Forest dwellers to tribals आदिवासियों को वनवासी बनाकर उनका हक छीनने किया जा रहा प्रयास: राहुल

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Forest dwellers to tribals कोरोना काल के दौरान केन्द्र सरकार द्वारा पहुंचायी गयी किसानों और मजदूरों को चोट

Forest dwellers to tribals खंडवा ! वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केन्द्र में सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर हमला करते हुए आज कहा कि हमारे देश के आदिवासियों को वनवासी बनाकर उनका हक छीनने का प्रयास किया जा रहा है।

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा जनजातीय नायक टंट्या भील की जन्मस्थली खंडवा जिले के बड़ौदा अहीर पहुंची। यहां उन्होंने एक आदिवासी सभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी का एक भाषण सुना और उसमें उन्होंने एक नया शब्द प्रयोग किया, ‘वनवासी’। अब ये शब्द, इसके पीछे एक दूसरी सोच है। आदिवासी के पीछे सोच है कि इस देश के पहले मालिक आदिवासी हैं। इसका मतलब अगर आदिवासी पहले मालिक है, तो उन्हें जमीन पर, जंगल पर, जल पर उनका हक होना चाहिए।

Forest dwellers to tribals पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि आदिवासियों और उनके बच्चों को उनका अधिकार मिलने चाहिए। अगर उनका बच्चा इंजीनियर, डॉक्टर बनने का सपना देख रहा है तो सरकार को पूरी मदद करनी चाहिए। लेकिर जब भाजपा की सरकारें स्कूल और कॉलेज को ‘प्राईवेटाइज’ कर देती हैं, उद्योगपतियों के हवाले कर देती हैं। अस्पतालों को उद्योगपतियों के हवाले कर देती हैं, तो आदिवासी के बच्चे शिक्षा नहीं पा पाते और उनके परिवारों को जब अस्पताल की जरुरत होती है, तो वहां नहीं जा पाते। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकारें रेलवेज को, बीएचईएल को ‘प्राईवेटाइज’ करने का काम, बेचने का काम करती है, तो वो सीधा आदिवासियों को चोट मारती है।

Forest dwellers to tribals उन्होंने कहा कि टंट्या मामा के बारे में सोचें, तो हमारे दिमाग में आदिवासी आता है, संघर्ष आता है, निडरता आती है, क्रांतिकारी आता है, ये शब्द आते हैं। जब वो अंग्रेजों के सामने फांसी पर चढ़ रहे थे, तो उनके दिल में डर नहीं था, क्योंकि उनके दिल में आदिवासियों के लिए प्यार था। नोटबंदी, जीएसटी और कोरोना काल के दौरान केन्द्र सरकार द्वारा किए गए कार्यो को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि जीएसटी, नोटबंदी और कोरोना के समय जो सरकार ने किया, उसमें दलितों को, पिछड़ों को, आदिवासियों को, किसानों को, मजदूरों को चोट पहुंचायी गयी।

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