पारंपरिक व्यंजन के स्वाद से शिखर पर पहुंचा नया चावल का आटा

महामाया धान का मुहूर्त सौदा 2566 रुपए क्विंटल

चीला, चौंसेला, फरा, अईरसा और बफौरी छत्तीसगढ़ के पारंपरिक व्यंजन हैं। यह सब बनाए जाते हैं नये चावल के आटा से लेकिन इस वर्ष दोनों सामग्रियों की खरीदी पर बेतहाशा कीमत चुकानी होगी। डिमांड इतनी ज्यादा और सप्लाई इतनी शॉर्ट है कि तेजी का दौर आगे भी जारी रहने की आशंका है। क्योंकि खरीफ की फसल पूरी तरह तैयार नहीं हुई है।


डिमांड है हाई, शॉर्ट है सप्लाई

छत्तीसगढ़ के पारंपरिक व्यंजनों में अहम स्थान रखते हैं नया चावल से बनने वाले चीला, चौंसेला, फरा, बफौरी और अईरसा। लगता है भोग खीर का श्री लक्ष्मी को लेकिन मांग और आपूर्ति के बीच का अंतर इतना ज्यादा हो चला है कि नये चावल की खरीदी खुदरा उपभोक्ताओं को 60 रुपए किलो जैसी उच्च कीमत पर करनी पड़ रही है।


मुहूर्त सौदा 2566 रुपए पर

दीपावली पर नया धान में मुहूर्त सौदा की परंपरा रही है। ऐसे में नया महामाया में मुहूर्त सौदा 2566 रुपए क्विंटल पर हुआ है। असर नया चावल की कीमत पर पड़ चुका है। इसलिए यह 6000 रुपए क्विंटल जैसी नई कीमत पर पहुंच चुका है। तेजी की आशंका इसलिए बन रही है क्योंकि नए चावल में मांग के अनुरूप धान की उपलब्धता बेहद सीमित है।


मांग है सुपेलिया में भी

पूजा घरों में बंदनवार के रूप में लगाए जाने की परंपरा पीढ़ियों से चली आ रही है लेकिन धान की बालियों से बने डिजाइनर सुपेलिया इस बार इतने महंगे हैं कि खरीदी को लेकर झिझक रहा है आम उपभोक्ता। जो कीमत दुकानदार बता रहे हैं, उसके अनुसार न्यूनतम 50 और उच्चतम कीमत 300 रुपए प्रति सुपेलिया बोली जा रही है।

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