Malaria infection मलेरिया से बचाव के लिए सीमा क्षेत्र के गांवों में हुई स्क्रीनिंग

Malaria infection

Malaria infection मलेरिया से बचाव के लिए सीमा क्षेत्र के गांवों में हुई स्क्रीनिंग

Malaria infection राजनांदगांव। मलेरिया संक्रमण की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले से सटे मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र की सीमा पर एक दिवसीय मास स्क्रीनिंग की गई। इस दौरान सीमा क्षेत्र के 97 गांवों की लगभग 88.45 प्रतिशत जनसंख्या के बीच मलेरिया जांच की गई, जिसमें 16 लोगों की रिपोर्ट मलेरिया पॉजिटिव आई है। मलेरिया संक्रमित पाए गए लोगों का अब इलाज भी शुरू किया गया है।

Malaria infection मलेरिया संक्रमण के मामले में संवेदनशील राजनांदगांव जिले के समीप मध्यप्रदेश के बालाघाट और महाराष्ट्र के गढ़चिरौली व गोंदिया जिले के सीमाक्षेत्र में लगभग 67,000 जनसंख्या के बीच मलेरिया जांच करने का लक्ष्य लेकर एक दिवसीय मास स्क्रीनिंग की गई।

Malaria infection इस दौरान जनसमुदाय, आदिवासी समुदाय वाले क्षेत्र, सीमावर्ती क्षेत्र तथा मलेरिया हेतु अति संवेदनशील क्षेत्र में विशेषकर प्रवासी, गर्भवती तथा 5 साल से कम उम्र के बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए जिले में विभिन्न जागरुकता गतिविधि की गई। मलेरिया संक्रमित को चिन्हित करने के लिए अलग-अलग टीम के माध्यम से डोर-टू-डोर सर्वे किया गया। इस दौरान लक्ष्य के अनुरूप लगभग 60,000 (88.45 प्रतिशत) जनसंख्या के बीच मलेरिया जांच की गई।

Malaria infection इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. अशोक कुमार बंसोड़ ने बतायाः मलेरिया की रोकथाम व इससे बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा विविध जन-जागरुकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। जिला स्तर पर विशेष स्वास्थ्य दल गठित कर संवेदनशील क्षेत्रों में डोर-टू-डोर सर्वे किया जा रहा है।

Malaria infection अस्पतालों में भी स्वास्थ्य जांच शिविर लगाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में राजनांदगांव जिले से लगे मध्यप्रदेश के बालाघाट और महाराष्ट्र के गढ़चिरौली व गोंदिया जिले की सीमा पर एक दिवसीय मास स्क्रीनिंग की गई, जिससे 16 लोगों की रिपोर्ट मलेरिया पॉजिटिव पाई गई है। नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में मलेरिया संक्रमितों का इलाज किया जा रहा है।

Malaria infection उन्होंने लोगों से अपील की है कि तेज बुखार, बदन दर्द, सिरदर्द, उल्टी, शरीर पर दाने, नाक से खून आना या उल्टी में खून आना जैसी कोई भी शिकायत होने पर तुरंत निकट के स्वास्थ्य केंद्र में जांच करवाएं, ताकि शीघ्र बेहतर उपचार किया जा सके। साथ ही हमेशा मच्छरदानी लगाकर सोने की आदत डालें। मच्छर न पनप सके, इसलिए घर के आसपास साफ सफाई रखें।

वहीं इस बारे में मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की जिला सलाहकार संगीता पांडेय ने बतायाः कलेक्टर डोमन सिंह के निर्देशन व मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अशोक कुमार बंसोड़ के मार्गदर्शन में मलेरिया की रोकथाम के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। साथ ही मौसमी रोगों से बचाव हेतु सालभर प्रत्येक बुधवार को ग्रामीण व गुरुवार को शहरी क्षेत्र में ड्राई डे भी मनाया जाता है जिसमें सोर्स रिडक्शन गतिविधियां की जाती हैं।

जन-जागरुकता के लिए गांवों में कार्यशाला का आयोजन किया जाता है। मलेरिया से बचाव के लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व मितानिन द्वारा गृहभेंट कर समुदाय में मच्छरदानी बांटी गई है तथा इसके रखरखाव, साफ सफाई एवं उपयोग से संबंधित जानकारी समुदाय को दी गई है। वहीं मच्छरदानी का उपयोग करने की अपील के साथ प्रतिदिन शाम को मितानिन अथवा गांव के प्रमुख व्यक्ति द्वारा नगाड़ा, सीटी और घंटी बजवाकर लोगों को जागरुक किया जा रहा है।

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