-सुभाष मिश्र
जावेद अख्तर का शेर है
किसी ने कर ली है सूरज की चोरी
आओ किरण-किरण इकट्ठा कर एक नया सूरज बनायें
रात के बाद जब सवेरा आता है तो हम अपनी दिनचर्या सूर्य की रोशनी से करते हैं। हमारे देश में भी ऐसे सैलानी आते हैं जिनके यहां सूर्य की रोशनी पर्याप्त नहीं होती, ऐसे में वे हमारे देश आकर सूर्य की रोशनी में अपना बदन सेंकते हैं। चाहे हमारा शरीर हो, घर हो हमें अलग-अलग तरीके से ऊर्जा की जरुरत पड़ती है और सूर्य ऊर्जा का सबसे बड़ा स्त्रोत है।
रात के खाने के बाद माँ ने ढँक दिए हैं कुछ अंगारे राख से
थोड़ी सी आग कल सुबह के लिए भी तो चाहिए
भारत सरकार ने भविष्य की जरूरतों को समझते हुए एक बड़ा फैसला लिया है। मोदी कैबिनेट ने गुरुवार को पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना को मंजूरी दे दी। इस योजना के माध्यम से एक करोड़ घरों को 300 यूनिट बिजली मुफ्त मिलेगी। इसके अलावा सालाना 15,000 रुपये की आमदनी भी होगी। 2 किलोवाट तक के सोलर प्लांट के लिए सरकार 60 फ़ीसदी सब्सिडी देगी, इसके बाद अगर 1 किलोवाट और बढ़ाना हो तो 40 फीसदी सब्सिडी दी जाएगी। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नागरिकों को हर महीने 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्रदान करने के लिए ‘पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना की घोषणा की थी। पीएम मोदी ने कहा था कि जमीनी स्तर पर इस योजना को लोकप्रिय बनाने के लिए शहरी स्थानीय निकायों और पंचायतों को अपने अधिकार क्षेत्र में रूफटॉप सौर प्रणालियों को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
दुनियाभर में बढ़ते ग्लोबल वॉर्मिंग के बीच सौर ऊर्जा हमारे पर्यावरण के लिए बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। दरअसल सौर ऊर्जा के इस्तेमाल से हम बिजली उत्पन्न करने के लिए तेल, कोयला और गैस आदि पर निर्भरता से निजात पा सकते हैं। इन परंपरागत माध्यमों से बिजली आदि बनाने में हानिकारक पदार्थों का उत्सर्जन होता है, जिससे वायु, पानी एवं मिट्टी आदि की गुणवत्ता पर दुष्प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा वैश्विक तापमान में भी वृद्धि होती है। सौर ऊर्जा से कोई प्रदूषण नहीं होता है। धरती पर अत्यधिक मात्रा में सूरज का प्रकाश उपलब्ध है, इसका उपयोग कर बड़े पैमाने पर एनर्जी तैयार की जा सकती है। भारत समेत दुनिया के कई देश सौर ऊर्जा को लगातार बढ़ावा दे रहे हैं। देश ने अपनी सौर ऊर्जा क्षमता को बढ़ाने के लक्ष्यों को तेजी से बढ़ाया है और इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए विभिन्न कदम उठाए गए हैं। इस लक्ष्य के साथ-साथ, भारत 2026 तक दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सौर उत्पादक बनने की उम्मीद है।
इसके अलावा सोलर ऊर्जा क्षेत्र में रोजगार के अवसरों में वृद्धि हो रही है। इन योजनाओं से भारत में सोलर ऊर्जा क्षेत्र में लाखों लोगों को रोजगार मिल रहा है।
दुष्यंत कुमार का शेर है
कहां तो तय था चिराग हर एक घर के लिए
कहां चिराग मयस्सर नहीं शहर के लिए
यहाँ दरख्तों के साये में धुप होती है
चलो यहाँ से चलें उम्र भर के लिए
भारत में अधिकतर आबादी गाँवों में रहती है और कई गांव ऐसे भी हैं जहाँ लोग आज भी बिजली की मूलभूत सुविधा से वंचित हैं। यही समय है कि देश में ऊर्जा की आवश्यकताओं की बढ़ती माँग को पूरा करने के लिए हम सौर ऊर्जा जैसे ऊर्जा स्रोत का इस्तेमाल शुरू करें।
गैरपरंपरागत ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ में रतनजोत से डीजल बनाने की बात हुई। इसे पूर्व में रमन सरकार ने काफी बढ़ावा भी दिया, लेकिन जमीनी स्तर पर इसे कोई खास सफलता नहीं मिल पाई। योजना काफी अच्छी थी लेकिन क्रियान्वयन में बड़ी चूक ने इसे नाकाम कर दिया।
गैरपरंपरागत ऊर्जा के कई साधन मौजूद हैं, लेकिन उन्हें व्यवहारिक रूप से इस्तेमाल में लाने में कई चुनौतियां है। अब तक की सरकारों ने इसको लेकर की खास पहल नहीं की जितना कोशिश पीएम मोदी की सरकार ने की है।