रायपुर। छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में संचालित 97 डीएवी विद्यालयों के प्राचार्यों की बैठक डीएवी हुडको भिलाई, दुर्ग में संपन्न हुई। बैठक के मुख्य अतिथि सीबीएसई रायपुर के प्रमुख जगदीश बर्मन थे, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ डीएवी संस्थान प्रमुख और क्षेत्रीय अधिकारी प्रक्षेत्र ‘अ’ छत्तीसगढ़ प्रशांत कुमार ने की।बैठक का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों की शैक्षणिक प्रगति, परीक्षा की तैयारी, मानसिक सशक्तिकरण और उत्कृष्ट परिणाम प्राप्ति के लिए सामूहिक रणनीति तैयार करना था।
इस दौरान बर्मन ने कहा कि विद्यालयों की भूमिका केवल शिक्षा प्रदान करने तक सीमित नहीं है, बल्कि विद्यार्थियों के समग्र व्यक्तित्व विकास, अनुशासन, नैतिकता और नेतृत्व क्षमता निर्माण में भी अहम योगदान होना चाहिए।उन्होंने कहा कि डीएवी संस्थान गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के लिए जाना जाता है, इसलिए सभी प्राचार्यों को विद्यार्थियों के हित में निरंतर बेहतर कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने विद्यालयों के बीच सहयोग की भावना पर बल देते हुए कहा कि एक समान और सशक्त शैक्षणिक वातावरण तैयार करने से विद्यार्थियों के प्रदर्शन में उल्लेखनीय सुधार होगा।
बैठक में विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य, परीक्षा प्रणाली में सुधार, शिक्षण पद्धतियों में तकनीकी नवाचार, सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों के माध्यम से समग्र विकास और शिक्षकों के प्रशिक्षण जैसे विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई। साथ ही, नई शिक्षा नीति के प्रभावी पालन पर भी बल दिया गया।कार्यक्रम में सभी प्राचार्यों ने अपने विद्यालयों के अनुभव साझा किए और विद्यार्थियों के प्रदर्शन में सुधार के लिए नवाचारी सुझाव प्रस्तुत किए।
क्षेत्रीय अधिकारी प्रशांत कुमार के नेतृत्व में मेज़बान विद्यालय ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और बैठक के सफल संचालन में सहयोग प्रदान किया।अंत में जगदीश बर्मन ने कहा कि डीएवी विद्यालयों की असली शक्ति उनका आपसी सहयोग और विद्यार्थियों के प्रति समर्पण है। यदि सभी एकजुट होकर कार्य करें, तो छत्तीसगढ़ में डीएवी की शैक्षणिक छवि और अधिक सशक्त होगी। बैठक का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें सभी प्राचार्यों ने विद्यार्थियों की शैक्षणिक उत्कृष्टता, अनुशासन और नैतिक मूल्यों को सुदृढ़ करने का संकल्प लिया।