foundation day of Richa
छत्तीसगढ़ की बहुत पुरानी साहित्यिक सांस्कृतिक संस्था ऋचा से जुड़े उम्रदराज साहित्यकार,कलाकारों ने नये उत्साह,उमंग और साथियों के साथ मिलकर ऋचा के 46 वें स्थापना दिवस पर नाट्य प्रस्तुति, कव्वाली, गायन और काव्य पाठ के जरिए ऐसा माहौल जमाया कि देखने वाले हंस-हंस कर लोटपोट हुए। बहुत अरसे बाद लोगों ने डा. चितरंजन कर, केपी सक्सेना दूसरे , ब्रिगेडियर प्रदीप यदु सहित बहुत सारे पुराने लोगों को मंचन पर अभिनय करते, गाते देखा।
स्वर्गीय श्रीमती शांति यदु के द्वारा स्थापित संस्था के स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर रायपुर के वृंदावन हाल में 20 अप्रैल को यह आयोजन हुआ। चेखव के नाटक गिरगिट का नये संदर्भों के साथ केपी सक्सेना दूसरे ने पुर्नलेखन कर सहयोगियों के साथ शानदार प्रस्तुति की। इसके अलावा लस्सी को लेकर लघु नाटिका भी प्रस्तुत की गई।
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अधिकांश सेवानिवृत्त लोगों ने नई उर्जा और उत्साह के साथ अपनी प्रस्तुती दी। साहित्यकार सुरेंद्र रावल ने मोनो लाग प्रस्तुत किया। सेवानिवृत्त प्राचार्य डा. सुरेश तिवारी, दिलीप वरवंडकर, दिनेश गौतम, श्रीमती मंजू यदु ने अपने अभिनय और गायन प्रतिभा का परिचय दिया।
आयोजन में सुप्रसिद्ध उद्घोषिका कल्पना यदु भी भोपाल से आकर मौजूद रही। कार्यक्रम का संचालन मीना शर्मा ने किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या महिलाएं जिनमें संस्कृति कर्मी,साहित्यकार भी उपस्थित रहीं।