Jharkhand Assembly झारखंड विधानसभा ने तय किया कि सिर्फ हिंदी में तैयार किया जाएगा विधेयकों का ड्राफ्ट

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Jharkhand Assembly झारखंड विधानसभा में अब सिर्फ हिंदी में पारित किए जाएंगे विधेयक

Jharkhand Assembly रांची । झारखंड विधानसभा ने तय किया है कि अब सदन से पेश और पारित किए जाने वाले विधेयकों का ड्राफ्ट सिर्फ हिंदी में तैयार किया जाएगा। राज्यपाल के पास भी मंजूरी के लिए विधेयक का हिंदी ड्राफ्ट ही भेजा जाएगा।

दरअसल, दो वर्षों में विधानसभा से पारित कई विधेयकों को राज्यपाल ने इस आधार पर लौटाया था कि उनके हिंदी और अंग्रेजी ड्राफ्ट में या तो त्रुटि या एकरूपता नहीं थी। विधानसभा अध्यक्ष का कहना है कि राजभवन या सरकार को जरूरत महसूस होगी तो वे हिंदी भाषा में पारित विधेयक का अंग्रेजी अनुवाद करा सकते हैं। सिर्फ हिंदी-अंग्रेजी अनुवाद में त्रुटि की वजह से विधेयकों के राजभवन से लौट जाने से विधानसभा को उन्हें दोबारा पारित कराने की प्रक्रिया में बहुत वक्त गंवाना पड़ता है।

वर्ष 2021 में झारखंड सरकार ने सदन से एंटी मॉब लिंचिंग एक्ट का विधेयक पारित कराया था। इसमें मॉब लिंचिंग के दोषियों को आजीवन कारावास तक का प्रावधान किया था। यह विधेयक राज्यपाल ने हिंदी और अंग्रेजी प्रारूप में अंतर रहने की वजह से लौटा दिया। ढाई साल बाद भी यह विधेयक दोबारा पारित नहीं कराया जा सका। अब इसे 28 जुलाई से शुरू हो रहे विधानसभा के मॉनसून सत्र में दोबारा पेश किए जाने की तैयारी है।

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इसी तरह पंडित रघुनाथ मुर्मू जनजातीय विश्वविद्यालय विधेयक राज्यपाल ने हिंदी-अंग्रेजी प्रारूप में अंतर के चलते लौटा दिया था। इसे सरकार को दोबारा पारित कराना पड़ा। इसके अलावा झारखंड राज्य कृषि उपज और पशुधन विपणन (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक, 2022 और झारखंड कराधान अधिनियमों की बकाया राशि का समाधान विधेयक भी इसी वजह से लौटा दिए गए थे। इसी महीने राजभवन ने एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी की स्थापना से संबंधित विधेयक लौटाते हुए उसके हिंदी-अंग्रेजी ड्राफ्ट में अंतर पर सवाल उठाया।

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