(Godavari Power & Steel Limited) माइंस प्रबंधन ने तोड़ा पुराना सेफ्टी जोन,  डीएफओ ने किया निरीक्षण, कई खामियां आई सामने

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(Godavari Power & Steel Limited) माइंस प्रबंधन ने तोड़ा पुराना सेफ्टी जोन

(Godavari Power & Steel Limited) भानुप्रतापपुर। स्थल निरीक्षण के दौरान डीएफओ जाधव श्रीकृष्ण 16 जनवरी को कच्चे माइंस स्थल पहुचे, जहा पर आरी डोंगरी स्थित गोदावरी पॉवर एन्ड इस्पात लिमिटेड रायपुर के द्वारा उत्खनन क्षेत्र में प्रमुख रूप से सेफ्टी जोन पर मटेरियल डम्प किया जाना एवं नया सेफ्टी जोन बनाने के पहले ही पुराने सेफ्टी जोन को तोड़े जाने की बात सामने आई।

इसके अलावा खनन क्षेत्र के चारो ओर सेफ्टी जोन के अंदर साढ़े सात मीटर पौधरोपण किये जाने की माइंस प्रबंधन को दिशा निर्देश भी दिए गए।

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 काफी वर्षो से ही कच्चे आरी डोंगरी गोदावरी पॉवर एन्ड इस्पात लिमिटेड रायपुर के द्वारा उत्खनन क्षेत्र में कई खामियां की शिकायत आ रही थी, उच्च कार्यालय से भी जांच के लिए पत्र आया था।

मामले को गम्भीरता से लेते हुए डीएफओ के द्वारा निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान माइंस प्रबंधन के कई लापरवाही सामने आई , प्वाइंट आई एवं जे सेफ्टीजोन भू-प्रवेश के अनुमति मिली है। लेकिन नया सेफ्टीजोन बनाने के बाद ही पुराने को तोड़ा जाना है। लेकिन माइंस द्वारा शर्तों का पालन नही किया गया।

(Godavari Power & Steel Limited) वही सेफ्टी जोन पर मटेरियल डम्प किया जा रहा है, जो नही करना है। वही खनन एरिया के चारो ओर सेप्टी जोन के अंदर साढ़े सात मीटर पौधरोपण किया जाना है। वर्तमान में खनन क्षेत्र के सेफ्टीजोन में कुछ कुछ स्थानों में छोटे छोटे पौधे मिले, इस पर प्रबंधन का कहना है कि प्रतिवर्ष पौधरोपण किया जाता है।

वनमण्डलाधिकारी  जाधव का कहना है कि पौधरोपण का उद्देश्य उसे वृक्ष बनाना है ताकि प्रदूषण कम व पर्यावरण को संतुलित बनाया जा सके। वही सेफ्टी जोन कई स्थलों पर टूटे जाने, तो कहीं पर नाला होने पर कहा कि इसके लिए माइंस प्रबंधन से नक्शा मंगाया गया है जिसे देखने के बाद ही वस्तुस्थिति मालूम होगी।

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(Godavari Power & Steel Limited) माइंस क्षेत्र के विस्तृत जांच के लिए टीम गठित की गयी है, जांच उपरान्त रिपोर्ट उच्च कार्यलय को प्रेषित की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह मामला केंद्र से संबंधित होने के कारण जांच कर रिपोर्ट उच्च कार्यालय को भेजे जाएंगे। जुर्माना व क्षतिपूर्ती की कार्यवाही का अधिकार उच्च कार्यालय को हैं।

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