Jagdalpur latest news : बाबुओं की मनमानी, बस्तर में चिकित्सकों को नहीं मिल रहे शासकीय आवास

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Jagdalpur latest news लिपिकों को आबंटित किये जा रहे एफ टाईप क्वार्टर

शासन के आदेशों की हो रही अवहेलना

Jagdalpur latest news जगदलपुर। बस्तर में स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल किसी से छुपा नहीं है।बस्तर में चिकित्सकों की कमी हमेशा से रही है।तमाम सरकारी लुभावने वादों और आकर्षक वेतन के बाद भी चिकित्सक यहां आने को तैयार नहीं हैं। चाहे मेडिकल कॉलेज हो या फिर जिला अस्पताल,चाहे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हो या फिर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र किसी भी जगह स्वीकृत पदों के अनुसार चिकित्सक उपलब्ध नहीं हैं।यहां आने वाले चिकित्सकों के लिए आवास सबसे बडी समस्या है फिर भी जिले का स्वास्थ्य विभाग इस मामले में लगातार लापरवाह बना हुआ है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के दफ्तर में पदस्थ बाबुओं को बड़े बड़े आवास आबंटित कर दिए गए है जो कि नियमानुसार क्लास वन अधिकारी को ही आबंटित किये जाने चाहिए।इसी तरह राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत संविदा में कार्यरत लिपिकों और डाटा एंट्री वाले ऑपरेटरों को भी शासकीय आवासों का आबंटन कर दिया गया है जो कि नियम विरुद्ध है।सीएमएचओ के जगदलपुर कार्यालय में कार्यरत एक लिपिक को एच टाईप आवास से सीधे एफ टाइप आवास आबंटित कर दिया गया है ।

एक सहायक ग्रेड 2 को वह आवास आबंटित किया गया है जो कायदे से किसी प्रथम श्रेणी के अधिकारी को आबंटित किया जाना चाहिए था।भवन विकास शाखा के बाबुओं की मर्ज़ी और खास तरह की सेटिंग पर आवासों का आबंटन किया जा रहा है।उदाहरण के तौर पर सीएमएचओ कार्यालय में पदस्थ सहायक ग्रेड 2 पी. के .धमधर को धरमपुरा स्थित 1000 वर्ग फिट का एफ टाईप सरकारी आवास आबंटित किया गया है।

जबकि राज्य शासन के नियमानुसार तृतीय वर्ग कर्मचारियों को 300 से 400 वर्ग फिट के एच टाईप आवास की ही पात्रता है।इस कर्मचारी को जारी आबंटन आदेश में एफ ,जी, एच, आई जैसी किसी भी श्रेणी का उल्लेख नहीं किया गया है और ना ही आवास आबंटन से संबंधित 16 तरह के नियमों का इस आदेश में कोई जिक्र किया गया है।इस तरह के दर्जनों मामले जिले के स्वास्थ्य विभाग में बिखरे पड़े है।इस तरह से आबंटित आवासों के किराये की गणना की जाए तो लाखों रुपये की क्षति शासन को होती दिखाई पड़ रही है।

ऐसे सभी मामलों में भवन विकास शाखा और सीएमएचओ पर कार्रवाई की जानी चाहिए जो की नहीं की जा रही है।शासन के गृह विभाग द्वारा जारी आदेश क्रमांक-77/गृह/2001दिनाँक-04-01-2001 तथा क्रमांक-डी/2036/1637/गृह/2001/दिनाँक-19-03-2001 के अनुसार सामान्य पूल के शासकीय आवासों की बाजार दर पर मासिक 7950 रुपये के मान से यदि वसूली की जाती है तो यह आंकड़ा लाखों रुपये तक पहुंच सकता है।

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वर्तमान में धरमपुरा के जिस एफ -2 आवास आबंटन आदेश का उल्लेख इस समाचार में किया गया है उसकी आबंटन तिथि 04-10-2017 है।तब से लेकर आज तक के किराए की गणना की जाए तो यह राशि 4 लाख 77 हज़ार रुपये होती है जिसकी वसूली ज़िम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों से की जानी चाहिए।

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