:राजकुमार मल:
भाटापारा- वजन कम कर दिया लेकिन कीमत नहीं घटाई। खाद्य तेल उत्पादन
करने वाली इकाइयों की यह रणनीति सीजन के दिनों की शुरुआत
में खरीदी कर रहे उपभोक्ताओं पर भारी पड़ रही है।

सोयाबीन, राइस ब्राॅन ऑयल खूब खरीदे जाते हैं। मांग दोगुनी इसलिए हो रही है क्योंकि पितृपक्ष, नवरात्रि के साथ-साथ दीपावली की अग्रिम तैयारी खुदरा बाजार ने शुरू कर दी है। मासिक उपभोक्ता मांग भी इस महीने कुछ ज्यादा निकल रही है लेकिन वजन घटाकर कीमत स्थिर रखने की रणनीति उपभोक्ताओं पर भारी पड़ रही है। विवशता में खरीदी कर रहे हैं उपभोक्ता।
पहले और अब
900 मिलीलीटर का होता था सोयाबीन और राईस ब्राॅन ऑयल का पैक। अब यह पैक 750 से 850 मिलीलीटर के वजन में आने लगे हैं। इस लिहाज से कीमत भी कम की जानी चाहिए थी लेकिन यह स्थिर है। सीजन के दिन हैं इसलिए उपभोक्ताओं को विवशता में सोयाबीन तेल का यह पैक 110 से 150 रुपए और राइस ब्राॅन फूड ऑयल का पैक 100 से 150 रुपए में खरीदना पड़ रहा है।

यह पूरा 1 लीटर
मूंगफली का तेल स्थिर है वजन के मामले में। पूरे 1 लीटर वाले इसके पैक फिलहाल 180 से 200 रुपए में मिल रहे हैं लेकिन बड़ी दिक्कत यह है कि सोयाबीन और राइस ब्राॅन फूड ऑयल से मूंगफली को कड़ा मुकाबला करना पड़ रहा है उपभोक्ताओं तक पहुंचने के लिए। लेकिन उच्च आय वर्ग और उच्च मध्य आय वर्ग उपभोक्ताओं के बीच अभी भी लोकप्रियता बरकरार है।
तेजी की धारणा
सोयाबीन और मूंगफली की नई फसल में नमी की मात्रा मानक से ज्यादा है। इसलिए फिलहाल ऑयल मिलों की खरीदी दोनों में कमजोर है। ऐसे में तेजी की धारणा को इसलिए बल मिल रहा है क्योंकि पितृपक्ष, नवरात्रि और दीपावली की मांग होलसेल मार्केट तक पहुंचने लगी है। यह दोनों स्थितियां उस राइस ब्राॅन ऑयल की कीमत बढ़ाने में मदद कर रही है, जो भरपूर मांग के दबाव में है
