Kasdol Big News : भ्रष्टाचार का घर बन गया है कसडोल विकासखंड शिक्षा कार्यालय…
कसडोल बीईओ द्वारा लेनदेन कर की गई नियुक्ति अप्रशिक्षित शिक्षकों की
भ्रष्टाचार का घर बन गया है कसडोल विकासखंड शिक्षा कार्यालय
डीएमएफ फंड का दुरुपयोग
बीईओ राधेलाल जायसवाल की सफाई, सीएम से शिकायत ना हो जाए इसलिए जल्दबाजी में की गई नियुक्ति
भुवनेश्वर प्रसाद साहू
कसडोल समाचार
कसडोल के शिक्षा विभाग में बड़ा घोटाला सामने आया है ! डीएमएफ फंड का बंदरबांट ….! शिक्षा विभाग में प्रशिक्षितों को दरकिनार कर दी गई अप्रशिक्षितों की नियुक्ति !
कसडोल बीईओ राधेलाल जायसवाल बोले –सीएम साहब आने वाले थे… कोई शिकायत ना हो ….इसलिए आनन-फानन में की गई नियुक्ति !
डीएमएफ फंड की राशि के बंदरबांट का भी आरोप !
छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के स्कूल शिक्षा विभाग में डीएमएफ फंड के पैसे का बंदरबांट देखने को मिल रहा है ! ऐसा हम इसलिए कह रहे थे कि जो तस्वीरें बलौदाबाजार जिला के कसडोल विकासखंड से आई है वह बतलाती है कि किस प्रकार से अपने मनचाहों की नियुक्ति दिलाने के चक्कर में पूरे नियम कानून की धज्जियां उड़ाई जाती है !
दरअसल जिले के कसडोल विकासखंड में मुख्यमंत्री के भेंट मुलाकात कार्यक्रम के पहले विकासखंड के विद्यालयों में अतिथि शिक्षकों ( व्यवस्था में ) की नियुक्ति डीएमएफ फंड से की गई ! इस नियुक्ति में सबसे दिलचस्प यह रही कि इस नियुक्ति के लिए ना तो कोई विज्ञापन निकाला गया… ना किसी प्रकार की कोई सूचना दी गई …अतिथि शिक्षकों ( व्यवस्था में ) की भर्ती होने के बाद बाकी लोगों को पता चला कि कोई इस प्रकार की नियुक्ति भी की गई है !
ऐसे में सवाल ये भी उठता है कि शिक्षा जैसे प्रमुख विभाग जिससे प्रदेश और देश का भविष्य जुड़ा हो …बिना इंटरव्यू… बिना एग्जाम दिए , बिना बीएड -डीएड किये ऐसे अभ्यर्थियों की नियुक्ति क्यों की गई ? क्या यह नियुक्ति नियम के तहत होता तो अच्छे अभ्यर्थियों का चयन नहीं होता ? जिसके पास डिग्री , अनुभव के साथ बीएड और डीएड प्रशिक्षित हो और टीईटी भी पास हो !
लेकिन शायद विभाग के जिम्मेदारों को इन सब से कोई लेना-देना नहीं रहा ! इसीलिए , नियुक्ति में विज्ञापन भी नहीं निकाला गया और ना ही B.Ed D.Ed जैसे कोर्स किए हुए प्रशिक्षितों को कोई जानकारी दी गई ! बस , इस बात की शिकायत ना हो जाए …इसके डर से बेधड़क नियमों को दरकिनार करके नियुक्ति की गई !
ऐसे में डीएमएफ फंड की राशि का दुरुपयोग होना भी कहा जा सकता है !
इन नियुक्तियों में सबसे दिलचस्प बात यह भी है कि अभ्यर्थियों की नियुक्ति इतने गुपचुप तरीके से की गई कि बाकि युवाओं को भर्ती होने के बाद पता चला कि अमुक व्यक्ति …अमुक स्कूल में पढ़ाने जा रहा है ! ऐसे में सवाल यह भी उठता है कि इतने गुपचुप तरीके से शिक्षा विभाग जैसे जिम्मेदार विभाग में नियुक्ति क्यों की गई ?
कसडोल विकासखंड शिक्षा अधिकारी राधेलाल जायसवाल ने यह कहा…
इस विषय में आज की जनधारा संवाददाता ने जिले के शिक्षा अधिकारी सी.एस. ध्रुव से इस बारे में जानकारी लेनी चाही तो उन्होंने कसडोल बीईओ को निर्देशित किया ! कसडोल बीईओ राधेलाल जायसवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि अभी -अभी ट्रांसफर होने से कई स्कूलों में शिक्षकों की कमी थी , ऐसे में उनकी पूर्ति के लिए अतिथि शिक्षकों ( व्यवस्था में ) की नियुक्ति डीएमएफ फंड से की गई है !
बीईओ राधेलाल जायसवाल ने आगे जो कहा वह और भी दिलचस्प है….विकासखंड शिक्षा अधिकारी राधेलाल जायसवाल का कहना था कि सीएम साहब का दौरा होने वाला था , इसलिए कोई शिकायत ना हो जाए ऐसा विचार कर के जल्दबाजी में धडा़धड़ नियुक्ति की गई ! …..और हुआ भी ऐसा ही…. अब जब लोगों को इस बात का पता ही नहीं था तो कोई भला…क्यों कर के सीएम साहब के पास शिकायत करने जाता ?
अब कसडोल बीईओ राधेलाल जायसवाल के इस बयान के बाद सवाल यह उठता है कि क्या सिर्फ सीएम के दौरे को देखते हुए ऐसे किसी भी प्रकार की अवैधानिक नियुक्ति कर दी जाएगी ?
क्या किसी भी नियम को , शिक्षा जैसे प्रमुख विभाग में नियुक्ति पर दरकिनार कर दिया जाएगा ? क्या बीएड-डीएड जैसे प्रशिक्षित युवाओं को दरकिनार कर अप्रशिक्षितों की नियुक्ति कर देना जायज है ? जब बीएड-डीएड के प्रशिक्षित युवा बेरोजगार बैठे हैं तो क्या उनको पहले प्राथमिकता नहीं मिलनी चाहिए?
सब प्रश्नों का जवाब जब आज की जनधारा संवाददाता ने विकास खंड शिक्षा अधिकारी राधेलाल जायसवाल से मांगा तो उनका कहना था कि मैं अभी सिर्फ यही कहना चाहता हूं कि सीएम साहब से कोई शिकायत ना हो… इसलिए नियुक्ति जल्दबाजी में की गई ! अगली बार जुलाई माह 2023 में बाकायदा विज्ञापन निकालकर नियुक्ति की जाएगी !
अब उनके बयान को देखा जाए तो क्या यह माना जाए कि अभी ( नियुक्ति दिनांक) से लेकर , परीक्षा होने तक नान बीएड डीएड धारी अतिथि शिक्षक बच्चों के भविष्य को सुधारने का काम करेंगे ? सवाल और भी गंभीर हो जाता है जब कसडोल बीईओ राधेलाल जायसवाल कहते हैं कि प्रशिक्षित युवा मिले ही नहीं…?
इसलिए अप्रशिक्षितों की नियुक्ति कर दी गई ! अब जब आप दैनिक समाचार पत्रों में विज्ञापन जारी करेंगे ही नहीं , तो कोई आवेदन आएगा कैसे ? कैसे किसी को पता चलेगा कि शिक्षा विभाग में भर्ती की जानी है !
इसका मतलब साफ है की लेनदेन करके नियुक्ति दी गई है ! वैसे भी शिक्षा विभाग अब शिक्षा का मंदिर नहीं रह गया… शिक्षा विभाग में अब केवल और केवल भ्रष्ट अधिकारी और इसके भ्रष्टाचार के कारनामें ही सामने आते हैं !
प्राइवेट स्कूलों में प्रशिक्षित युवा अनिवार्य …सरकारी स्कूलों में नहीं ?
जानकारी के मुताबिक जब प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों की भर्ती की जाती है तब स्कूल शिक्षा विभाग के जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा प्राइवेट स्कूलों के संचालकों को बकायदा निर्देश जारी करते हैं कि सिर्फ बीएड और डीएड शिक्षकों को ही बतौर शिक्षक नियुक्त किया जाए !
ऐसे में सवाल यह भी उठता है कि जब प्राइवेट स्कूल में बीएड डीएड प्रशिक्षित युवाओं की नियुक्ति करना है तो सरकारी स्कूलों में यह नियम लागू क्यों नहीं हो रहा है ? क्या यह सीधे नियम का उल्लंघन नहीं है ?
कितने की हुई नियुक्ति
आपको बता दें कि कसडोल विकासखंड में अब तक 101 अतिथि शिक्षकों ( DMF फंड से ) की नियुक्ति हुई है ! जानकारी के मुताबिक बहुत सारे अतिथि शिक्षकों जिनकी नियुक्ति हुई है वह अप्रशिक्षित अर्थात बीएड डीएड नहीं किए हैं !
ऐसे में जिस हिसाब से गुपचुप तरीके से नियुक्ति हुई है तो कई सवाल पैदा हो रहा …..सवाल यही उठता है कि क्या अपने चहेतों की नियुक्ति करने के लिए सारे नियम दरकिनार कर दिए गए ? जिस प्रकार गुपचुप तरीके से नियुक्ति हुई है उससे तो यही सवाल पैदा हो रहा है कि अपने चहेतों की नियुक्ति , लेनदेन करके , नियमों की धज्जियां तो नहीं उड़ा दी गई ?
कहावत तो इसीलिए बना है कि सैंया भए कोतवाल तो डर काहे का !!! जब नियम विरुद्ध नियुक्ति से मिली राशि का हिस्सा , सभी को ( जिला में बैठे अधिकारी ) को भी मिलना है तो कार्यवाही क्या होगी ( शून्य ) !
आंकड़े क्या कहते हैं
छत्तीसगढ़ राज्य में बीएड डीएड प्रशिक्षितों की संख्या काफी ज्यादा है ! जब इस संबंध में आज की जनधारा संवाददाता ने पड़ताल की तो बीएड डीएड प्रशिक्षित संघ के एक युवा ने कहा कि कसडोल विकासखंड में ही लगभग 4 से 5 हजार की संख्या में प्रशिक्षित युवा मिल जाएंगे !
ऐसे में सवाल यह है कि क्या यह युवा , सिर्फ अपनी डिग्री अपने पास रखेंगे? और कसडोल विकासखंड में अप्रशिक्षितों को नियुक्ति मिल जाएगी ?
क्या होता है डीएमएफ ( district Mineral foundation ) फंड
जिला खनिज फाउंडेशन ( DMF ) गैर-लाभकारी स्वायत्त ट्रस्ट है जो खनन संबंधी संचालन से प्रभावित प्रत्येक जिले के समुदायों के हितों की रक्षा करता है और उन क्षेत्रों में निवास करने वाले लोगों को लाभ पहुंचाने का कार्य करता है !
क्षेत्राधिकार
इसका संचालन करने का तरीका , संबंधित राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है ! राज्य सरकार द्वारा , इसे ( DMF को ) कार्यों के लिए निर्देशित किया जा सकता है