HIV AIDS एचआईवी-एड्स के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए होंगे विविध आयोजन

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HIV AIDS  एचआईवी-एड्स के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए होंगे विविध आयोजन

HIV AIDS  राजनांदगांव। एचआईवी-एड्स से बचाव के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के उद्देश्य से विश्व एड्स दिवस के अवसर पर जिले में विविध आयोजन किए जाएंगे। इस दौरान राजनांदगांव जिला एवं विकासखण्ड स्तर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। नर्सिंग महाविद्यालय में पोस्टर, रंगोली एवं स्लोगन प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी।

HIV AIDS  सावधानी ही एचआईवी-एड्स से बचाव का प्रमुख माध्यम है। इस बात पर जोर देते हुए प्रत्येक वर्ष एक दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। एड्स से बचाव के प्रति जागरूकता कार्यक्रम इस वर्ष कलेक्टर डोमन सिंह के मार्गदर्शन तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अशोक कुमार बंसोड़ व जिला नोडल अधिकारी डॉ. अल्पना लूनिया के निर्देशन में आयोजित किए जाएंगे।

HIV AIDS एड्स दिवस के अवसर पर राजनांदगांव जिला एवं विकासखण्ड स्तर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इस अवसर पर शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय के समाज कल्याण विभाग के छात्र-छात्राओं द्वारा राजीव नगर एवं नंदई चौक में नुक्कड़ नाटक का आयोजन कर लोगों को एचआईवी-एड्स के संबंध में जागरूक किया जाएगा।

HIV AIDS एचआईवी-एड्स के कारणए खतरे व बचाव की जानकारी दी जाएगी। साथ ही शहर में एचआईवी-एड्स की रोकथाम एवं इस बीमारी के प्रति जनजागरूकता हेतु स्वयंसेवी संस्था के द्वारा कमला कालेज चौक में हस्ताक्षर अभियान, नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया जाएगा। कौरिनभाठा वार्ड में इस संस्था के द्वारा रंगोली, मेहंदी तथा चित्रकारी प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा।

HIV AIDS इस संबंध में राजनांदगांव के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अशोक कुमार बंसोड़ ने बतायाः छत्तीसगढ़ राज्य एड्स नियंत्रण समिति के निर्देशानुसार एचआईवी-एड्स नियंत्रण की दिशा में स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। एक दिसंबर को विश्व एड्स दिवस के अवसर पर भी लोगों को एड्स से बचाव हेतु जागरूक करने का प्रयास किया जाएगा।

इस दौरान जनजागरूकता से संबंधित विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। सावधानी ही एड्स से बचाव है। इस आशय का प्रचार-प्रचार करते हुए लोगों को सावधान करने हेतु स्वास्थ्य विभाग सजग है।

एनएफएचएस-5 के आंकड़ों में है यह

राज्य के एनएफएचएस-5 के आंकड़ों में यह बात सामने आई है कि पहले जहां 20 प्रतिशत महिलाओं को ही एचआईवी एड्स की जानकारी थी वहीं अब 23 प्रतिशत महिलाओं को एचआईवी एड्स के बारे में पर्याप्त जानकारी है। इसके अतिरिक्त पहले 57 प्रतिशत महिलाएं ही जानतीं थीं कि शारीरिक संबंध के दौरान कंडोम के प्रयोग से एचआईवी एड्स से बचा जा सकता है, वहीं अब लगभग 76 प्रतिशत महिलाओं को इस बारे में पता है।

एड्स के प्रमुख लक्षण

लगातार कई दिनों तक बिना कारण के बुखार बना रहना और किसी दवा से ठीक न होना। ये एड्स के लक्षण हो सकते हैं। वजन कम होते जाना एवं तीन महीनों में ही रोगी का वजन 20 प्रतिशत कम होना भी एड्स के लक्षण हो सकते हैं।

HIV AIDS लगातार एक महीने के ऊपर पतले दस्त लगना और दवाओं से ठीक न होना। ज्यादा थकान का अनुभव होना। मांसपेशियां तनावग्रस्त और अकड़ी रहना। फ्लू जैसे लक्षण दिखने लगते हैं। इसमें बुखार, थकान, मांसपेशियों में खिंचाव, जोड़ों का दर्द, सूजन और सिरदर्द प्रमुख लक्षण हैं। यह सभी एड्स के लक्षण हो सकते हैं।

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