Kolkata rape-murder case- सीबीआई पर आरोप, कोलकाता रेप-मर्डर केस की सही जांच नहीं की 

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई

पेरेंट्स को कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका दायर करने की परमिशन दी

कोलकाता

कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर केस पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अगुवाई वाली बेंच ने स्वत: संज्ञान लेते हुए पीड़ित के पेरेंट्स को कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका दायर करने की अनुमति दे दी।

परिवार की मांग है कि इस मामले में CBI ने सही से जांच नहीं की। याचिका में मुख्य आरोपी संजय रॉय के अलावा अन्य आरोपियों के शामिल होने का पता लगाने के लिए आगे की जांच की मांग की गई।

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पीड़ित के पिता ने कहा, हमने हाईकोर्ट में याचिका दायर करके 54 सवाल पूछे हैं। अदालत को उन सवालों के जवाब देने हैं ताकि मेरी बेटी को न्याय मिले। मेरी बेटी के रेप और मर्डर में कई लोग शामिल हैं। और सबूतों से छेड़छाड़ में कई लोग शामिल हैं। पुलिस ने जांच के लिए डॉग स्क्वॉड को बुलाया था, लेकिन हमें अभी तक इसकी कोई रिपोर्ट नहीं मिली है।

सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट करुणा नंदी ने पीड़ित पक्ष की ओर से बात रखी, जबकि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता CBI की ओर से पेश हुए। सियालदह कोर्ट में केस का ट्रायल 12 नवंबर 2024 को शुरू हुआ था, इसके 57 दिन बाद संजय को दोषी करार दिया गया।
सियालदह कोर्ट में केस का ट्रायल 12 नवंबर 2024 को शुरू हुआ था, इसके 57 दिन बाद संजय को दोषी करार दिया गया।
परिवार ने कहा था- CBI जांच से संतुष्ट नहीं, नए सिरे से जांच चाहते हैं
20 जनवरी को सेशंस कोर्ट ने संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। साथ ही 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया था। कोर्ट ने कहा कि यह रेयरेस्ट ऑफ रेयर मामला नहीं है, इसलिए फांसी की सजा नहीं दे सकते। हालांकि पीड़ित परिवार ने कहा था वे CBI जांच से संतुष्ट नहीं हैं और नए सिरे से जांच चाहते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पेरेंट्स के वकील को चेतावनी थी दी कि वे कोर्ट में दाखिल किए गए हलफनामे में दिए गए बयानों को लेकर सतर्क रहें, क्योंकि इस मामले में संजय रॉय को दोषी करार दे दिया गया है।

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