Former Chief Minister of Chhattisgarh : बघेल ने चंद्रचूड़ से केंद्रीय एजेंसियों की भूमिका की न्यायिक जांच की लगाई गुहार
Former Chief Minister of Chhattisgarh : रायपुर ! छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डॉ. डी वाई चंद्रचूड़ को पत्र लिख कर उनसे अनुरोध किया है कि केंद्रीय एजेंसियों और राज्य की एजेंसियों की भूमिका तथा कामकाज की उच्च-स्तरीय न्यायिक जांच की जाए। इस जांच की निगरानी या तो कोई उच्च न्यायालय करे या फिर आप सर्वोच्च न्यायालय की ओर से इसकी निगरानी के आदेश जारी करें।
बघेल ने पत्र में लिखा है कि उन्होंने 17 दिसंबर 2018 से तीन दिसंबर 2023 तक छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। इस अवधि के दौरान मैंने अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूरी ईमानदारी, निष्ठा और गरिमा के साथ किया तथा सर्वोच्च संवैधानिक मर्यादाओं का पूर्ण पालन किया।
उन्होंने कहा,“देश के सर्वोच्च न्यायिक पद पर आपकी महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारियों के कारण आपकी व्यस्तता से मैं अवगत हूं परन्तु छत्तीसगढ़ में जो संविधान हत्यात्मक परिस्थितियां लगातार बन रही हैं उसकी वजह से मैं आपको व्यक्तिगत रूप से पत्र लिखने के लिए बाध्य हुआ हूं। हाल ही में छत्तीसगढ़ में घटित एक घटना इस पत्र का तात्कालिक कारण बना है। चूंकि आज भारत के परिदृश्य में उच्चतम न्यायालय ही एक ऐसी संस्था बची है जिस पर आमजन का विश्वास है।”
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उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में कोयला परिवहन में कथित अवैध वसूली के एक प्रकरण की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा विगत चार वर्षों से की जा रही है। राज्य में पिछले नवंबर में हुए चुनाव के बाद सत्ता परिवर्तन हुआ। इसके बाद राज्य की एसीबी ईओडब्ल्यू द्वारा भी एक प्रकरण दर्ज किया गया। ईडी की ओर से गिरफ्तार किए गए विचाराधीन बंदियों को हिरासत में लेकर एसीबी/ईओडब्ल्यू ने नए प्रकरण में जेल में निरुद्ध कर रखा है।
Former Chief Minister of Chhattisgarh : बघेल ने कहा कि इन अभियुक्तों में से एक श्री सूर्यकांत तिवारी नाम के व्यापारी भी हैं। श्री तिवारी ने नौ सितंबर 2024 को चतुर्थ जिला एवं सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पीएमएलए) के समक्ष एक आवेदन पेश किया है। इस आवेदन के अनुसार रविवार, गत आठ सितंबर को दोपहर 12.00 बजे एसीबी/ईओडब्ल्यू के निदेशक आईपीएस अमरेश कुमार मिश्रा जेल पहुंचे और उन्होंने तिवारी को बुलाकर उनसे मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान आईपीएस मिश्रा ने श्री तिवारी से कहा कि वे कोयला परिवहन के कथित अपराध में मेरी (भूपेश बघेल) की संलिप्तता स्वीकार करें और मुझे लाभार्थी बताते हुए बयान दर्ज करवाएं।
जैसा कि तिवारी ने अपने आवेदन में लिखा है कि इस दौरान आईपीएस अधिकारी मिश्रा ने उनके साथ अभद्रता भी की और मेरा नाम न लिए जाने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी भी दी। तिवारी के अनुसार आईपीएस अधिकारी ने कहा कि अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें ( तिवारी को) अन्य प्रकरणों में भी आरोपी बना दिया जाएगा और उनके सभी परिजनों को जेल की सलाखों के पीछे डाल दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सूर्यकांत तिवारी इस समय न्यायिक हिरासत में हैं। उनके आवेदन के अनुसार इस मुलाक़ात के लिए न तो संबंधित न्यायालय से और न किसी सक्षम अधिकारी से अनुमति ली गई। श्री तिवारी ने अपने आवेदन में कहा है कि जिस समय आईपीएस अधिकारी मिश्रा ने उनसे दुर्व्यवहार किया और धमकी दी लेकिन उस समय जेल का कोई अधिकारी भी वहां मौजूद नहीं था।
श्री बघेल ने कहा,“मैं आपसे अनुरोध करना चाहता हूं कि यह पूरी प्रक्रिया न केवल विधि के आधारभूत सिद्धांतों के विपरीत है बल्कि यह पूर्वाग्रहों से भरी एक सुनियोजित साज़िश है। इस साज़िश का उद्देश्य मेरा नाम किसी भी तरह एक अपराध से जोड़ना है। और एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ऐसे अपराध कारित कर गंभीरतम षडयंत्र कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि इस पत्र के माध्यम से मैं आपके संज्ञान में कुछ और बातें लाना चाहता हूं, जिससे यह प्रमाणित हो सके कि मेरा नाम किसी भी तरह से अपराधों से जोड़ने की कोशिशों का यह अकेला प्रकरण नहीं है। इससे पहले भी जांच एजेंसियों के माध्यम से मेरा नाम किसी न किसी अपराध से जोड़ने की साज़िशें और कोशिशें की जा चुकी हैं।
श्री बघेल ने कहा,“मैं 1993 से अब तक छह बार विधायक के पद पर रह चुका हूं। मैं प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष भी रहा हूं और वर्ष 2018 में चुनाव जीतने के बाद पार्टी ने मुझे मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया था। पांच वर्ष मैंने पद पर रहते हुए संविधान का पूरी तरह से पालन किया और मेरे संज्ञान में जो भी गैरकानूनी तथा आपराधिक मामले सामने आए मैंने तत्काल कार्रवाई करने में कोई कोताही नहीं बरती।”
उन्होंने कहा कि मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि मैंने किसी भी आपराधिक मामले की जांच में कोई बाधा नहीं डाली। एक संवैधानिक पद पर रहते हुए मैंने किसी भी तरह की जांच का विरोध भी नहीं किया। आज भी मैं हर तरह की जांच में सहयोग के लिए पूरी तरह से तैयार और प्रस्तुत हूं। यदि अपराध हुआ है तो एजेंसी सबूत जुटाए और दोषी व्यक्तियों को सजा दिलवाए।
बघेल ने कहा,“जो कुछ पिछले चार वर्षों में मेरे साथ घटा है, ईडी ने मुझ पर और मेरे करीबी लोगों पर जिस तरह के गंभीर आरोप लगाने की कोशिश की है, उसमें मुझे एक गंभीर राजनीतिक षडयंत्र की बू आती है। जो कुछ घटा और घट रहा है उसका एकमात्र उद्देश्य मेरी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाना, मुझे झूठे और दुर्भावनापूर्ण अभियोजन का शिकार बनाना और इन निराधार और अवैध आरोपों के माध्यम से मेरे राजनीतिक करियर को समाप्त करना है।
इन गतिविधियों का उद्देश्य और इरादा, ऐसा प्रतीत होता है कि यह मेरे, मेरे परिवार, मेरे राजनीतिक करियर, मेरे समर्थकों, मेरे भविष्य और मेरी व्यक्तिगत स्वतंत्रता को नुकसान पहुंचाने के लिए है। इन एजेंसियों द्वारा इन झूठे, अवैध और दुर्भावनापूर्ण कृों का एक मात्र उद्देश्य भी यही नज़र आता है। किसी भी रूप में ये एजेंसियां ऐसी कोई कार्रवाई नहीं करती दिखती है, जिससे उस पर विश्वास किया जा सके।”
उन्होंने कहा,“मैं बड़े सम्मान, इज्जत और चिंता के साथ आपसे विनम्र अनुरोध करता हूं कि यदि इस तरह राजनीतिक प्रतिशोध में जांच एजेंसियों का दुरुपयोग नहीं रोका गया तो छत्तीसगढ़ में कोई भी सुरक्षित नहीं रहेगा। सभी को दबाव और धमकी के तहत जीने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।”
उन्होंने निवेदन किया,“छतीसगढ़ राज्य में केंद्रीय और राज्य एजेंसियों के कामकाज के संदर्भ में संविधान की सर्वोच्चता को बनाए रखने के लिए आप हस्तक्षेप करें। इन एजेंसियों के राजनीतिक द्वेष के ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए, एक विस्तृत, निष्पक्ष और उच्च-स्तरीय जांच और अन्वेषण की तत्काल आवश्यकता है। इसके लिए अब सिर्फ न्यायापलिका पर ही विश्वास किया जा सकता है।
इसलिए, मैं विनम्रता से अनुरोध करता हूँ कि केंद्रीय एजेंसियों और राज्य की एजेंसियों की भूमिका और कामकाज की उच्च-स्तरीय न्यायिक जांच की जाए। और इस जांच की निगरानी या तो कोई उच्च न्यायालय करे या फिर आप सर्वोच्च न्यायालय की ओर से इसकी निगरानी के आदेश जारी करें।”
Former Chief Minister of Chhattisgarh : बघेल ने कहा कि इससे संविधान पर जनता का विश्वास बना रहेगा और न्याय सुनिश्चित होगा। जांच यह भी सुनिश्चित करेगी कि वे लोग जो दुर्भावनापूर्ण इरादों के साथ कार्य कर रहे हैं, उन्हें पहचाना जा सके। इसके साथ ही, मेरी, मेरे परिवार की, और मेरे समर्थकों के जीवन और स्वतंत्रता की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी।