Jagdalpur Latest News : सुकमा जिले के कोंटा ब्लॉक में पीएमजीएसवाय के ठेकेदारों की मनमानी के आगे सभी नतमस्तक…जानिए क्या है पूरा मामला
पीएमजीएसवाई के ठेकेदार ने उजाड़ दिया जंगल , जंगल विभाग के अधिकारी जुटे ठेकेदार को बचाने में जगदलपुर।सुकमा जिले के कोंटा ब्लॉक में पीएमजीएसवाय के ठेकेदारों की मनमानी के आगे सभी नतमस्तक हैं।
जगरगुंडा से किस्टाराम के रास्ते तेलंगाना को जोड़ने वाली सड़क पीडब्लूडी की देखरेख में बन रही है।इस स्टेट हाइवे नंबर 5 को बनाने में एक तरह से पूरी की पूरी फौज लगी हुई है फिर भी सड़क बन नही पा रही है।वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क के ठेकेदारों को किसी की ज़रूरत नहीं है।
काम करो तो ठीक ना करो तो भी ठीक।क्यों कि वो जानते हैं कि यहां मूल्यांकन और सत्यापन करने कोई अधिकारी आ ही नहीं सकता।इसीलिए यहां इस काम से संबंधित कई सूचना पटल गड़े हुए हैं लेकिन सड़क का नामोनिशान नहीं है।बोर्ड भी ऐसे लगाए गए हैं
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जिसमे न काम का उल्लेख है ना काम करने वाले के नाम का और न ही लागत का।कई बोर्ड ऐसे भी हैं जिसमे जानबूझकर लोगों को भ्रमित करने के लिए उस गांव के नाम पर कालिख पोत दी गई है जहां पहुंचने के लिए ये सड़क बनाई जानी थी।
इस पूरे स्टेट हाइवे जगरगुंडा से किस्टाराम के बीच करीब एक दर्जन पीएमजीएस वाय की सड़कें स्वीकृत की गई हैं।जिनमे से एक भी सड़क पूरी नही बनाई जा सकी है।कई सड़कों में सिर्फ 20 से 25 प्रतिशत काम हुआ है और कई ऐसी भी हैं जो मौके पर हैं
ही नही।सिर्फ लोहे के बोर्ड गड़े हुए हैं।कुछ बोर्ड ऐसे भी हैं जिन पर जानकारी के नाम पर सिर्फ यहां के कार्यपालन अभियंता अनिल राठौर का नाम ही लिखा हुआ है। ठेकेदारों की मनमानी को प्रदर्शित करने के लिए यह तस्वीर काफी है।
गोलापल्ली के नज़दीक प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत एक सड़क बन रही है।यह सड़क स्टेट हाइवे नंबर 5 को वीरापुराम गाँव से जोड़ती है।इस 4 किलोमीटर लंबी सड़क में मुरुम बिछाने के लिए दोनों तरफ रिज़र्व फारेस्ट की ज़मीन जेसीबी से खोद डाली गई है।
आप कल्पना कर सकते हैं कि दोनों ओर की लंबाई को जोड़ें तो 8 किलोमीटर लंबे लगभग दस फिट चौड़े घने जंगल मे कितने पेड़ रहे होंगे।लगभग 100 के करीब बड़े बड़े वृक्ष सड़क के किनारे उखड़े पड़े हैं
और इससे कहीं ज़्यादा मंझोले और छोटे वृक्षों की संख्या होगी।ठेकेदार ने कहीं दूर से मुरुम लाने की बजाय बगल के जंगल की मिट्टी सड़क पर पाट कर जितना मुनाफा कमाया उससे 50 गुना ज्यादा उसने वन विभाग का नुकसान किया है।ऐसा सिर्फ एक जगह ही नहीं हुआ है
बल्कि इस इलाके में हर पीएमजीएसवाय की सड़क बनाने के लिए सैकड़ों पेड़ों की बली दी जा चुकी है।मजाल है कि वन विभाग के अधिकारी इनका कुछ बिगाड़ पाते।बड़े मियां और छोटे मियां के नामों से मशहूर दो बड़े कोंग्रेसी नेताओं की धौंस दिखाते यहां के ठेकेदार अपनी समानांतर सरकार चला रहे हैं।
जब वनविभाग के उच्चाधिकारियों को इसकी सूचना साक्ष्यों के साथ दी गई तब मैदानी वनअमले ने औपचारिक कार्रवाई शुरू की और मात्र 2.5 क्यूबिक मीटर लकड़ी की जप्ती बना कर मामले को निपटा दिया गया।यहां वनविभाग के अधिकारी, कर्मचारी मोटी तनख्वाह लेकर अपने जंगल बर्बाद होते देख रहे हैं
और ठेकेदारों की गुलामी करते नज़र आ रहे हैं।ये दीगर बात है कि इस कारनामे को अंजाम देने वाले ठेकेदार का नाम गुलाम बताया जा रहा है।सिर्फ ढाई घन मीटर लकड़ी हुई जप्त :- के.एस. ध्रुव उप वनमण्डलकधिकारी कोंटाकोंटा के उपवनमंडलाधिकारी के.एस. ध्रुव ने बताया कि सुकमा के ठेकेदार गुलाम गौस द्वारा यह सड़क बनाई जा रही है।
उसे पहले भी चेतावनी दी गई थी परंतु उसने फिर इस तरह का काम किया है।इस मामले में वनअधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है।2.5 घन मीटर लकड़ी मौके से जप्त की गई है।सुकमा डीएफओ ने नही की बातसुकमा के डीएफओ तेजस शेखर के मोबाईल नंबर 9599730589 पर कई बार कॉल किया गया,व्हाट्सएप के माध्यम से इस मामले में
उनका पक्ष जानने की कई बार कोशिश की गई लेकिन उन्होंने इस विषय पर बात करना मुनासिब नहीं समझा।ज़िम्मेदारों पर करेंगे कार्रवाई-सीसीएफजगदलपुर वन वृत्त के मुख्य वन संरक्षक मोहम्मद शाहिद को भी इस अवैध कटाई के प्रमाण दिखाए गए।उन्होंने इसे गंभीर लापरवाही बताया और ज़िम्मेदार लोगों पर कार्रवाई करने की बात कही