Primary and secondary school शिक्षकों की कमी से जूझ रहे प्राथमिक और माध्यमिक शाला

Primary and secondary school

Primary and secondary school शिक्षकों की कमी से जूझ रहे प्राथमिक और माध्यमिक शाला

 

Primary and secondary school
Primary and secondary school शिक्षकों की कमी से जूझ रहे प्राथमिक और माध्यमिक शाला

Primary and secondary school चारामा ! विकासखंड चारामा के अंतर्गत आने वाले प्राथमिक और माध्यमिक शाला शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं। शिक्षकों की कमी के चलते बच्चों की पढ़ाई पूर्णता प्रभावित हो रही है !

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पिछले शिक्षा सत्र में प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की कमी थी लेकिन इस शिक्षा शास्त्र में प्राथमिक स्कूलों से प्रमोशन पाकर माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों के चले जाने से प्राइमरी शिक्षा पूरी तरह से लड़खड़ा गई है और अब देखा जा सकता है कि विकासखंड के 166 प्राथमिक स्कूलों में कुछ ही स्कूल ऐसे होंगे जहां बच्चों की दर्ज संख्या के अनुरूप शिक्षक पर्याप्त होंगे।

Primary and secondary school ऐसा नहीं कि प्राथमिक स्कूल में प्रमोशन पाने के बाद माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों की संख्या पर्याप्त हो चुकी है, विकासखंड के 81 माध्यमिक शालाओं में अभी भी कुछ माध्यमिक शालाओं में शिक्षकों की कमी से स्कूलों को जूझना पड़ रहा है, खासकर अंग्रेजी विषयों के शिक्षकों की बहुतायत में कमी देखी जा रही है ।

Primary and secondary school सरकारी नियमों के अनुसार के जिस प्राथमिक स्कूल में बच्चों की दर्ज संख्या 60 से कम है, उन प्राथमिक शाला में एक प्राचार्य सहित एक शिक्षक होना अनिवार्य है लेकिन अगर यह दर्ज संख्या 60 से ऊपर हो जाती है तो एक प्राचार्य सहित 2 शिक्षकों का होना अनिवार्य है।

Primary and secondary school लेकिन विकासखंड में वर्तमान में कई ऐसे स्कूल हैं जहां दर्ज संख्या 60 से अधिक है वहां 2 शिक्षक और जहां 60 से कम है वहां एक ही शिक्षक प्राथमिक की पांचों कक्षाओं को संभाल रहे और वही अकेला शिक्षक बच्चों के पूरे रिकॉर्ड ऑफिस का पूरा काम भी अकेले कर रहा है। ऐसे में प्राथमिक स्कूलों में शिक्षा की व्यवस्था या शिक्षा की गुणवत्ता कैसी होगी। यह अनुमान लगाना बहुत ही आसान है ।

Primary and secondary school इसी तरह विकासखंड के अधिकतर माध्यमिक शालाओं में अंग्रेजी विषय के शिक्षक नहीं है और कई स्कूलों में शिक्षकों के सेवानिवृत्ति के बाद में नए शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होने के बाद पर्याप्त शिक्षक नहीं है।और जो पदस्थ भी हैं उनमें से एक शिक्षक को बी एल ओ का काम कराया जाता हैं।जिससे वे स्कूल में पढ़ाई का काम करा ही नहीं पाते हैं।

हालांकि इस संबंध में संपूर्ण आंकड़ा शिक्षा विभाग से कई बार मांगने के उपरांत भी नहीं दिया गया है और इस संबंध में खंड शिक्षा अधिकारी के द्वारा जानकारी लेने पर यही बताया गया है कि विकासखंड में सभी स्कूल में पर्याप्त शिक्षक है माध्यमिक शालाओं में अंग्रेजी विषय के शिक्षक की कमी है, लेकिन प्राथमिक शाला में अतिरिक्त शिक्षक हैं ।

लेकिन अगर हम विकासखंड के सभी स्कूलों का निरीक्षण करते हैं तो जिनमें खैरवाही प्राथमिक शाला, सराधूनवा गांव प्राथमिक शाला, कोटेला प्राथमिक शाला,लखनपुरी कन्या शाला ऐसे अनेकों स्कूलों में शिक्षकों की पर्याप्त कमी है। ऐसे में यह नहीं कहा जा सकता कि एक्सेस टीचर है ।

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Primary and secondary school अगर एक्सेस टीचर हैं तो उन्हें जिन स्कूलों में शिक्षकों की पर्याप्त कमी है उन स्कूलों में नियुक्त क्यों नहीं किया जा रहा है। यह समझ से परे है, या शिक्षकों की नियुक्ति नहीं किए जाने के पीछे विभाग की या विभाग के अधिकारियों की कोई निजी मनसा है।

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