Jagdalpur News : दहशत की काली परछाई से निकल अब गीत-नृत्य से बंधने लगा है समा, मुर्दोण्डा में दुर्गोत्सव समिति का सांस्कृतिक आयोजन बना गवाह

Jagdalpur News : दहशत की काली परछाई से निकल अब गीत-नृत्य से बंधने लगा है समा, मुर्दोण्डा में दुर्गोत्सव समिति का सांस्कृतिक आयोजन बना गवाह

Jagdalpur News : जगदलपुर/बीजापर कुछ सालों पहले तक बीजापुर का आवापल्ली,मुर्दोण्डा, बासागुड़ा जैसे गांव सांझ ढलने के साथ कंटीले तारों की बाड़ और बंदूकों के साए में घिर जाया करता था

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Jagdalpur News : नक्सलवाद की काली परछाई में रातें सहमी हुआ करती थी, वक्त निकलता गया, हालात सुधरते गए , नतीजतन अब कंटीले तारो की बाड़ और दहशत की काली रात से निकलकर नाच-गाना, उत्सव और उल्लास का माहौल फिर से बनने लगा है।

नवरात्रि का पर्व गुजरने के बाद आवापल्ली-बासागुड़ा मार्ग पर स्थित मुर्दोण्डा गांव में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ।

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यह आयोजन ही इस बात का गवाह बना कि नक्सल दंश से उबरकर जिंदगी अब फिर से मुस्कुराने लगी है।
आयोजन को देखने मुर्दोण्डा समेत आसपास के गांवों से बेधड़क बहुसंख्यक ग्रामीण जुटे।

आलम यह था कि सन्ध्या कालीन यह आयोजन देर रात तक चलता रहा, गांव के ही बच्चों और नृत्य-गायन विधा से जुड़े युवाओं ने अपनी कला की प्रस्तुति देकर कार्यक्रम में समा बांधा।

आयोजन समिति की तरफ से श्रेष्ठ प्रतिभागियों का बकायदा सम्मान भी किया गया।

आयोजन समिति से जुड़े सदस्य दुर्गा रत्नम की मानें तो दुर्गोत्सव उपरांत समिति की तरफ से यह आयोजन किया गया है, पूर्व में आयोजन होते रहे,

परन्तु इस दफा दर्शकों की भीड़ अपेक्षा से बढ़कर थी, जिसे लेकर समिति और स्थानीय लोगों में हर्ष व्याप्त है।
गौरतलब है कि बीजापुर का उसूर ब्लाक जिसके तहत आवापल्ली, बासागुड़ा, मुर्दोण्डा आदि गांव आते है, समूचा क्षेत्र

अत्यधिक संवेदनशील है, बाबजूद पिछले कुछ वर्षों में इलाके में नक्सल घटनाओं में व्यापक कमी आई है, बीजापुर से आवापल्ली और आवापल्ली से बासागुड़ा के मध्य जगह-जगह सुरक्षा बल कि तैनाती है, चाक चौबंद सुरक्षा के बढ़ते दबाब में लोग अब खुली फिंजा में खुद को पाने लगे है।

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