाता है और वहां से क्रिकेट मैच खेलने की चुनौती मिलती है। और उसे आमिर खान स्वीकार कर लेता है। इस फिल्म में यहां से अलग मोड़ लेती है।

 

फिल्म में संवाद का है अहम रोल

धर्मेंद्र ओझा ने बताया कि फिल्म में सबसे ज्यादा अहम संवाद होता है इसलिए संवाद लिखते समय पात्र का ध्यान रखना जरूरी हो जाता है उन्होंने बताया कि जिस प्रकार से पात्र होता है उसी प्रकार से उनका डायलॉग भी लिखना चाहिए।

उन्होंने कहा कि अमिताभ बच्चन का डायलॉग आमिर खान नहीं बोल सकता, उसी प्रकार किसी विलन का डायलॉग हीरो नहीं बोल सकता। इसलिए फिल्म का संवाद लिखते समय विशेष ध्यान देना चाहिए।

 बंदूक उठाने से घर में चूल्हा नहीं जलेगा या गांव की तस्वीर नहीं बदलेगी

धर्मेंद्र ओझा ने मास्टर क्लास में एक फिल्म के दृश्य के माध्यम से संवाद की जो भूमिका होती है उसके बारे में बताया जहां एक मां और बेटी के बीच के संवाद को दिखाया है।

इसमें एक बेटा बागी बनकर बंदूक उठाकर समाज को बदलने का बात करता है, लेकिन उसकी अनपढ़ मम्मी उसे बताती है कि बंदूक से न किसी के घर चूल्हे चलेंगे न किसी महिला के सिर पर आंचल आएगा, बल्कि इससे सिर्फ तबाही ही मचेगी। इस प्रकार से संवाद का अहम रोल होता है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

MENU