Raipur Breaking 3 साल : 19 बाघ : 183.77 करोड़ खर्च हुए
रायपुर । छत्तीसगढ़ प्रदेश में कुल 19 बाघ है, इन बाघों पर वन विभाग ने 183.77 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, अब वन्य जीव संरक्षण के अभियान चलाने वालों अदालतों में बेजुबान के हक की लड़ाई लडऩे वालों को समझ नहीं आ रहा है कि इतनी राशि खर्च कहां हुई।
Raipur Breaking विधानसभा में जानकारी दी
यह राशि साल 2019 से 22 के बीच खर्च की गई है, इस राशि की जानकारी स्वयं वन विभाग के मंत्री की ओर से प्रदेश विधानसभा में शिव डहरिया ने दी, कल 15 मार्च को प्रदेश की विधानसभा के बजट सत्र में बाघों का मामला उठा था, विधायक अरुण उन्होंने पूछा था कि प्रदेश में कुल कितने टाइगर रिजर्व है, टाइगर रिजर्व का क्षेत्रफल कितने वर्ग किलोमीटर में है, पिछले 3 सालों में बाघों के संरक्षण के लिए कुल कितनी राशि खर्च की गी, प्रदेश में बाघों की अखिल भारतीय गणना 2018 में कुल कितनी संख्या थी. प्रदेश में वर्ष 2020 से दिसंबर 2022 तक कुल कितने भागों की मौत हुई है।
Raipur Breaking खर्च समझ से परे
वन्य संरक्षण के लिए काम करने वाले नितिन सिंघवी ने बताया कि टायगर रिजर्व में टाइगर पर खाने पर खर्च नहीं होता, वहां के अधिकारी पेट्रोलिंग करते हैं वही खर्च है, रिजर्व क्षेत्र में कोई बड़ा निर्माण कार्य नहीं हो सकता, वह तो जंगल है। बाघों को तो वहां प्राकृतिक माहौल में रखना होता है, वन विभाग के पास कॉलर आईडी भी नहीं है, जो बाघों को लगाया जाए, उनकी स्थिति और रहन-सहन की जानकारी ली जाती है।
ऐसी कोई अंतरराष्ट्रीय रिसर्च भी प्रदेश में बाघों पर नहीं चल रही है तो 183.77 करोड़ रुपये, 3 साल में 19 बाघों के पीछे खर्च करना समझ से परे है। सरकार को साफ तरीके से बताना चाहिए कितनी बड़ी राशि का क्या हुआ।