National Dengue Day 2023 : आज ही के दिन क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय डेंगू दिवस…जानिए

National Dengue Day 2023 : आज ही के दिन क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय डेंगू दिवस...जानिए

National Dengue Day 2023 : आज ही के दिन क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय डेंगू दिवस…जानिए

National Dengue Day 2023 : 2022 में जिओ हेल्थ मेडिकल जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, भारत में डेंगू के चल रहे प्रसार के लिए मानसून की देर से वापसी को जिम्मेदार ठहराया गया है। डेंगू संचरण तीन प्रमुख कारकों- वर्षा, आर्द्रता और तापमान के साथ निकटता से जुड़ा हुआ है। भौगोलिक क्षेत्रों में डेंगू के संचरण के लिए यही जिम्मेदार हैं।

National Dengue Day 2023 : आज ही के दिन क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय डेंगू दिवस...जानिए
National Dengue Day 2023 : आज ही के दिन क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय डेंगू दिवस…जानिए

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    • National Dengue Day 2023 : वर्ष 1951 से 1960 और वर्ष 2012 से 2021 के बीच भारत में डेंगू संचरण की प्रवृत्ति में 1.69% की वृद्धि हुई है।
    • जलवायु परिवर्तन के चलते थार रेगिस्तान के गर्म शुष्क इलाके में एडीज एजिप्टी और ठंडे ऊपरी हिमालय में एडीज एल्बोपिक्टस मच्छर के विस्तार का अनुमान है।
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    • वर्तमान में, एडीज एजिप्टी दक्षिणी प्रायद्वीप, पूर्वी समुद्र तट, उत्तर-पूर्वी राज्यों और उत्तरी मैदानों में अधिक प्रचलित है। एडीज एल्बोपिक्टस पूर्वी और पश्चिमी तट रेखाओं, उत्तर-पूर्वी राज्यों और निम्न हिमालय में सक्रिय है। डेंगू के पीछे इन्हीं दो प्रजातियों को जिम्मेदार माना जाता है।

National Dengue Day 2023 :

 डेंगू संक्रमण
डेंगू और कोरोना संक्रमण के लक्षण काफी हद तक सामान्य हैं। इनके मरीजों में अंतर पता नहीं चलता। इसकी वजह से निदान और उपचार की देरी भी संभव है। – डॉ. राजकुमार, इंडियन स्पाइनल इंजरी सेंटर, नई दिल्ली

सही और सटीक आंकड़े सामने न आने से डेेंगू की रोकथाम, नियंत्रण और अनुसंधान एवं विकास के लिए किए गए प्रयास पूरी तरह सफल नहीं हो पाते।

आईसीएमआर
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद का कहना है कि आमतौर पर हर साल जून से सितंबर मध्य तक जब मौसम में कुछ नमी रहती है, डेंगू संक्रमण का प्रकोप देखने को मिलता है।

  • देश के 24 राज्यों में इसका सबसे ज्यादा असर रहता है। हालांकि, भारत में सही आंकड़े भी सामने नहीं आते हैं।.
  • 2022 में श्रीलंका में डेंगू के कुल मामले 75,953 दर्ज किए गए थे, यानी उनके यहां एक लाख की आबादी पर 361.68 मामले पाए गए।
  • वहीं, भारत में कुल मामले 1,10,473 थे, जो एक लाख की आबादी पर 7.89 ही हैं।

आयुष उपचार भी है मौजूद
डेंगू के उपचार में आयुर्वेद की भूमिका भी अहम है। दारुहरिद्रा, अपामार्ग, कुटकी, करंज बीज, त्रिभुवन कीर्ति और मृत्युंजय रस से निर्मित फीफाट्रोल दवा दी जाती है। – डॉ. केएन द्विवेदी, वरिष्ठ प्रोफेसर, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय

क्या है डेंगू
नई दिल्ली स्थित एम्स के वरिष्ठ डॉ. संजय राय ने बताया कि डेंगू एक मच्छर जनित उष्णकटिबंधीय बीमारी है जो डेंगू वायरस यानी जीनस फ्लेवीवायरस के कारण होती है।

  • इसका प्रसार मच्छरों की कई जीनस एडीज प्रजातियों मुख्य रूप से एडीज इजिप्टी द्वारा होता है।
  • यह मच्छर चिकनगुनिया, पीला बुखार व जीका संक्रमण का भी वाहक है।
  • डेंगू के चार अलग-अलग, लेकिन आपस में संबंधित सीरोटाइप होते हैं, जिन्हें डेन-1, डेन-2, डेन-3 और डेन-4 नाम से जानते हैं।

लक्षण: अचानक तेज बुखार, तेज सिर दर्द, आंखों में दर्द, हड्डी, जोड़ और मांसपेशियों में तेज दर्द।
जांच, इलाज: डेंगू का निदान रक्त परीक्षण से किया जाता है। इसके इलाज के लिए कोई विशेष दवा नहीं है।

  • हाल ही में इंडोनेशिया में डेंगू नियंत्रित करने के लिए वोल्बाचिया बैक्टीरिया से संक्रमित मच्छरों का इस्तेमाल किया है। इसी पर भारत में भी शोध हो रहा है।
  • डेंगू का टीका
    2019 में यूएस एफडीए ने डेंगू के पहले टीके सीवाईडी-टीडीवी या डेंगवाक्सिया को अनुमोदित किया।

    • यह टीका से एक जीवित, क्षीण डेंगू वायरस से निर्मित है, जिसे 9 से 16 वर्ष की आयु के उन बच्चों को लगाया जाता है, जो पहले कभी डेंगू की चपेट में आए।
    • आईसीएमआर के मुताबिक, वैक्सीन निर्माता आईआईएल द्वारा भारत की पहली डेंगू वैक्सीन विकसित की जा रही है। इसे पहले चरण के परीक्षण की अनुमति मिल गई है।
    • बीते छह साल की स्थिति

    साल            कुल मामले         मौत
    2017         1,88,401           325
    2018         1,01,192           172
    2019         1,57,315           166
    2020         44,585               56
    2021         1,93,245           346
    2022         2,33,251           303

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