Shri Ekanteshwar Mahadev : श्री एकांतेश्वर महादेव की कथा का चौथा दिन : आइये जानते है पंडित प्रदीप मिश्रा से शिवलिंग पर जलाभिषेक करने का सही नियम

Shri Ekanteshwar Mahadev :

रमेश गुप्ता

Shri Ekanteshwar Mahadev शिव की दुनिया में कंकर भी शंकर हैं : पंडित प्रदीप मिश्रा

श्रद्धालुओं की सेवा में दिन-रात तत्पर हैं हजारों सेवादार

Shri Ekanteshwar Mahadev भिलाई । देश- विदेश में शिव महापुराण की कथावाचन करने के लिए प्रख्यात कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा (सीहोर वाले) की भिलाई में श्री एकान्तेश्वर महादेव की कथा के चौथे दिन भी कथा स्थल जयंती स्टेडियम श्रद्धालुओं से पूर्णतः भरा रहा। सात दिवसीय श्री शिव महापुराण कथा के जरिए पंडित जी लोगों को महादेव की अराधना से जोड़ रहे हैं।

Shri Ekanteshwar Mahadev उनके कथा आयोजनों में भारी भीड़ उमड़ती है और देश के कोने-कोने से लोग उन्हें सुनने के लिए पहुंचते हैं। कथास्थल पर उपस्थित प्रदेश के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमप्रकाश पाण्डेय ने इस आयोजन को सफल बनाने के लिए महादेव की सेवा में लगे सभी सेवादारों एवं श्रद्धालुओं को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि आप सभी की श्रद्धाभाव से आज इस्पातनगरी महादेव की भक्ति से परिपूर्ण हो गई है।

देवाधिदेव महादेव के प्रति लोगों की आस्था एवं श्रद्धा भाव ऐसा हैं की दो दिन पहले से ही हजारों श्रद्धालु कथा स्थल पर पहुंच जाते हैं और दरी बिछाकर कथा स्थल पर अपनी जगह आरक्षित कर लेते हैं। भिलाई के अतिरिक्त छत्तीसगढ़ के आस पास के जिलों के तथा अन्य राज्यों से भी श्रद्धालु लगातार भिलाई पहुँच रहे हैं । जिनका दो-तीन दिन पूर्व भिलाई आने का उद्देश्य सिर्फ इतना है कि वह पंडित प्रदीप मिश्रा के श्रीमुख से महादेव की कथा श्रवन अग्रिम पंक्ति में बैठ कर सकें। शिव महापुराण कथा में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की परेशानी का सामना ना करना पड़े, इसके लिए हजारों की संख्या में सेवादारों ने मोर्चा सम्भाल रखा हैं।

दिन-रात कथा स्थल पर सेवादार श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए निस्वार्थ भाव से तत्पर रहते हैं जो बैठक व्यवस्था, पार्किंग वयवस्था, पानी के पैकेट का वितरण तथा अन्य व्यवस्थाओं की देख रेख में रहते हैं । कथा में आये श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सेवादारों के साथ-साथ भिलाई के निवासी, सामाजिक संगठन, स्थानीय प्रशासन, पुलिस प्रशासन भी कंधे से कंधे मिलकर पंडाल, पेयजल, भोजन, यातायात, स्वास्थ्य, प्रचार से लेकर प्रशासनिक समन्वय तक की वयवस्था संभाल रहे हैं। किसी ने प्याऊ की व्यवस्था की हैं तो कोई श्रद्धालुओं को भोजन के पैकेट, बिस्किट, शरबत बांटकर महादेव की सेवा में सहभागी बन रहा है। कथा का श्रवण करने आज प्रदेश के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू सपत्निक कथास्थल पहुंचे।

श्रद्धालुओं की बढती भीड़ एवं गर्मी को मद्देनजर रखते हुए किसी भी प्रकार की आपातकालीन समस्याओं से निपटने के लिए सिविल सर्जन, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, जिला चिकित्सालय दुर्ग के नेतृत्व में जिला स्तर पर आपदा प्रबंधन समिति का गठन किया गया हैं। पंडित प्रदीप मिश्रा ने कथा में सहयोग देने के लिए पुलिस प्रशासन एवं श्रद्धालुओ की सेवा हेतु व्यापारियों की तारीफ की। उन्होंने कहा की अपने दुकान के आस-पास टेंट में श्रद्धालुओं के लिए नाश्ते एवं छाँव में ठहरने की व्यवस्था कर भिलाई के व्यापारियों ने अपनी महादेव की सेवा करने का कार्य किया है।

 

दंतेवाडा नक्सली हमले में शहीद जवानों को दी श्रद्धांजलि

कथा के दौरान पंडित प्रदीप मिश्रा ने दंतेवाडा नक्सली हमलों में शहीद जवानों को लाखों श्रद्धालुओं के साथ श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा की कायरों की तरह बेकार कर्म करके मरने से बेहतर हैं देश के लिए बलिदान देना। पंडित जी ने कहा की “राष्ट्र की रक्षा करते हुए अपने प्राणों का त्याग कर वीरतापूर्वक शहीद होने वाले सभी जवानों को व्यास पीठ श्रद्धांजली अर्पित करता हैं।” उन्होंने महादेव से शहीद जवानों को अपने श्रीचरणों में स्थान देने की कामना की।

पर्यावरण संरक्षण का दिया संदेश

अपनी कथा के माध्यम से श्रद्धालुओं को धर्म से जोड़ने के साथ ही पंडित प्रदीप मिश्रा सामाजिक मुद्दों पर भी अपना सन्देश देते रहते हैं। भिलाई में अपने चौथे दिन की कथा में पंडित जी ने कहा की जिस प्रकार आप गर्मी में ठंड के लिए कूलर में पानी डालते हैं, अगर वैसे ही अपने घर के आस पास के वृक्षों को भी जल देते रहेंगे तो कूलर में पानी डालने की जरूरत नही पड़ेगी। कूलर में दो बाल्टी पानी डालने से बेहतर हैं आप दो लोटा जल पेड़ों में डाले। पंडित जी ने नदियों को प्रदूषण से बचाने के लिए निर्माल्य रथ की शुरुआत की हैं। जिसके माध्यम से वाहन घरों एवं मंदिरों से पूजा उपरांत शेष पुष्प एवं बेलपत्र एकत्रित करता हैं एवं उसका खाद बनाकर खेतों में उपयोग किया जाता हैं।

कालाबाजारी करने वालों पर किया कड़ा प्रहार

पंडित जी ने अपनी कथा में कालाबाजारी एवं श्रद्धालुओं को लूटने का कार्य करने वालों पाखंडियों पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा की कुछ लोग कुबेरेश्वर धाम का बताकर रुद्राक्ष बेचते हैं, जबकि कुबरेश्वर धाम का रुद्राक्ष निशुल्क मिलता हैं और सिर्फ कुबरेश्वर धाम की भूमि पर मिलता हैं। वहां वीआईपी सेवा नही चलती जिसे रुद्राक्ष चाहिए होता हैं उसे सीहोर आना पड़ता हैं। उन्होंने कहा की जहाँ कुछ दुकानदार निस्वार्थ भाव से भोले भक्तों की सेवा कर रहे हैं, वही कुछ व्यापारी इस अवसर पर 10 रुपये की पानी की बोतल को 40 रुपये में बेच रहे हैं। भोलेनाथ के पास सबका हिसाब हैं|

शिवलिंग पर जलाभिषेक करने का सही नियम बताया

पंडित जी ने कथा में बताया की अक्सर लोग पूछते हैं की हमें पूजा का फल नहीं मिल रहा हैं, इसकी वजह उनका शिवलिंग पर गलत तरीके से जलाभिषेक करना हैं। शिवलिंग पर जलाभिषेक करते समय हाथ एवं पात्र शिवलिंग को छूने नहीं चाहिए एवं धीमी गति से जलाभिषेक करना चाहिए। जल चढाने के बाद तीन ऊँगली से चन्दन लगाना चाहिए अगर चन्दन नहीं हैं तो बिना चन्दन के ही तीन ऊँगली से तिलक लगाकर पुष्प एवं बेलपत्र चढ़ाना चाहिए। इस प्रकार से शिव जी को जलाभिषेक करने एवं पुष्प, बेलपत्र से श्रृंगार करने पर फल की प्राप्ति होती हैं।

 

भारत भूमि विश्व का गौरव हैं

अपनी कथा में उन्होने आगे कहा की भारत विश्व का गौरव हैं। आज सम्पूर्ण विश्व के लोगों को भारत पर गर्व होता हैं। भारत भूमि पर पत्थर भी तैर जाता हैं ठीक उसी प्रकार निर्मल हृदय से भोलेनाथ की आराधना करने से मनुष्य भी भवसागर पार कर लेता हैं। उन्होंने कहा की महादेव मनुष्य के जीवन रूपी हवाई जहाज के पायलट हैं, आप भक्ति की सीट बेल्ट बांध कर रखे। जीवन की सभी समस्याओं को निवारण महादेव करेंगे।

प्रत्येक मनुष्य को अपना कर्म भोगना पड़ता हैं

अपनी कथा में उन्होंने बताया की मृत्यु लोक में प्रत्येक मनुष्य को अपने कर्म भोगने पड़ते हैं चाहे वो साधू हो संत हो या साधारण मनुष्य हो। अच्छे कपड़े पहनने से, महंगी गाड़ियों में घुमने से कोई महान नहीं बनता मनुष्य अपने कर्म से महान बनता हैं। 25 लाख की गाड़ी में घुमने वाला भी 25 रूपये के लोटे में हरिद्वार पहुँचता हैं, इसलिए मनुष्य को अपना जीवन सद्कर्म एवं भक्ति में लगाना चाहिए।

सात जगहों पर चन्दन लगाने से पितृ दोष से मिलती हैं मुक्ति

पितृ दोष से मुक्ति का उपाय बताते हुए उन्होंने बताया की अमावस्या के दिन शिवलिंग में सात जगह चन्दन लगाने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती हैं – शिवलिंग पर, शिवलिंग विराजमान गणेश जी , कार्तिकेय जी, अशोक सुन्दरी, जलधारी, जल बहने के विपरीत, नंदी के सिंग पर ।

श्रद्धालु ने पत्र के माध्यम से बताया पशुपति व्रत से प्राप्त हुआ पुत्र

पत्र के माध्यम से कथा में श्रद्धालु रोजाना अपने अनुभव बताते हैं। आज एक भक्त ने बताया की उसकी बहन को पशुपति नाथ व्रत से संतान सुख की प्राप्ति हुई। रविकांत साहू ग्राम बनगर जिला कुरूद धमतरी निवासी ने अपने पत्र में लिखा था की उनकी बहन के पहले बेटे की मृत्यु 12 वर्ष की आयु में 28 दिसम्बर 2022 को चल बसा। इस दुःख से बहन बहुत निराश हो चुकी थी। तब इन्होने अपनी बहन को पशुपति व्रत करने के लिए कहा, बहन ने कहा की डॉक्टर ने जब एक ही संतान के लिए कहा था अब वो भी चला गया तो दूसरा पुत्र अब कहा से होगा। रविकांत जी ने बताया की उन्होंने अपनी बहन से कहा भोलेनाथ पर भरोसा करो। भोले नाथ पर भरोसा करके पशुपति नाथ का व्रत करना प्रारम्भ किया और भोलेनाथ की कृपा से पुत्ररत्न की प्राप्ति हुई हैं।

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