Mukhyamantri School Jatan Yojana: राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना को ठेकेदार लगा रहे है सेंध
Mukhyamantri School Jatan Yojana: स्कूल ,छात्रवास परिसर को भी ठेकेदारों ने कर रखा है अस्तव्यस्त
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Mukhyamantri School Jatan Yojana: सक्ती / शिक्षा की स्तर को बेहतर बनाने में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा तरह-तरह योजनाओं के माध्यम से राज्य के विद्यार्थियों को होने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए हजारों करोडों की राशि खर्च की जा रही है,ताकि विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को अध्ययन करते समय किसी प्रकार की कोई
परेशानियों का सामना ना करते हुए सुरक्षित रूप से अध्ययन कर सके। इसी को मद्देनजर रखते हुए स्कूल भवनों की जर्जर स्थिति और भवनों की कमी को दूर करने के लिए राज्य के वर्तमान सरकार द्वारा मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना की पहल की गई है। जिसके तहत राज्य भर के स्कूलों में अतिरिक्त
कक्ष भवन का निर्माण कराया जा रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य के यशस्वी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में शिक्षा की स्तर में उन्नति और गरीब ग्रामीण वर्गों के छात्र-छात्राओं के हित में देखे इस सपने को जमीनी धरातल पर ठेकेदारों द्वारा चपत लगाया जा रहा है। सक्ति जिले के ग्रामीण इलाकों में
Mukhyamantri School Jatan Yojana
ठेकेदारों ने भवन निर्माण में अनियमितता के कारण यह योजना अभी से दम तोड़ने नजर आ रही है।
दअरसल सक्ती एवं जांजगीर चाँपा जिले में मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के तहत बानने वाले अतिरिक्त भवनों में ठेकेदारों के द्वारा निर्माण कार्य मे
जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। ठेकेदार व कॉन्ट्रेक्ट कंपनी के द्वारा दर्जन से भी अधिक का निर्माण कार्य ले रखे है जिसके चलते जल्दबाजी और
बिल पास कराने के चक्कर मे मनमाने तरीके से गुणवत्ताहीन सामग्रियों का उपयोग कर घटिया निर्माण पर उतावले है। कई ठेकेदारों के पास तो 40-50 भवनों से अधिक का ठेका है जो विभगीय अधिकारियों को बांध रखे जिसके वजह से ठेकेदारों के भ्रष्टाचारी रवैये एवं उनके निर्माण कार्य के
अनियमितता को नजरअंदाज कर दिया जाता है और अतिरिक्त कक्ष निर्माण में गुणवत्ताहीन सामग्रियों का उपयोग करने पर खुला छूट भी दिया जा रहा हैं।
अतिरिक्त कक्ष भवनों के निर्माण खड़े होता है अनेकों सवाल
भवन के आकारों को लेकर ग्रामीण के मानों में सवाल अनेकों है आम जनता व ग्रामीणों ने बताया कि आखिर इतनी छोटे भवन का निर्माण में सरकार 7 से 8 लाख की राशि दे रही है उसे ठेकेदार कैसे खर्च कर बना रहे है। ग्रामीणों का ये भी कहना है ठेकेदारों के द्वारा लागत राशि मे बंदर बाट किया
जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में बनने वाली अतिरिक्त भवन को लेकर आम नागरिकों ने बात की भवन के बीम को बेहद ही पतले और उपयुक्त मात्रा में
सीमेंट(बजरी) नही डाला जा रहा है, घटिया तरीके का भवन के चुनाई में अलग-अलग प्रकार का ईट का उपयोग किया जाता है। निर्माण स्थल पर सही बन रहा है या नही उसे देखने कोई नही आता है जिसके कारण ठेकेदार मनमानी करते रहते है।
निर्माण कार्यो को अधिक बिलो का खेल
आपको बता दे कि यह दोनों जिलों में ठेकेदारों द्वारा अधिक बिलो में भवनों की निर्माण कार्यो को ले रहे है इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितने अच्छे गुणवत्तापूर्ण कार्य होगा
अगर विभाग के अधिकारियों द्वारा कार्यो की अच्छी तरीके से निरीक्षण करके कार्य करवाया जाए तो बिलो में निर्माण कार्य लेने वाले ठेकेदारो को नुकसान हो सकता है अगर विभाग के अधिकारी द्वारा स्टीमेट बनाकर टेंड