ट्रांजिट पास को लेकर उठ रहे सवाल
भाजपा के ब्लैकमेलिंग से कर्मचारी हो रहे परेशान
दिलीप गुप्ता-
सरायपाली- विगत 20 नवम्बर की रात घंटेश्वरी मंदिर के पास कांग्रेसजनों व विधायक प्रतिनिधि द्वारा सरायपाली आ रही एक रेत से भरी हाइवा को रोककर पूछताछ की गई । वाहन चालक द्वारा जो रेत का ट्रांजिट पास दिखाया गया था वह संदिग्ध लगा । इसकी जानकारी तहसीलदार को दी गई उन्होंने भी जांच की । उस घटना को लेकर वाहन चालक द्वारा कांग्रेसजनों के ख़िलाफ़ व विधायक प्रतिनिधि द्वारा हाइवा चालक के खिलाफ थाने में शिकायत पत्र दिया गया । इस प्रकरण को समझने के बजाय दोनों पार्टियों द्वारा इसे राजनैतिक रंग दे दिया गया व एक दूसरे पर आरोप लगाए गए । पर किसी ने भी इसके तह तक जाने का प्रयास नही किया । वाहन चालक द्वारा जो ट्रांजिट पास दिखाया गया वह प्रथम दृष्टि में ही संदिग्ध दिखाई दे रहा था । जांच अधिकारी द्वारा वाहन चालक से कड़ी पूछताछ व इस ट्रांजिट पास की गहन जांच किये जाने पर वास्तविकता के साथ ही चौकाने वाले तथ्य सामने आएंगे । फिलहाल यह अवैध रेत परिवहन मामला सुर्खियों ने आ गया है तो वही रेत , धान व लकड़ियों के परिवहन के मामलों में व्यवसायियों , ठेकेदारों व अधिकारियों के आपसी तालमेल से एक ट्रांजिट पास /परिवहन पत्र से अनेक गाड़ियों से दो नम्बर में परिवहन कर शासन को भारी राजस्व का नुकसान पहुंचाया जा रहा है । यह खेल क्षेत्र में लगभग प्रत्येक क्षेत्र में जो इस व्यवसाय से जुड़े हुवे हैं वर्षो से चल रहा है । शिकायत व जानकारी दिए जाने के बावजूद जब किसी भी प्रकार की कोई समुचित कार्यवाही संबंधित अधिकारियों द्वारा नही की जाती है तो ओ
परेशान होकर आम जनता , जनप्रतिनिधियों व राजनैतिक पार्टीयों को सड़क में उतर कर इस तरह की कार्यवाही किया जाना मजबूरी व जरूरी हो जाता है । और यही कार्यवाही कांग्रेस पार्टी द्वारा की गई ।
इस संबंध में विधायक चातुरी नन्द व विधायक प्रतिनिधि भारत मेश्राम ने जानकारी देते हुवे बताया कि कांग्रेसजनों व विधायक प्रतिनिधि को लगातार क्षेत्र में डंपरों के माध्यम से अवैध रेत परिवहन किये जाने की शिकायतें व जानकारी मिल रही थी । संबंधित अधिकारियों को जांच व कार्यवाही किये जाने हेतु कहा गया था । किंतु अपेक्षित कार्यवाही नही होने के अभाव में उन्हें स्वयं सड़क पर उतरना पड़ा । घंटेश्वरी मंदिर के पास रेत से भरी हाइवा को रोक गया । वाहन चालक से रेत परिवहन से संबंधित कागजात मांगे जाने पर वह एक अस्पष्ट कागज दिखाया जिस पर वाहन से संबंधित कोई जानकारी व नम्बर नही लिखा था । इसकी जानकारी तहसीलदार को दी गई । उन्होंने घटना स्थल पर पहुंचकर जांच की । मौके का फायदा उठाकर वाहन चालक द्वारा गाड़ी के पीछे जाकर उक्त कागज में पेन से गाड़ी का नम्बर दर्ज कर रहा था । इसकी जानकारी तहसीलदार को दी गई । इस कार्यवाही के दौरान किसी भी प्रकार की न कोई मारपीट की गई न ही गली गलौच की गई ।वाहन चालक द्वारा 25 हजार लूट का आरोप पूरी तरह निराधार है ।
इस संबंध में उस संवाददाता को व्हाट्सएप के माध्यम से जो ट्रांजिट पास की कॉपी दी गई है उसे प्रथम दृष्टया में देखने पर ही अनेक संदेहो को जन्म दे रहा है । वाहन चालक द्वारा घटना स्थल पर प्रस्तुत किये गए खनिज परिवहन पत्र क्रमांक 7204037 पूरी तरह से अस्पष्ट है । उसे देखने से ऐसा लगता है जैसे पुराने लिखे शब्दो को मिटाकर नया कुछ लिखा गया है पर वह भी स्पष्ट नही है । पत्र में परिवहन किये जाने का दिनांक , समय व निर्धारित रुट लिखा होता है वह भी दिखाई नही दे रहा । पत्र में वाहन नम्बर भी नही था जिसे बाद में चालक द्वारा दर्ज किया गया । परिवहन पत्र में कहीं भी जहां से पत्र जारी किया गया है उनका सील , हस्ताक्षर भी नही है और ना ही प्राप्त परिवहन कर्ता का । इस व्यवसाय से जुड़े कुछ व्यवसायियों से संपर्क करने पर उन्होंने इसे पूरी तरह फर्जी व नकली परिवहन पत्र बताया । जिसके यहां से रेत उठाने की बात बताई गई वह इससे इनकार कर रहा है । ऐसा विधायक चातुरी नन्द ने बताया । इस रेत को ओडिशा से लाना बताया जा रहा है जबकि ओडिशा से छत्तीसगढ़ में रेत का परिवहन नही हो सकता ।
इस संबंध में विधायक चातुरी नन्द ने बताया कि पता नही कितने दिनों से इस तरह अवैध रूप से लाये जा रहे रेत परिवहन से शासन को लाखों रुपये की रॉयल्टी चोरी कर आर्थिक रूप से राजस्व का नुकसान हो रहा है और यदि इन अवैध कार्य को कांग्रेसजनों द्वारा रोका जा रहा है तो भाजपा के लोग इसे गुंडागर्दी व लूटमार करना प्रचारित कर रहे हैं इस तरह भाजपा प्रत्यक्ष रूप से अवैध कार्य करने वालो का समर्थन कर रहे हैं । यदि यह गुंडागर्दी है तो भाजपा बताये की सरायपाली विधानसभा क्षेत्र में छोटे छोटे कर्मचारियों को पार्टी फंड में सहयोग राशि देने के नाम से ट्रांसफर का डर दिखाकर अवैध वसूली की जा रही है व पार्टी के नाम से राशि लेकर स्वयं रख रहे हैं इसे भाजपा वाले क्या कहेंगे ? अनेक छोटे व बड़े कर्मचारी इनके इस तरह के ब्लेकमेलिंग से परेशान हो चुके हैं ।
फिलहाल यह रेत का मामला सुर्खियों में है । पर यह सच है कि एक परिवहन / अनुज्ञा व अन्य ट्रांजिट पास बनाकर इसके आड़ में जी ट्रक माल पर किये जाने का सिलसिला बहुत पुराना है । इस अवैध कार्य संबंधित व्यवसायियों , ठेकेदारों व अधिकारियों की मिलीभगत से संभव नही होता है ।