नगर निगम की ठेकेदारों पर सख्ती… 3 करोड़ से अधिक का कार्य आवंटन प्रतिबंधित

भाजपा सरकार के गठन के बाद शहर विकास से जुड़े कई कार्यों को स्वीकृति मिल रही है, लेकिन देखा जा रहा था कि नगर निगम में ऐसे ठेकेदार लगातार काम ले रहे थे जिनके पास क्षमता से अधिक कार्य होते हैं। परिणामस्वरूप वे समय पर कार्य पूरा नहीं कर पा रहे थे, जिससे विकास कार्य प्रभावित हो रहे थे।

इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए नगर निगम प्रशासन ने ठेकेदारों के लिए नई सीमा तय की है। अब किसी भी ठेकेदार को 3 करोड़ रुपये से अधिक के कार्य नहीं दिए जाएंगे। उन्हें पहले स्वीकृत कार्य पूरा करना होगा, उसके बाद ही नए कार्य दिए जाएंगे। इस कदम का उद्देश्य कार्य की गति बढ़ाना और विलंब रोकना है।

इसके अलावा, नगर निगम ने सभी नई एनआईटी निविदा सूचना में योग्यता को अनिवार्य किया है। यदि किसी ठेकेदार के पास तकनीकी क्षमता या अनुभव नहीं है, तो उसे टेंडर प्रदान नहीं किया जाएगा। नगर निगम के इस निर्णय से अब वही ठेकेदार काम कर पाएंगे जो योग्य हैं और निर्धारित मानकों के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण काम करने में सक्षम हैं।इन नई व्यवस्थाओं के बाद शहर में विकास कार्यों की गुणवत्ता और गति दोनों में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।

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