(Make Bhatapara a district) जिला बनाओ के नारों से रंगने लगी है दीवारें 

(Make Bhatapara a district)

राजकुमार मल

(Make Bhatapara a district) आम जनता की पीड़ा उभर कर सामने आ रही अब दीवारों पर

 

(Make Bhatapara a district) भाटापारा– “भाटापारा को जिला बनाओ” ‘अभी नहीं तो कभी नहीं” नारे से नगर के चौक चौराहों की दीवारें रंगने लगी है। यहां की आम जनता की पीड़ा अब दीवारों पर उभर कर सामने आ रही है। भाटापारा को जिला बनाने की मांग 40 वर्षों पुरानी है। बार-बार राजनीतिक दलों से छले जाने के बाद भी यहां की जनता राजनेताओं के आश्वासन पर विश्वास लगाये बैठी है कि किसी ना किसी दिन ये राजनेता अपना किया हुआ वादा जरूर पूरा करेंगे ।

(Make Bhatapara a district)  बजट सत्र पर टिकी निगाहें –

जिले की त्रासदी भोग रही आम जनता की निगाहें अब बजट सत्र पर टिकी हुई है। वर्तमान सरकार का अंतिम बजट मार्च महीने में पेश होने वाला है। जनता को अब भी उम्मीद है कि सरकार इस बजट सत्र में भाटापारा को जिला घोषित कर कर दे।

(Make Bhatapara a district)  भेंट मुलाकात का इंतजार –

संपूर्ण प्रदेश में आम जनता से भेंट मुलाकात करने के लिए मुख्यमंत्री जी घूम रहे हैं भाटापारा की आम जनता भी उनसे भेंट मुलाकात के लिए आतुर हैं लेकिन फिलहाल अब तक मुख्यमंत्री का भाटापारा प्रवास नहीं हो पाया है निश्चित रूप से उनके भाटापारा प्रवास पर आम जनता जिले की मांग करेगी और पूर्ण होने की उम्मीद भी रखेगी।

(Make Bhatapara a district)  शहीद नंदकुमार पटेल का सपना –

झीरम घाटी में शहीद हुए तात्कालीन कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष शहीद नंदकुमार पटेल का सपना था कि कांग्रेस की सरकार आने पर भाटापारा स्वतंत्र जिला बने। उन्होंने सपना था छत्तीसगढ़ में 36 जिले बनाए जाएंगे उनमें से एक जिला भाटापारा भी होगा। लेकिन अफसोस यहां की जनता शहीद नंदकुमार पटेल का सपना पूरा होने का इंतजार कर रही है। विश्व आदिवासी सम्मेलन में भूपेश बघेल ने भी भाटापारा को पृथक राजस्व जिले का दर्जा देने की बात कही थी। यहाँ की जनता उस लम्हे का इंतजार कर रही है जब मुख्यमंत्री पृथक राजस्व जिले की घोषणा करेंगे।

दाऊ कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि-

भाटापारा छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े दानवीर दाऊ कल्याण सिंह की जन्म स्थली एवं कर्मस्थली है। जिस दाऊ कल्याण सिंह ने छत्तीसगढ़ के विकास के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया उस दानवीर की जन्मभूमि आज विकास के लिए तरस रही है। जिले के नाम पर दोनों दलों के लोग एक के बाद एक केवल छलने का काम कर रहे हैं। पृथक भाटापारा जिला बनाकर दाऊ कल्याण सिंह को सच्ची श्रद्धांजलि दी जा सकती है।

अब देखना यह है कि 4 साल पूर्व किए हुए वायदे पर भूपेश सरकार कितना खरा उतरती है। क्या भूपेश सरकार आम जनता का विश्वास पाने में सफल होगी या फिर पिछले 40 वर्षों की भांति इस बार भी भाटापारा छला जाएगा? भाटापारा की आम जनता ने इस बार मन में ठान लिया है कि जिला नहीं तो विधायक नहीं। भाटापारा के क्षेत्रवासियों को जिले का आश्वासन देने के बाद यदि सरकार इसे पूर्ण नहीं करती है तो निश्चित रूप से आने वाले चुनाव में इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

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