0 भृत्य और शिक्षक की नियुक्ति तबादले को लेकर अधिकारियों को लिखा लेटर हेड में पत्र
नारायणपुर। नारायणपुर जिले में इन दिनों चपरासी की नियुक्ति से लेकर शिक्षक का तबदला का मामला बड़ा तुल पकड़ता जा रहा है क्योंकि सत्ता में आते ही भाजपा के पदाधिकारी इन नियुक्ति और तबादले के लिए अधिकारियों को पत्र जारी कर सत्ता का दबाव बना रहे है और अधिकारी सत्ता के दबाव में पत्र पे कार्य कर रहे है । पूरा मामला इस प्रकार है कि पिछले दिनों भाजपा जिला अध्यक्ष रूपसाय सलाम द्वारा जिला मिशन समन्वयक समग्र शिक्षा को पत्र लिखकर देवगांव पोटा केबिन बालक और बालिका में दो भृत्य की नियुक्ति करने के लिए लिखा गया था और दोनो की नियुक्ति अशीक्षको ने कर दी थी जिसकी शिकायत जिला कलेक्टर से सीपीआई नेता फुलसिंग कचलाम ने कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की थी मामला ठंडा हुआ ही नहीं था कि भाजपा जिला उपाध्यक्ष सोनू कोर्राम का शिक्षक के तबादले को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखे जाने का नया मामला सामने आया है । उक्त पत्र में भाजपा जिला उपाध्यक्ष ने जिला शिक्षा अधिकारी को लिखा कि अन्यत्र शिक्षक को टीमनार ने भरंडा में संलग्न किया जाए जिस पर उक्त शिक्षक को भरण्डा में संलग्न किया गया है । सीपीआई नेता फूलसिंह कचलाम ने कहा कि सत्ता में आने के लिए भाजपा ने कई वादे जनता से लिए और जनता ने अपना आशीर्वाद देकर उन्हें सत्ता में लाया उन वादों में भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश का भी था लेकिन भाजपा जिला अध्यक्ष ही भ्रष्टचार को बढ़ावा देने के लिए भृत्य की नियुक्ति करने के लिए अपने लेटर पैड में पत्र लिखा और नियुक्ति करवाई । वही आप नेता नरेंद्र नाग ने कहा कि भाजपा के नेताओं में बड़ी होड़ लगी नजर आ रही है भृत्य से लेकर शिक्षक की नियुक्ति और तबादले कराने के लिए भाजपा जिला अध्यक्ष और उपाध्यक्ष अधिकारियों को पत्र लिखकर सत्ता का दबाव बनाकर कार्य करवा रहे है ।
नारायणपुर में शिक्षको को मनपसंद जगह जाना हो या अधिक्षक अधिक्षिका बनना हो तो बीजेपी के नेताओं से सम्पर्क कर सरलता से सपना पुरा किया जा सकता है ऐसे हजारों उदाहरण है आम आदमी पार्टी नारायणपुर बीजेपी की ऐसी हरकत के खिलाफ प्रदर्शन करने बाध्य होगी जो बच्चों की भविष्य संवारने के बजाय चंदा दो जहां जाना है जाओ का खेल बंद करें एकल शिक्षक स्कूलों में नियुक्त करने का हिम्मत दिखाते तो आम आदमी पार्टी नारायणपुर समर्थन करती पर ये खेल समझ नहीं आया लुट निति है या कुटनिति