हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग द्वारा रायपुर की जीतेश्वरी को उनके शोध प्रबंध ‘इक्कीसवीं शताब्दी की चुनौतियां और हिंदी कहानी की बदलती हुई संरचना एवं संवेदना का अनुशीलन ( किरण सिंह, तरुण भटनागर, उमा शंकर चौधरी, ज्योति चावला और दिव्य विजय की कहानियों के संदर्भ में )’ विषय पर डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की गई है।
जीतेश्वरी ने अपना यह शोध प्रबंध डॉ. कैलाश शर्मा के निर्देशन में तथा डॉ.अभिनेष सुराना के सह निर्देशन में शोध केंद्र हिंदी विभाग, शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग के माध्यम से प्रस्तुत किया था।
विदित हो कि जीतेश्वरी संपूर्ण हिंदी जगत में एक युवा समीक्षक तथा साहित्य की गंभीर अध्येयता के रूप में में जानी जाती हैं। हिंदी की सुप्रसिद्ध पत्र-पत्रिकाओं में उनकी रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। अभी हाल ही में उन्हें रजा न्यास दिल्ली द्वारा हिंदी के विख्यात कवि श्रीकांत वर्मा पर अपना शोध पेपर प्रस्तुत करने हेतु आमंत्रित भी किया गया था।