अब जैविक अंडों का होगा व्यावसायिक उत्पादन…सर्वेक्षण में रायपुर, दुर्ग, कोरबा और रायगढ़ सबसे आगे


प्रयोग सफल रहा

बिलासपुर, राजनांदगांव और कबीरधाम। जैविक अंडों के उत्पादन के लिए पहचान बना रहे हैं। सालाना उत्पादन 5 लाख नग के बाद अब ऐसे शहर में भी संभावनाएं खोजी जा रहीं हैं, जहां सामान्य अंडे की खपत ज्यादा है। प्रारंभिक सर्वेक्षण में राजधानी रायपुर, दुर्ग, कोरबा और रायगढ़ को जैविक अंडों के उत्पादन के लिए सही पाया गया है।


यहां बिक्री खूब

पोषण मूल्य से भरपूर जैविक अंडे अब सुपर बाजार और माॅल के काउंटर में नजर आने लगे हैं। अधिकतर उपभोक्ता ऐसे हैं, जो नियम से प्रतिदिन जिम जाते हैं। जहां नियमित खानपान में जैविक अंडों के सेवन की भी सलाह जिम ट्रेनर देते हैं। इसके अलावा चुनिंदा एग सेंटरों में भी जैविक अंडों की बिक्री शुरू हो चली है।


जानिए जैविक अंडे को

जैविक अंडे ऐसे अंडे हैं, जो जैविक पद्धति से पाली हुई मुर्गियों से प्राप्त होते हैं। इन मुर्गियों को रासायनिक या सिंथेटिक चारा की बजाय जैविक आहार दिया जाता है। गहरा पीला होता है जैविक अंडों का रंग। सामान्य अंडे की अपेक्षा हल्का फीका होता है इसका स्वाद। ओमेगा- 3 फैटी एसिड की मात्रा सामान्य से दो से तीन गुना ज्यादा होती है। विटामिन-ई और बीटा कैरोटीन की अधिक मात्रा शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत एवं मस्तिष्क को सेहतमंद बनाए रखते हैं।

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