Bhatapara news-नमी बढ़ा रही नुकसान

 

रबी फसल में कमज़ोर गुणवत्ता से पोहा मिलें हताश

राजकुमार मल

भाटापारा- आवक और भाव भले ही बढ़े हुए हों लेकिन रबी फसल में मानक गुणवत्ता का अभाव अभी भी देखा जा रहा है। यह आमना जून मध्य में आने वाली महामाया के लिए भी बनी हुई है।

बदरा और नमी अभी भी परेशान कर रही है पोहा बनाने वाली ईकाइयों को। चालू रबी सत्र में आज दूसरा ऐसा दिन था, जब सड़क ही नहीं प्रांगण भी भरपूर आवक की वजह से जाम था। यह दृश्य अगले सप्ताह तक बने रहने की धारणा इसलिए भी है क्योंकि अंतरजिला फसल की आवक बढ़ने लगी है।

बदरा बहुत

परिपक्वता अवधि के दौरान कम सिंचाई पानी यानी ज्यादा बदरा। किसानों, कृषि वैज्ञानिकों और धान कारोबारियों की यह आशंका शत- प्रतिशत सही साबित होने लगी है। अनुमान से ज्यादा निकल रहा बदरा पोहा उत्पादन की लागत को बढ़ा रहा है। यह स्थिति रबी फसल के समापन तक बने रहने की आशंका है क्योंकि विलंब से बोई गई फसल भी सूखे की चपेट में आ चुकी है।

 

नमी बढ़ा रही नुकसान

तेज हवा, बूंदाबांदी की स्थिति को देखते हुए हार्वेस्टर से काटी गई फसल की उपज सीधे कृषि उपज मंडी प्रांगण लाई जा रही है। बगैर सूखाई गई इस उपज में नमी की मात्रा मानक से ज्यादा है। नुकसान, नमी की वजह से बढ़े हुए वजन के रूप में पोहा उत्पादन करने वाली इकाइयां उठाने के लिए विवश हैं। विकल्प है नहीं इसलिए खरीदी जारी रखी हुईं हैं ईकाइयां।

तेजी दीर्घ अवधि तक

2400 से 2650 रुपए क्विंटल। महामाया में बोला जा रहा है यह भाव आगे भी बने रहने की संभावना है क्योंकि जरुरत के अनुपात में आवक अभी भी कम ही है। इसलिए प्रतिस्पर्धी खरीदी का दौर चला हुआ है। रही-सही कसर स्टॉकिस्टों की लिवाली भी पूरी कर रही है। इधर बारीक धान में एचएमटी, सियाराम और विष्णुभोग की आवक लगभग शून्य ही है।