New Mirusvirus : दुनिया भर मे तबाही मचाने आया नया वायरस, वैज्ञानिक का कहना कभी नही देखा ऐसा

New Mirusvirus : दुनिया भर मे तबाही मचाने आया नया वायरस, वैज्ञानिक का कहना कभी नही देखा ऐसा

New Mirusvirus : दुनिया भर मे तबाही मचाने आया नया वायरस, वैज्ञानिक का कहना कभी नही देखा ऐसा

 

New Mirusvirus : इस नए वायरस का नाम माइरसवायरस है. इसमें माइरस लैटिन भाषा का शब्द है, जिसका मतलब अनोखा या विचित्र होता है. एक रिपोर्ट के अनुसार, माइरसवायरस से समुद्र

New Mirusvirus : दुनिया भर मे तबाही मचाने आया नया वायरस, वैज्ञानिक का कहना कभी नही देखा ऐसा
New Mirusvirus : दुनिया भर मे तबाही मचाने आया नया वायरस, वैज्ञानिक का कहना कभी नही देखा ऐसा

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New Mirusvirus : में मौजूद प्लैंकटॉन्स संक्रमित हो गए हैं. ऐसे में खतरा बढ़ गया है. माइरसवायरस तेजी से फैल रहा है. आइए जानते हैं कि इस अनोखे नए वायरस माइरसवायरस से क्या नुकसान हो सकता है?

जान लें कि माइरसवायरस, डुप्लोडीएनएवीरिया का एक भाग है. इसी ग्रुप से हर्पिस वायरस भी है जो इंसानों और जानवरों दोनों को संक्रमित करता है. बताया जा रहा है कि हर्पिस वायरस और माइरसवायरस एक-दूसरे से जेनेटिकली रिलेटेड हैं. इसके अलावा माइरसवायरस में जॉइंट वायरस वैरीडीएनएवीरिया के जैनेटिक कैरेक्टर भी मिलते हैं.

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माइरसवायरस

बता दें कि माइरसवायरस पर एक स्टडी Nature जर्नल में पब्लिश की गई है. जिसमें बताया गया है कि वैरीडीएनएवीरिया और डुप्लोडीएनएवीरिया के बीच का एक हाइब्रिड वायरस माइरसवायरस है.

New Mirusvirus : दुनिया भर मे तबाही मचाने आया नया वायरस, वैज्ञानिक का कहना कभी नही देखा ऐसा
New Mirusvirus : दुनिया भर मे तबाही मचाने आया नया वायरस, वैज्ञानिक का कहना कभी नही देखा ऐसा

सीएनआरएस के एक वैज्ञानिक ने कहा कि माइरसवायरस एक अलग तरह का वायरस है. ऐसा वायरस पहले कभी देखने को नहीं मिला है. माइरसवायरस दो वायरस का क्रॉसबीड है.

इस तरह माइरसवायरस की खोज

ये भी कहा गया है कि वैज्ञानिक इस नए अनोखे वायरस के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं निकाल पाए हैं. वायरस का पता लगाने के लिए साइंटिस्ट्स ने एक एक्सपेडिशन के डेटा को इस्तेमाल किया.

इसके अलावा साल 2009 से 2013 तक कई समुद्र के पानी के सैंपल लिए गए. इसमें प्लैंकटॉन्स, एल्गी और वायरस को खोजा गया. इसके बाद रिसर्चर्स ने कई माइक्रोब्स का डीएनए टेस्ट किया.

माइरसवायरस

वैज्ञानिकों का कहना है कि ये एक क्रांतिकारी खोज है. माइरसवायरस डबल स्ट्रैंडेड डीएनए वायरस है. खास बात है कि डबल स्ट्रैंडेड डीएनए वायरस है. समुद्र के रोशनी वाले क्षेत्रों में पाया जाता है. यह समुद्र की लहरों के माध्यम से एक जगह से दूसरी जगह पहुंच जाता है.

इससे समुद्र में मौजूद कार्बन और पोषक तत्वों को आने वाले समय में नुकसान पहुंचेगा. हालांकि, इसकी मदद से हर्पिस वायरस की उत्पत्ति के संबंध में पता लगाया जा सकता है.

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