:देवाशीष झा:
रायपुर: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश पारित किया है. इसके अनुसार अब IGNOU के माध्यम से
इंजीनियरिंग पास कर्मचारियों की इंजीनियरिंग डिग्री को मान्यता दी गई है.
पीडब्ल्यूडी विभाग एवं जल संसाधन विभाग में कार्यरत सब इंजीनियरों की याचिका पर आए इस आदेश के बाद याचिकाकर्ताओ डिप्लोमा होल्डरों अब स्नातक इंजीनियरिंग B.Tech का दर्जा मिलेगा.
पीडब्ल्यूडी विभाग और जल संसाधन विभाग में कार्यरत सब इंजीनियरों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसमें यह बताया गया था कि डिप्लोमा इंजीनियरिंग के छात्र जिन्होंने मान्यता प्राप्त पॉलिटेक्निक कॉलेज से डिप्लोमा की डिग्री प्राप्त की थी और बाद में इग्नू से स्नातक (B.Tech) की डिग्री प्राप्त की थी और सरकारी नौकरी में थे.
डिप्लोमा होल्डर की इग्नू से प्राप्त इंजीनियरिंग की डिग्री को राज्य शासन ने सालों से स्वीकार नहीं किया था और ना ही सेवा में लाभ प्रदान किया था. जिस वजह से उनको विधिवत प्रमोशन नही मिल पा रहा है
सरकार ने आदेश जारी किया था कि डिप्लोमा होल्डरों को सरकारी सेवाओं में बीटेक की डिग्री का भी लाभ मिलेगा. जिस पर उप अभियंताओं ने शासन के उक्त निर्णय को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट अधिवक्ता अजय ठाकरे के माध्यम से याचिका प्रस्तुत की थी. सुनवाई के बाद माननीय उच्च न्यायालय ने शासन के निर्णय को खारिज करते हुए शासन को आदेशित किया है की डिप्लोमा होल्डर्स की इग्नू से ली गई बीटेक डिग्री को सेवा पुस्तिका में एंट्री करें और उन्हें समस्त सेवा लाभ 4 महीने के अंदर प्रदान करें.

इस आदेश के बाद आदेश के बाद 2011-12 के पहले डिप्लोमा होल्डर जिन्होने दूरस्थ शिक्षा प्रणाली ( IGNOU ) से इंजीनियरिंग ग्रेजुएशन, बीटेक की डिग्री
प्राप्त किए हुए और इरिगेशन का पीडब्ल्यूडी सब इंजीनियर और एसडीओ के रूप में कार्यरत है. वे इस आदेश से एग्जीक्यूटिव इंजीनियर या उनके प्रमोशन के हिसाब से पोस्ट प्राप्त कर सकेंगे.

इंजीनियरों की बीटेक की डिग्री को मान्यता हाई कोर्ट में मान्यता दे दी गई है अब यह सभी डिप्लोमा इंजीनियर B.Tech की डिग्री प्राप्त कर एग्जीक्यूटिव इंजीनियर या उनके प्रमोशन के हिसाब से पोस्ट प्राप्त कर सकेंगे.