Narcotics committee meeting: प्रभारी सचिव सुब्रत साहू ने ली समीक्षा बैठक… बच्चों के लिए विशेष नशा मुक्ति केंद्र का मिला सुझाव

:रमेश गुप्ता:

दुर्ग: छत्तीसगढ़ को नशा मुक्त करने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है. एक तरफ पुलिस  एक के बाद  एक कार्रवाई कर रही है तो प्रशासन भी लगातार जागरूकता अभियान  चला कर नशा मुक्त समाज  की परिकल्पना को साकार करने की कोशिश कर रही है.

 

सरकार इस अभियान को लेकर लगातार समीक्षा बैठक भी कर रही है. जिले के प्रभारी सचिव सुब्रत साहू की अध्यक्षता में जिला स्तरीय नारकोटिक्स समिति की बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई. प्रभारी सचिव सुब्रत साहू ने पुलिस अधीक्षक से 1 जनवरी 2025 से 19 जून 2025 तक नारकोटिक्स एक्ट के तहत की गई कार्रवाई की जानकारी ली. SP ने बताया कि इस दौरान 49 प्रकरण दर्ज किए गए और विभिन्न मादक पदार्थों, जैसे- गांजा 231.745 कि.ग्रा., नशीली दवाइयाँ 55182 नग, हेरोइन 306.29 ग्राम, ब्राउन शुगर 2.5 ग्राम की बरामदगी हुई है. साथ ही कोटपा एक्ट के तहत दो स्थानों पर कार्रवाई की गई है.

उक्त 49 प्रकरणों  में 2 प्रकरण पेट्रोलिंग/चेकिंग के दौरान एवं शेष 47 प्रकरण में मुखबीर की सूचना के आधार पर एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्यवाही की गई. मादक पदार्थ नष्ट करने हेतु तैयार 53 प्रकरणों की सूची तैयार की गई है. प्रभारी सचिव श्री साहू ने निर्देश दिए कि जब्त मादक पदार्थों का नष्टीकरण तीन से चार महीने में अनिवार्य रूप से किया जाए. उन्होंने नारकोटिक्स एक्ट के मामलों के शीघ्र निपटारे और जब्ती की कार्रवाई को तेज करने के निर्देश दिए.

पुलिस अधीक्षक ने बच्चों के लिए विशेष नशा मुक्ति केंद्र स्थापित करने की आवश्यकता जताई. इस पर श्री साहू ने जिले में संचालित नशा मुक्ति केंद्र में महिला नशा पीड़ित, अवयस्क नशा पीड़ित और बाल नशा पीड़ितों के लिए पृथक-पृथक पुर्नवास व्यवस्था का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए. खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने बताया कि अप्रैल 2024 से मई 2025 के बीच औषधि विक्रय में अनियमितताएँ पाई गईं. इस पर 26 फर्मों को नोटिस, 18 के विरुद्ध निलंबन तथा 03 फर्मों के पंजीयन निरस्त किए गए. श्री साहू ने अधिक से अधिक फर्मों के निरीक्षण और बंद फर्मों का पंजीयन समाप्त करने के निर्देश दिए.

बैठक में कलेक्टर  अभिजीत सिंह, पुलिस अधीक्षक  विजय अग्रवाल सहित खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, आबकारी विभाग, समाज कल्याण विभाग, जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र विभाग और वन विभाग के अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े.