From the pen of Editor-in-Chief Subhash Mishra – The journey from Yoga to Nirog
– सुभाष मिश्र
वर्तमान में योग से निरोग रहने की विधि पर खूब बातें हो रही है। योग की महत्ता हमारे देश में ही नहीं पूरी दुनिया में स्थापित की है और जिन लोगों ने योग की महत्ता को पूरी दुनिया में स्थापित की है उसमें बाबा रामदेव का नाम प्रमुखता से लिया जाता है। जैसे कि गजल को लोकप्रिय बनाने की बात करें तो जगजीत सिंह और पंकज उदास को श्रेय दे सकते हैं पर हमको अच्छे गजल की समझ रखनी है तो हम लोगों को गुलाम अली और मेहंदी हसन तक जाना पड़ेगा। ऐसे ही योग को बहुत अच्छे तरीके से समझना है तो मुंगेर के योग विद्यालय को भी समझना पड़ेगा। जहां से इस परंपरा की शुरुआत हुई थी या फिर हमें परंपरा में जाना होगा जहां हमारे ऋषि-मुनि योग साधना किया करते थे। हम अपने पौराणिक साक्ष्य को भुला नहीं सकते हैं।
21 जून को हर साल मनाए जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को लेकर बीजेपी ने मेगा प्लान तैयार किया है। एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में योग दिवस समारोह की अगुवाई करेंगे तो वहीं देश में गृह मंत्री और रक्षा मंत्री से लेकर बाकी नेता विभिन्न जगहों पर कार्यक्रमों में शामिल होंगे।
बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की अवधारणा पहली बार प्रधान मंत्री मोदी द्वारा 27 सितंबर, 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में अपने भाषण के दौरान इसे लेकर प्रस्ताव रखा था। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 11 दिसंबर, 2014 को घोषणा की कि 21 जून को योग दिवस के रूप में मनाया जाएगा। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को विश्व योग दिवस के रूप में देखा जाता है। हर साल ‘इंटरनेशनल योग दिवसÓ के मौके पर सभी लोग एक स्थान पर इकट्टे होकर योग करते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि योग करना कोई नई बात नहीं है बल्कि इसकी उत्पत्ति भारत में हजारों साल पहले ही हो गई थी। सिर्फ इतना ही नहीं इसका जिक्र ऋग्वेद जैसे पौराणिक पुस्तकों में भी मिलता है।
इस साल अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मानवता के थीम पर आधारित है ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का उद्देश्य दुनिया के लोगों को योग के जरिए कई भौतिक और आध्यात्मिक लाभों के बारे में जागरूकता फैलाना है। आपको बता दें कि हर साल इस आयोजन के लिए एक अलग विषय होता है। ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2023 का थीम ‘मानवता है। पिछले विषयों में ‘हृदय के लिए योगÓ, ‘शांति के लिए योग, ‘घर पर योग और ‘परिवार के साथ योग शामिल थे। वहीं 2015 का विषय ‘सद्भाव और शांति के लिए योग था। इसी तरह 2016 की थीम थी ‘युवाओं को जोड़ोÓ। आगे भी ऐसे थीम पर योग किया जाएगा।
योग को लेकर सियासी गलियारे में भी चहल-पहल दिखती है। इस पर भी कई पार्टियां बयानबाजी करते नजर आते हैं। इसमें गत दिनों एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने योग को इस्लाम के खिलाफ बताते हुए कहा कि मुसलमानों को योग नहीं करना चाहिए। यह इस्लाम के खिलाफ है। विश्व योग दिवस का विरोध करने के लिए मुस्लिमों को उस दिन नमाज अदा करनी चाहिए। वहीं कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने भी योग दिवस का विरोध करते हुए कहा था, ‘मैं न तो योग करूंगा, न ही किसी को करने दूंगाÓ। बीजेपी सांसद योगी आदित्यनाथ ने योग का विरोध करने वालों पर कटाक्ष करते हुए कहा था, जिनको सूर्य नमस्कार से दिक्कत है, उन्हें समुद्र में डूब जाना चाहिए। मुस्लिमों को योग करते हुए ओम की जगह अल्लाह का नाम लेने की सलाहों पर विश्व हिंदू परिषद के नेता प्रवीण तोगडिय़ा ने कहा था, योग करते हुए अल्लाह का नाम लेना शिवजी का अपमान होगा, हम ऐसा नहीं होने देंगे।
मुस्लिमों के योग पर आपत्ति की खबरों के बाद योग गुरु स्वामी रामदेव ने कहा था कि मुस्लिमों को योग का विरोध नहीं करना चाहिए। नमाज अता करते वक्त भी वज्रासन का इस्तेमाल होता है। योग को लेकर जिस प्रकार से ब्रांडिंग और सियासत देखने को मिला रहा है, इससे एक सवाल यह है कि क्या योग एक पार्टी विशेष का है या फिर एक बाबा जिन्हें चिन्हित किया जाता है। हमें ये भी समझना होगा कि कहीं बाबा योग की आड़ में अपनी ब्रांड की वस्तुएं तो नहीं थमा रहे हैं क्योंकि पतंजलि ग्रुप के प्रमुख बाबा रामदेव ने 16 जून को एक प्रेस कांफ्रेस के दौरान कहा कि पतंजलि अगले पांच वर्षों में 1 लाख करोड़ रुपये का कारोबार करना चाहता है और उम्मीद है कि वह अपने नए प्लान के तहत उपभोक्ताओं के सभी वर्गों तक पहुंच बनाएंगे। उन्होंने कहा कि समूह की कंपनी पतंजलि फूड्स इस लक्ष्य को पाने में अहम भूमिका निभाएगी। इसका कारोबार अगले पांच वर्षों में 50,000 करोड़ रुपये करने का लक्ष्य रखा गया है।
योग गुरु बाबा रामदेव के योग और फिटनेस मंत्र को तो लोग अपना ही रहे हैं, उनके ब्रांड पतंजलि को भी घर-घर में इस्तेमाल किया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक जमाने में बाबा रामदेव हरिद्वार में स्कूटर से घर-घर जाकर दवाइयां बेचते थे। आज वह काफी अच्छी जिंदगी जी रहे हैं। बाबा रामदेव आज करोड़ों की संपत्ति के मालिक बताए जाते हैं। बाबा रामदेव (स्वामी रामदेव) की कंपनी पतंजलि फूड्स लिमिटेड ने कई नए प्रॉडक्ट लॉन्च किये हैं। कंपनी ने विभिन्न कंज्यूमर सेगमेंट के लिए कुल 14 नए प्रोडक्ट्स लॉन्च किये हैं। बाबा रामदेव की अगुवाई वाले पतंजलि ग्रुप ने बड़ा लक्ष्य तय किया है। कंपनी ने सभी तरह के ग्राहकों के लिए प्रोडक्ट बाजार में उतारने की मंशा जताई है। इसके साथ ही ग्रुप ने अगले पांच वर्षों में अपना कारोबार बढ़ाकर एक लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बाबा रामदेव की नेटवर्थ साल 2022 में 190 मिलियन डॉलर बताई जाती है। भारतीय करेंसी में इसकी कीमत 1400 करोड़ रुपये है। उनकी कमाई योगा, एफएमसीजी बिजनेस और रायलिटीज से होती है। हालांकि, एक इंटरव्यू के दौरान बाबा रामदेव ने कहा था कि उनकी कमाई का शत-प्रतिशत हिस्सा चैरिटी के काम में जाता है। बाबा रामदेव अभी भी साधारण जिंदगी जीना पसंद करते हैं। रामदेव बाबा उत्तराखंड के हरिद्वार के रहने वाले हैं। वहीं पर उनका घर है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुंबई में भी रामदेव का आलीशान घर है। इसकी कीमत करीब 4 करोड़ रुपये बताई जाती है। मुंबई में उनके पास कई और भी प्रॉपर्टी है।